दिल्ली की आपबीती उत्तर: उत्तर: उत्तर: उत्तर: उत्तर: उत्तर: 7.व्याख्या कीजिए। (क) ‘मेरी हवा में इतनी कराह कभी न उठी थी, मेरी जमीन आंँसुओं से इतनी गिली कभी न हुई थी, जितनी आज हुई। मेरा कभी हताश न होने वाला दिल भी एक बार बैठ गया। सूरज जो दूसरे दिन मेरे महलों के पीछे से…