NCERT Class 9 Social Science Chapter 1 Question Answer। फ्रासीसी क्राति। Hindi Medium

प्राचीन राजतंत्र में हुए अनुभवों का वृत्तांत

1. आगे चलकर क्रांतिकारी राजनीति में सक्रिय होने वाले जॉर्ज दान्तन ने अपनी पूरी होने के बाद के समय को याद करते हुए सन् 1793 में अपने एक मित्र को लिखा

‘मैं प्लेसिस के आवासीय कॉलेज में था। वहाँ मुझे कई महत्त्वपूर्ण लोगों का सान्निध्य मिला…। पढ़ाई पूरी होने के बाद बेकारी के दिनों में में नौकरी की तलाश में जुट गया। पेरिस के न्यायालय में नौकरी मिलनी असंभव थी। सेना में नौकरी का विकल्प भी मेरे लिए नहीं था क्योंकि मैं न तो जन्मजात कुलीन था और न ही मेरा कोई संरक्षक था। चर्च भी मुझे आसरा नहीं दे सका। मैं कोई ओहदा भी खरीदने की स्थिति में नहीं था क्योंकि मेरी जेब में एक सू (फ्रांसीसी पैसा) तक नहीं था। पुराने दोस्तों ने भी मुँह मोड़ लिया था।… व्यवस्था ने हमें पढ़ा-लिखा तो दिया था लेकिन हमारी प्रतिभा के इस्तेमाल के अवसर उपलब्ध नहीं कराए थे।

2. आर्थर यंग नाम के एक अंग्रेज ने सन् 1787-1789 के दौरान फ्रांस की यात्रा की और अपनी यात्रा का विस्तृत वृत्तांत लिखा। इस वृत्तांत में उसकी यह टिप्पणी दिलचस्प है :

‘सेवा टहल में लगे अपने गुलामों, खासतौर पर उनके साथ बुरा व्यवहार करने वाले को पता होना चाहिए कि इस तरह वह अपनी जिंदगी को ऐसी स्थिति में डाल रहा है जो उस स्थिति से बिल्कुल भिन्न होती जिसमें उसने मुक्त लोगों की सेवाएँ ली होतीं और उनसे बेहतर बर्ताव करता। जो अपने पीड़ितों की कराह सुनते हुए भोज उड़ाना पसंद करते हैं उन्हें दुर्ग के दौरान अपनी बेटी के अपहरण या बेटे का गला रेत दिए जाने का दुखड़ा नहीं रोना चाहिए।’

यहाँ यंग क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं? ‘गुलामी’ से उनका क्या आशय है? वह किसकी आलोचना कर रहे हैं? सन् 1787 में उन्हें किन खतरों का आभास होता है?

तृतीय एस्टेट के प्रतिनिधि मध्य में एक मेज पर खड़े असेंबली अध्यक्ष बेयली की और हाथ उठाकर शपथ लेते हैं। क्या आप मानते हैं कि उस समय बयलो निर्वाचित प्रतिनिधियों की ओर पीठ करके खड़ा रहा होगा? बेयली को इस तरह दर्शाने (चित्र 5) के पीछे डेविड का क्या इरादा प्रतीत होता है?

पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र

1. आदमी स्वतंत्र पैदा होते हैं, स्वतंत्र रहते हैं और उनके अधिकार समान होते हैं।

2. हरेक राजनीतिक संगठन का लक्ष्य आदमी के नैसर्गिक एवं अहरणीय अधिकारों को संरक्षित रखना है। ये अधिकार हैं स्वतंत्रता, सम्पत्ति, सुरक्षा एवं शोषण के प्रतिरोध का अधिकार।

3.समग्र संप्रभुता का स्रोत राज्य में निहित है कोई भी समूह या व्यक्ति ऐसा अनाधिकार प्रयोग नहीं करेगा जिसे जनता की सत्ता की स्वीकृति न मिली हो।

4.स्वतंत्रता का आशय ऐसे काम करने की शक्ति से है जो औरों के लिए नुकसानदेह न हो।

5. समाज के लिए किसी भी हानिकारक कृत्य पर पाबंदी लगाने का अधिकार कानून के पास है।

6. कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति है। सभी नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से इसके निर्माण में भाग लेने का अधिकार है। कानून की नज़र में सभी नागरिक समान हैं।

7.कानूनसम्मत प्रक्रिया के बाहर किसी भी व्यक्ति को न तो दोषी ठहराया जा सकता है और न ही गिरफ्तार अथवा नजरबंद किया जा सकता है।

8.प्रत्येक नागरिक बोलने, लिखने और छापने के लिए आजाद है। लेकिन कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत ऐसी स्वतंत्रता के दुरुपयोग की जिम्मेदारी भी उसी की होगी।

9 सार्वजनिक सेना तथा प्रशासन के खर्च चलाने के लिए एक सामान्य कर लगाना अपरिहार्य है। सभी नागरिकों पर उनकी आय के अनुसार समान रूप से कर लगाया जाना चाहिए।

10. चूंकि संपत्ति का अधिकार एक पावन एवं अनुलंघनीय अधिकार है, अतः किसी भी व्यक्ति को इससे वंचित नहीं किया जा सकता है, जब तक कि विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक आवश्यकता के लिए संपत्ति का अधिग्रहण करना आवश्यक न हो। ऐसे मामले में अग्रिम मुआवजा जरूर दिया जाना चाहिए।

1. बॉक्स में स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व के प्रतीकों की पहचान करें।

2. ले वार्विये के पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र (चित्र 8) में चित्रित प्रतीकों की व्याख्या करें।

3. 1791 के संविधान में नागरिकों को दिए गए राजनीतिक अधिकारों के घोषणापत्र (स्रोत ग) के अनुच्छेद । एवं 6 में दिए गए अधिकारों से तुलना करें। क्या दोनों दस्तावेज एक-दूसरे के अनुरूप हैं? क्या दोनों दस्तावेजों से एक ही विचार का बोध होता है?

4. 1791 के संविधान से फ्रांसीसी समाज के कौन-से समूह लाभान्वित हुए होते? किन समूहों को इससे असंतोष हो सकता था? मरा ने भविष्य के बारे में कौन-से पूर्वानुमान (स्रोत ख) लगाए थे?

5. फ्रांस की घटनाओं से निरंकुश राजतंत्र वाले प्रशा ऑस्ट्रिया, हंगरी या स्पेन आदि देशों पर पड़ने वाले प्रभावों की कल्पना कीजिए। फ्रांस में हो रही घटनाओं की खबरों पर राजाओं, व्यापारियों किसानों, कुलीनों एवं पादरियों ने कैसी प्रतिक्रिया दी होगी?

ओलम्प से गूज के घोषणापत्र में उल्लिखित कुछ मूलभूत अधिकार

1. औरत जन्मना स्वतंत्र है और अधिकारों में पुरुष के समान है।

2. सभी राजनीतिक संगठनों का लक्ष्य पुरुष एवं महिला के नैसर्गिक अधिकारों को संरक्षित करना है। ये अधिकार हैं स्वतंत्रता, संपत्ति सुरक्षा और सबसे बढ़कर शोषण के प्रतिरोध का अधिकार ।

3. समग्र संप्रभुता का स्रोत राष्ट्र में निहित है जो पुरुषों एवं महिलाओं के संघ के सिवाय कुछ नहीं है।

4. कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति होनी चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिकों का या तो व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से विधि-निर्माण में दखल होना चाहिए। यह सभी के लिए समान होना चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिक अपनी योग्यता एवं प्रतिभा के बल पर समान रूप से एवं बिना किसी भेदभाव के हर तरह के सम्मान व सार्वजनिक पद के हकदार हैं।

5. कोई भी महिला अपवाद नहीं है। वह विधिसम्मत प्रक्रिया द्वारा अपराधी ठहरायी जा सकती है, गिरफ्तार और नजरबंद की जा सकती है। पुरुषों की तरह महिलाएँ भी इस कठोर कानून का पालन करें।

1. इस अध्याय में आपने जिन क्रांतिकारी व्यक्तियों के बारे में पढ़ा है उनमें से किसी एक के बारे में जानकारियाँ इकट्ठा करें। उस व्यक्ति को संक्षिप्त जीवनी लिखें।।

2. फ्रांसीसी क्रांति के दौरान ऐसे अखबारों का जन्म हुआ जिनमें हर दिन और हर हफ्ते की घटनाओं का ब्यौरा दिया जाता था। किसी एक घटना के बारे में जानकारियाँ और तस्वीरें इकट्ठा करें तथा अखबार के लिए एक लेख लिखें। आप चाहें तो मिराव्यों ओलम्प दे गूज या शेवस्यर के साथ काल्पनिक साक्षात्कार भी कर सकते हैं। दो या तीन का समूह बना लें। हर समूह फ़्रांसीसी क्रांति पर एक दीवार पत्रिका बना कर बोर्ड पर लटकाए। NC

3. क्या आप इस तर्क से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश में नाना अंतर्विरोध थे?

4. नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?

प्रश्न

1. फ्रांस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई ?

2. फ्रांसीसी समाज के किन तबकों को क्रांति का फायदा मिला? कौन-से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई होगी?

3. उन्नीसवीं और बोसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति कौन-सी विरासत छोड़ गई ?

4. उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएँ जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में है।