तब याद तुम्हारी आती है
Lesson 1
- उत्तर लिखो:
(क) ‘तब याद तुम्हारी आती है’ कविता के कवि कौन है?
उत्तर: सोहनलाल द्विवेदी।
(ख) सिरजनहार कौन है? कवि को भगवान की याद क्यों आती है?
उत्तर: ईश्वर यानी भगवान ही सिरजनहार है। कवि को भगवान की याद इसलिए आती है, क्योंकि वह जब जब इस विश्व ब्रह्माण्ड की अनुपम और मनमोहक नजारों को देखते हैं तब तब उन्हें इसके सृष्टिकर्ता परमपिता की याद आ जाती है।
(ग) कविता के माध्यम से कवि हमें क्या बताना चाहते हैं?
उत्तर: कविता के माध्यम से कवि हमें यह बताना चाहते हैं कि हम जो यह कुदरत के मनमोहक नजारे को देखते हैं जिसका हम लुफ्त उठाते है, यह सब भगवान की देन है। भगवान ने ही यह सुंदर धरती बनाई है। इसीलिए हमें हमेशा भगवान का स्मरण करना चाहिए।
(घ) मैदानों तथा वन-बागो में कब हरियाली लहराती है?
उत्तर: बरसात के मौसम में जब बरसात की बूंँदे धरती पर गिरती है तब मैदानों तथा वन-बागो में हरियाली लहराती है।
- प्रस्तुत कविता को गद्य भाषा में लिखो।
उत्तर: इस कविता में कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने प्रकृति के मनमोहक नजारों को देखते हुए किस प्रकार भगवान की याद में खो गए है उसका वर्णन है।
कवि कहते हैं कि जब वे बहुत सुबह उठते हैं तब उन्हें चिड़ियों की चहकने की आवाज सुनाई देती है। और जब बाहर आकर फूलों के बाग को देखते हैं तब फूलों की नन्ही नन्ही कलियाँ खिलने लगती है और जब लोगों के घरों में पूजा की जाती है, तब पूजा की आरती में से फूल और अगरबत्ती की महक बाहर तक लहराती है। और तभी, कवि को जग के सृष्टिकर्ता भगवान की याद आ जाती है।
जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तब छम-छम करती बारिश की बूंदे धरती पर गिरने लगती है, बादलों में बिजली चमकने लगती है। तब सूखी पड़ी मैदान फिर से वन-बागो में बदल जाती है, चारों ओर हरियाली लहराने लगती है और ठंडी ठंडी हवा के झोंके हम से टकराती है तो हमें शांति का अहसास कराती है। अतः कवि के अनुसार तभी हमें प्रभु की याद आ जाती है।
कवि कहते हैं कि जब रात में चुपचाप चमकते हुए तारे आकाश में निकलते हैं, तो ऐसा लगता है मानो कि वे कोई महफिल सजा रहे हैं और उस महफिल में चांँद के आगमन से उस दृश्य की शोभा और भी बढ़ जाती है। जब भी वे इस दृश्य को देखते हैं उनकी दिल की दुनिया आनंद से भर जाती है। तारे ऐसे महफिल सजाकर क्या करते हैं कवि को कुछ नहीं पता। लेकिन कवि के दिल में वे कुछ न कुछ संदेशा जरूर दे जाते हैं। तथा इन सभी अनुपम और अपूर्व दृश्य को देख कवि को इन सबके सृष्टिकर्ता प्रभु यानी भगवान की याद आ जाती हैं।
- अर्थ समझाकर लिखो:
“जब बहुत सुबह चिड़ियांँ उठकर,
कुछ गीत खुशी के गाती हैं।
कलिया दरवाजे खोल-खोल,
जब दुनिया पर मुस्काती है।
तब याद तुम्हारी आती है।”
उत्तर: इस पंक्ति का भावार्थ यह है कि कवि देखते हैं कि सूर्य के उदय होते ही चिड़ियाँ अपने घोसले से बाहर निकलकर चहकने लगती है। उसकी चहकने की आवाज इतनी मधुर लगती है कि मानो वह खुशी खुशी कोई गीत गा रही हो। और जब भी वन-बागो में खिलते हुए फूलों की कलियों को देखते हैं कवि को ऐसा लगता है मानो वे मुस्कुरा रहे हैं। तथा इस अनुपम दृश्य को देख कवि को भगवान की याद आ जाती है। क्योंकि भगवान ने ही तो इन सभी को बनाया है।
- किन पंक्तियों से पता चलता है?
(i) कवि का दिल आनंद में जग जाता है।
उत्तर: जब चांँद शान में उठता है,
दिल की दुनिया जग जाती है।
(ii) कवि के अनुसार तारे महफिल सजाते हैं।
उत्तर: चुपचाप चमकते तारों की,
महफिल जब रात सजाती है।
- समानार्थी शब्द लिखो:
उत्तर:
सुखी – आनंद
चिड़ियाँ – पक्षी
खुशबू – सुगंध
दिल – हृदय
सुबह – सवेरा
दुनिया – विश्व
गीत – गाना
- वाक्य बनाओ:
(क) लहार:- समुद्र की लहरों ने नांँव को डुबो दिया।
(ख) बूंँद:- छत से बारिश की बूंँदें टपक रही है।
(ग) मुस्कुराना:- अंजलि हमेशा मुस्कुराती रहती है।
(घ) हरियाली:- खेतों में चारों ओर हरियाली छाई हुई है।
(ङ) महफिल:- आज अभिनेताओं के लिए महफिल सजाई गई है।
(च) संदेश:- डाकिया संदेश लाया है।
- पक्षियों की आवाज सूचक शब्द लिखो:
उत्तर:
कोयल – कूक
कबूतर – गुटर गूंँ
पपीहा – कुँहु कुँहु
कौआ – कांव कांव
मुर्गी – कुक्डूकू
Reetesh Das
(M.A in Hindi)