मीराँबाई
Lesson- 5
- उत्तर दो:
(i) मीराँबाई कौन थी? उनकी शादी किसके साथ हुई थी?
उत्तर: मीराँबाई मेड़वा की राजकुमारी थी। उनके पिता का नाम रत्नसिंह था। मीराँबाई कृष्ण-भक्ति के गीत गाने वाली एक कवियत्री थी। जिसके गीत मीराँ-भजन से प्रसिद्ध है।
उनकी शादी चित्तौड़ के राजकुमार भोजराज से हुई थी।
(ii) राणा सांगा कौन थे?
उत्तर: राणा सांगा चित्तौड़ के राजा थे।
(iii) पारिवारिक परिवेश ने किस प्रकार मीराँबाई के जीवन पर प्रभाव डाला? लिखो।
उत्तर: मीराँबाई का जन्म प्राचीन राजपूताने के मेड़ता राज घराने में हुआ था। उनके पिता थे रत्नसिंह। शैशव अवस्था में ही मांँ के देहांत हो जाने के कारण मीराबाई का पालन पोषण पितामह दादू के द्वारा हुआ। दादू परम वैष्णव भक्त थे और दादू के संग रहते-रहते मीरा के हृदय में भी कृष्ण भक्ति का भाव उमड़ पड़ा था। उस समय उनके राज परिवार में शिक्षा दीक्षा का कोई विशेष प्रबंध ही नहीं था। मीरा ने जो कुछ भी सीखा वह सब अपने पारिवारिक वातावरण, समाज में प्रचलित लोकगीत, एवं राजमहल में आने वाले सन्यासी एवं साधु के उपदेश से ही सीखा है। इस प्रकार मीराँबाई के जीवन पर पारिवारिक परिवेश ने प्रभाव डाला है।
(iv) तत्कालीन प्रथा के अनुसार मीराँबाई क्यों सती नहीं बनी?
उत्तर: तत्कालीन प्रथा के अनुसार मीराबाई इसलिए सती नहीं बनी, क्योंकि उसने स्वयं को अजर-अमर कृष्ण की चिर सुहागिनी मान लिया था।
(v) मीराँबाई द्वारा विरचित पद और भजन किस नाम से प्रसिद्ध है?
उत्तर: मीराँबाई द्वारा विरचित पद और भजन “मीराँबाई की पदावली” से प्रसिद्ध है।
(vi) मीराबाई का जन्म कब और कहांँ हुआ था?
उत्तर: मीराँबाई का जन्म सन 1498 ई. के आस-पास प्राचीन राजपूताने के मेड़ता प्रांत के समीपवर्ती गांँव ‘कुडकी’ में हुआ था।
(vii) मीराँबाई किसे अमूल्य रत्न-धन समझती है?
उत्तर: मीराँबाई कृष्ण-भक्ति को ही अमूल्य रत्न धन समझती है।
- वाक्य बनाओ:
उत्तर:
प्रबंध: आज के कार्यक्रम में बहुत अच्छा प्रबंध किया गया है।
स्वर्गवास: कल मेरे दादाजी का स्वर्गवास हो गया।
सुहागिनी: मीराँबाई खुद को कृष्ण की चिर सुहागिनी मानती थी।
प्रथा: दहेज देने की प्रथा सदियों से चली आ रही है।
रचना: कहानीकार अपने काल्पनिक रचनाओं से कहानी लिखता है।
- नीचे दिए गए वाक्यों में आये कारक और विभक्ति पहचानो:
(i) पुलिस ने चोर को पकड़ा।
उत्तर: यहांँ ‘कर्ता’ कारक और ‘ने’ विभक्ति का प्रयोग किया गया है।
(ii) पेड़ से पत्ता गिरा।
उत्तर: यहांँ ‘अपादान’ कारक और ‘से’ विभक्ति का प्रयोग किया गया है।
(iii) बच्चे को दूध पिलाओ।
उत्तर: यहांँ ‘कर्म’ कारक और ‘को’ विभक्ति का प्रयोग किया गया है।
(iv) हम कलम से लिखते हैं।
उत्तर: यहांँ ‘करण’ कारक और ‘से’ विभक्ति का प्रयोग किया गया है।
(v) घर में कौन है?
उत्तर: यहांँ ‘अधिकरण’ कारक और ‘में’ विभक्ति का प्रयोग किया गया है।
(vi) रमेश रीता का भाई है।
उत्तर: यहांँ ‘सम्बन्ध’ कारक और ‘का’ विभक्ति का प्रयोग किया गया है।
(vii) श्याम के लिए पानी लाओ।
उत्तर: यहांँ ‘सम्प्रदान’ कारक और ‘के लिए’ विभक्ति का प्रयोग किया गया है।
- कारक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: कारक आठ प्रकार के होते हैं।
(i) कर्ता कारक – ने
(ii) कर्म कारक – को
(iii) करण कारक – से
(iv) सम्प्रदान कारक – को, के लिए
(v) अपादान कारक – से
(vi) सम्बन्ध कारक – का, के, की
(vii) अधिकरण कारक – में, पर, पै
(viii) संबोधन कारक – हे, अरे,अजी
Reetesh Das
M.A in Hindi