हार की जीत । पाठ 7 । Class 7 Hindi Lesson 7 Question and Answer Assam | SCERT Class 7 Hindi Chapter 7 Solution | Assamese Medium Class 7 Hindi Lesson 7 Answer |

हार की जीत

1. प्रश्नों के दिए गए उत्तरों में से सही उत्तर चुनो:

(क) बाबा भारती ने अपने प्रिय घोड़े का नाम क्या रखा था?

उत्तर: सुलतान

(ख) ”मैं सुलतान के बिना ना रह सकूंगा।” यह कथन है-

उत्तर: बाबा भारती का

(ग)’जो उसे एक बार देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है।’- इस वाक्य में ‘उसे’ से किस का बोध होता है

उत्तर: सुलतान का

2. एक वाक्य में उत्तर दो:

(क) बाबा भारती को क्या देखकर आनंद आता था?

उत्तर: बाबा भारती को अपने घोड़े सुलतान को देखकर आनंद आता था।

(ख) खड़कसिंह कौन था?

उत्तर: खड़कसिंह एक प्रसिद्ध डाकू था।

(ग) खड़कसिंह बाबा भारती के पास क्यों आया था?

उत्तर: खड़क सिंह बाबा भारती के पास उसका घोड़ा देखने आया था।

(घ) बाबा भारती के मन में किस बात का डर समा गया?

उत्तर: बाबा भारती के मन में डर समा गया कि किसी भी वक्त खड़कसिंह आकर उसका घोड़ा ले जा सकता है।

(ङ) वह अपाहिज व्यक्ति कौन था?

उत्तर: वह अपाहिज व्यक्ति खड़कसिंह था।

3. संक्षिप्त में उत्तर दो:

(क) बाबा भारती सुलतान की देखभाल कैसे करते थे?

उत्तर: बाबा भारती सुलतान को बहुत प्यार करते थे। वह अपने हाथों से उसे खरहरा करते, खुद दाना खिलाते। उन्होंने सुलतान के लिए अपना समस्त धन दौलत त्याग कर सुलतान को लेकर एक छोटे से मंदिर में रहते थे।

(ख) घोड़े को देखकर खड़कसिंह ने क्या निश्चय किया?

उत्तर: खड़क सिंह को सुलतान इतना पसंद आ गया कि उसके मन में घमंड होने लगा कि ऐसा तेज और फुर्तीला घोड़ा खड़क सिंह के पास होना चाहिए। अतः उसने निश्चय किया कि यह घोड़ा वह बाबा भारती से छीन लेगा।

(ग) सुलतान की विशेषताओं के बारे में लिखो।

उत्तर: सुल्तान देखने में बहुत सुंदर और बलवान थोड़ा था। रंग रूप के मामले में भी उसके बराबर का घोड़ा नहीं था। उसकी चाल पर तो बाबा भारती भी लट्टू थे। जो भी उस घोड़े को देखता उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती थी।

(घ) सुलतान को दोबारा पाकर बाबा भारती के अंदर क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर: सुलतान को दोबारा पाकर बाबा भारती आचार्य हुए और प्रसन्नता से अपने घोड़े को गले लगा लिया। और संतोष भाव से कहने लगे की “अब कोई दीन-दुखियों की सहायता से मुंँह नाम उड़ेगा।”

4. किसने किससे और कब कहा? बताओ:

(क)”ओ बाबा, इस कंगले की भी सुनते जाना।”

उत्तर: यह वाक्य खड़कसिंह ने बाबा भारती से कहा था। जब बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे।

(ख)”इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना।”

उत्तर: यह वाक्य बाबा भारती ने खड़कसिंह से कहा था। जब खड़कसिंह ने चल करके बाबा भारती से घोड़ा छीनकर ले जा रहा था।

(ग)”अब कोई दीन-दुखियों की सहायता से मुंँह न मोड़ेगा।”

उत्तर: यह वाक्य बाबा भारती ने संतोष भाग से अपने आप से कहा था। जब खड़कसिंह ने बाबा भारती का घोड़ा लौटा दिया था।

5. अतिरिक्त प्रश्न उत्तर:

(क) बाबा भारती ने अपने घोड़े के लिए क्या-क्या छोड़ दिया था?

उत्तर: बाबा भारती ने अपने घोड़े के लिए रुपया, माल, असबाब, जमीन आदि सब कुछ छोड़ दिया था।

(ख) बाबा भारती घोड़े को कहांँ रखता था?

उत्तर: बाबा भारती घोड़े को अस्तबल में रखता था।

(ग) अपाहिज ने हाथ जोड़कर बाबा भारती से क्या कहा था?

उत्तर: अपाहिज ने हाथ जोड़कर बाबा भारती से कहा की – “बाबा, मैं दुखिया हूंँ। मुझ पर दया करो। रामाँवाला यहांँ से तीन मील है, मुझे वहांँ जाना है। घोड़े पर चढ़ा लो, परमात्मा भला करेगा।

(घ) अपाहिज ने किस का सौतेला भाई होने की बात कही थी?

उत्तर: अपाहिज ने दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई होने की बात कही थी।

(ङ) बाबा भारती की कौन सी बात खड़कसिंह के कानों में बार-बार गूंज रहे थे?

उत्तर: “लोगों को यदि इस घटना का पता लग गया तो वे किसी दिन-दुखी पर विश्वास ना करेंगे।” बाबा भारती की यह बात  खड़कसिंह के कानों में बार-बार गूंज रहे थे।