2.खेल की आवश्यकता (खेलने की आवश्यकता):

खेलकूद बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, भावनात्मक पहलुओं को बढ़ावा देता है। अंगों के संचलन, रक्त संचार, पाचन क्रिया आदि के माध्यम से बच्चों के समुचित संचालन के माध्यम से शारीरिक विकास की सहायता से बच्चों को आनंद से खेलें। इसलिए ज्यादातर समय बच्चे खेलते हैं। खेलों से बौद्धिक विकास होता है। यह भावनात्मक संतुष्टि देता है। खेल के माध्यम से भावनाओं को प्रकट किया जाता है।