क्या कृष्ण सूर्य देवता हैं?

ज्योतिष में सूर्य को आत्म-कारक या “आत्मा का कारक” कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में संस्कृत कारक का प्रयोग अक्सर किया जाता है। इसका अर्थ है “कारक”। प्रत्येक व्यक्तिगत चार्ट में ग्रह अपनी डिग्री की स्थिति के अनुसार जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए कारक के रूप में बारी-बारी से लेते हैं।