त्वचा रोग (Skin Disease)

खुरदरापन (ichthyosis)

इस बीमारी में शरीर की त्वचा रूखी हो जाती है और फाइबर बहुत छोटा हो जाता है। हालांकि, फाइबर के नीचे कोई सूजन नहीं है। चेहरे, बालों और अंडकोष में इस तरह का खुरदरापन अधिक आम है।

त्वचा के खुरदरापन के कारण:

आमतौर पर, त्वचा स्राव माइक्रोबियल संक्रमण के कारण होता है, लेकिन वंशानुगत दोष भी इस बीमारी का कारण बन सकते हैं।

खुरदरापन के प्रकार और लक्षण:

लक्षणों के अनुसार, रोग दो भागों में विभाजित है। यह प्रकृति में हल्का और प्रकृति में चरम है। हल्के स्वभाव वाले रोग में, त्वचा थोड़ी चैम्बर्ड होती है और बहुत पतले, गंदे फाइबर निकलते दिखाई देते हैं। सर्दियों में यह बीमारी ज्यादा होती है। चरम प्रकृति के रोग में रोगी के गले में मृत पड़ी त्वचा की त्वचा पर एक सादृश्य देखा जा सकता है। सर्दियों में यह बीमारी बहुत विकराल रूप धारण कर लेती है।

अमारा के पेड़ की छाल के रस को दो चम्मच चीनी के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक दिन में दो बार लेना चाहिए। त्वचा का खुरदरापन दूर होता है। पेड़ की पत्तियों को पत्तियों से हटा देना चाहिए। इस रस के साथ

अनन्त जड़ जड़ों के रस के साथ बराबर मात्रा में मिलाया जाना चाहिए। एक बार में यह मिश्रण
पांच चम्मच दिन में दो बार खाना चाहिए। कुछ दिनों तक इसे खाने से शरीर की त्वचा ठीक हो जाती है और त्वचा की चमक बढ़ती है।

कटहल के पेड़ की जड़ों को पानी में उबालना चाहिए। उबले हुए उबले हुए पानी को इसके एक-चौथाई हिस्से तक कम किया जाना चाहिए। इस पानी का सेवन एक बार में चार चम्मच दिन में दो बार कुछ दिनों तक करना चाहिए। साथ ही नहाने के पानी में मिलाकर नहाने से लगभग सभी त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।

त्वचा की कली के पत्ती मज्जा को 2 चम्मच और दो चम्मच कच्ची हल्दी के रस के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से सभी प्रकार के त्वचा रोग दूर हो जाते हैं। त्वचा की कली के पत्ती मज्जा को लेपित किया जाना चाहिए जहां त्वचा संक्रमित है।

त्वचा की चमक के लिए दो चम्मच आंवले का रस

इसे दिन में एक बार खाना चाहिए।

एक बाल्टी पानी में बहका के पत्ते के रस के साथ थोड़ा सा शंख भस्म मिलाकर नहाने से त्वचा पहले से ज्यादा चमकदार हो जाती है।

शरीर की त्वचा खुरदरी होने पर सरसों का तेल नियमित रूप से गड्ढे में लगाना चाहिए। फिर त्वचा कोमल हो जाती है और खुजली कम हो जाती है।

त्वचा में दरार आने पर कच्ची हल्दी का रस दिन में हर चार चम्मच पर खाना चाहिए। साथ ही रात को सोने से पहले कच्ची हल्दी खोदकर त्वचा पर लगानी चाहिए। सुबह खाली पेट गोल नींबू के रस का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा गोल नींबू का रस गड्ढे में निचोड़ा जाना चाहिए।

बेहतर होगा कि आप रोज सुबह चार चम्मच आंवले का जूस लें। जैतून का तेल लगाना बेहतर होता है।