AJB Class 6 Hindi Chapter 7 Answer आत्मनिर्भरता

आत्मनिर्भरता

Lesson 7

  1. आत्मनिर्भरता ही तरक्की की बुनियाद है-चर्चा करो।

उत्तर: आत्मनिर्भरता ही कामयाबी की चाबी है। काम छोटा हो या बड़ा उस काम को अगर आत्मविश्वास से किया जाए तो कोई भी व्यक्ति उन्नति के शिखर तक पहुंँच सकता है। आज यूरोप के लोग इतने आत्मनिर्भरशील है कि वहांँ के विद्यार्थी भी छुट्टी के समय दुकान, उद्योग, कारखाना आदि में काम करते हैं। आत्मनिर्भरता के साथ तरक्की करना यूरोप के लोगों का स्वभाव बन चुका है। इसलिए कहा गया है कि आत्मनिर्भरता ही तरक्की की बुनियाद है।

  1. संपूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) भिक्षुक कैसे अपना दैनन्दिन जीवन बिताता था?

उत्तर: भिक्षुक दैनंदिन घर घर जाकर हाथ फैलाकर भीख मांगता फिरता था। भीख मांगते वक्त लोगों से खरी-खोटी बातें सुनना, धमकियांँ खाना तथा लोगों से मार खाना उसके दैनंदिन जीवन का हिस्सा बन चुका था।

(ख) भिक्षुक को देखकर व्यक्ति ने क्या सोचा? फिर उसने क्या किया?

उत्तर: भिक्षुक को देखकर व्यक्ति ने सोचा कि यह व्यक्ति तो एकदम युवा है, सिर्फ खाद्य के अभाव में दुबला पतला हो गया है।

         फिर उस व्यक्ति ने घर के अंदर से भिक्षुक के लिए रोटी-सब्जी लाकर उसे खाने दिया।

(ग) गांधीजी ने भिक्षुक को भिक्षा के रूप में क्या दिया?

उत्तर: गांधीजी ने भिक्षुक को भिक्षा के रूप में एक कुल्हाड़ी दिया।

(घ) हाथ में कुल्हाड़ी देकर गांधीजी भिक्षुक को क्या उपदेश दिया?

उत्तर: हाथ में कुल्हाड़ी देकर गांधीजी ने भिक्षुक को यह उपदेश दिया कि “आप जैसे युवा लोगों को भिक्षा मांगना शोभा नहीं देता। आप युवा हैं, आप में शक्ति है, फिर भी आप क्यों घर घर भिक्षा मांगते हैं? आप इस कुल्हाड़ी को ले जाइए और लकड़ी काटना शुरू कर दीजिए। आपको आत्मनिर्भरशील बनना है। दूसरों पर भरोसा कर जीना नहीं चाहिए, देश और समाज तभी तरक्की कर पाएंगे जब हम प्रत्येक व्यक्ति अपने भरोसे पर जीना सीखेंगे।”

(ङ) आत्मनिर्भरता का अर्थ क्या है?

उत्तर: आत्मनिर्भरता का अर्थ है अपनी सहायता अपने आप करना। जो अन्य पर निर्भर न करके खुद पर निर्भर कर कार्य करता है, वही आत्मनिर्भरता कहलाता है।

(च) यूरोप के विद्यार्थी छुट्टी का समय कैसे बिताते हैं?

उत्तर: यूरोप के विद्यार्थी छुट्टी के समय दुकानों, उद्योगों, कारखानों आदि में काम करते हैं।

(छ) देश और समाज की उन्नति का मूलमंत्र क्या है?

उत्तर: देश और समाज की उन्नति का मूलमंत्र आत्मनिर्भरता है।

  1. खाली स्थान भरो:

(i) उसका नित्य कर्म था………, हाथ फैलाना।

उत्तर: भिक्षा मांगना

(ii) हाथ में एक………… लाकर भिक्षुक को दे दिया।

उत्तर: कुल्हाड़ी

(iii)………… पर भरोसा करके जीना नहीं चाहिए।

उत्तर: दूसरों

(iv)……….. होकर ही हम समाज और देश की उन्नति कर सकते हैं।

उत्तर: आत्मनिर्भरशील

  1. अर्थपूर्ण वाक्य बनाओ:

उत्तर:

(i) आत्मनिर्भरशील: जब देश का हर एक व्यक्ति आत्मनिर्भरशील बनेगा, तब जाकर देश की प्रगति होगी।

(ii) तरक्की: मनुष्य तभी तरक्की कर सकता है जब वह खुद पर विश्वास कर किसी कार्य को करता है।

(iii) नित्य: नित्य दिन शारीरिक परिश्रम करने से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

(iv) प्रगति: देश की प्रगति नौजवानों के हाथों में है।

(v) भरोसा: जब खुद पर भरोसा हो तो कठिन से कठिन कार्य भी आसानी से किया जा सकता है।

(vi) सहायता: एक दूसरे की सहायता करना ही मनुष्य का धर्म होता है।

(vii) स्वभाव: स्वभाव से ही मनुष्य की पहचान होती है।

  1. उदाहरण को देखो और रेखांकित शब्दों के समानार्थक शब्द प्रयोग करके वाक्य को पूर्ण लिखो:

(i) आत्मनिर्भरता (तरक्की) की बुनियाद है।

उत्तर: आत्मनिर्भरता उन्नति की बुनियाद है।

(ii) (देश) का नाम रखना चाहिए।

उत्तर: मुल्क का नाम रखना चाहिए।

(iii) आपका (नित्य) कर्म था मांगना।

उत्तर: आपका प्रतिदिन कर्म था मांगना।

(iv) वह (अंदर) चला गया।

उत्तर: वह भीतर चला गया।

(v) (लड़की) चिल्ला रही थी।

उत्तर: महिला चिल्ला रही थी।

(vi) हमारा (विद्यालय) बहुत सुंदर है।

उत्तर: हमारा पाठशाला बहुत सुंदर है।

Reetesh Das

M.A in Hindi

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