पागल और कामुक (Insanity and Nymphomanla))

यह एक मानसी रोग है। कई बार बीमारी पर ध्यान न देने से कई तरह की लाइलाज बीमारियां हो जाती हैं। कामुकता अपनी वासनापूर्ण प्रवृत्ति को पूरा करने के लिए सभी भय, शर्म, भय को त्याग देती है। सोचने की शक्ति गायब हो जाती है। दुर्भावनाओं के अनुयायी बनें।

घरेलू देखभाल:

अपराजिता की जड़ का रस पांच ग्राम गाय के मूत्र ने चावल को बारीक ढंग से धोया।

दिन में दो बार पानी पीने से पागलपन और कामुकता ठीक हो जाती है।

धतूरे के पेड़ की जड़ का चूर्ण 50 ग्राम, छोटे चावल 300 ग्राम और गुड़ को 4 लीटर दूध में उबालकर थोड़ा घी मिलाकर पीना चाहिए। इन प्याज को थोड़ा सा खाने से पागल, मिर्गी, टेटनस आदि बीमारियां ठीक हो जाती हैं।

चार चम्मच ब्रह्मिशक के रस में थोड़ा-सा चूर्ण शहद मिलाकर पीने से पागलपन के रोगों में लाभ हो सकता है। इस दवा को एक महीने के लिए दिन में तीन बार लिया जाना चाहिए।