गंध काचू/गांधी काचू/गान काचु/गान काचू/गोंचना/गोंड काचू, अंग्रेजी नाम : सुगंधान्त्री, वैज्ञानिक नाम: होमलोमेना एरोमैटिका रॉक्सब।

प्रकृति: खीरे की एक बड़ी विविधता। लगभग 5-6 फीट लंबा, यह एशिया और अमेरिका के भूमध्यरेखीय और परिधीय भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में, यह जंगली पौधा केवल असम और मेघालय में पाया जाता है। यह असम के नाम्नी क्षेत्र में भी बहुतायत में पाया जाता है। नाम में कड़वी गंध आने पर भी इससे बदबू नहीं आती।

गुणवत्ता: त्वचा रोगों में, गंध का उपयोग पेस्ट के रूप में किया जाता है।

खाना पकाने की शैली: इसे कटोरे या बर्तनों में पीसकर विभिन्न अंजा, जैसे मछली शोरबा, बारा भजिर झोल, आदि बनाने के लिए तैयार किया जा सकता है। इस कचौड़ी की महक हर किसी को आसानी से लुभा सकती है। नामनी असम में हर महीने बच्चे के जन्म लेने पर बच्चे को दूध पिलाने की परंपरा है। गंधा काचू या गानचाना बाटी अदरक, मिर्च, मीठा तेल, हल्दी 6 बनाशक और इसके साथ-साथ जलबाता एक असमिया स्वाद है जो चेंगेरीमूर या चेंगामुरा की जड़ों के गुड़ को मिलाकर बनाया जाता है।