संवेदना की सही व्याख्या ही समझ है। ‘अगर संवेदना की सही या सही व्याख्या नहीं की जाती है तो गलत धारणा पैदा होती है। बाहरी दुनिया से विभिन्न उत्तेजनाओं की मदद से, इंद्रियों के माध्यम से हमारे मन में सनसनी फैलती है और हमें उस संवेदना, अलगाव, समानता, समानता का सही अर्थ निर्धारित करने में…