NCERT Class 8 Hindi Part 3 (Vasant) Chapter 14 Answer अकबरी लोटा English Medium |

 Chapter 13

आकबरी लोटा

कहानी की बात

1. “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।”लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।

उत्तरः लाला झाऊलाल को वह उधेड़बुन वाला लोटा पसंद नहीं था, फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया, लेकिन अपनी पत्नी से कुछ नहीं कहा, क्योंकि वे अपनी पत्नी को एक इंसान समझते थे, इसके अलावा वे अपनी पत्नी के भड़कीले स्वभाव को भी जानते थे, जिसके सामने वे कमजोर थे. . उसे यह भी डर था कि अगर उसने लोटे के बारे में कुछ कहा तो अगली बार उसे बाल्टी में खाना पड़ सकता है। हो सकता था।

2. “लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?

उत्तरः पानी पीते समय लाला झाऊलाल का हाथ छूट गया और वे गली में गिरने लगे, अचानक गली में शोर हुआ, लाला जी भी छत से नीचे आये। उसने देखा कि एक अंग्रेज सिर से पाँव तक भीगा हुआ अंगूठा हिला रहा है और गालियाँ दे रहा है। लालाजी समझ गये कि यह अंग्रेज उनके लोटे के पानी में भीग गया है और उससे घायल हो गया है। अब वह झगड़ा करेगा और उसके साथ आई भीड़ इस झगड़े से खुश होगी।

3. अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः अंग्रेज़ों के सामने बिलवासी मिश्र ने झाऊलाल को पहचानने से इंकार कर दिया और अजीब व्यवहार कर रहे थे, जिससे अंग्रेज़ों को ज़रा भी संदेह न हो कि मेरे प्रति दिखाई गई सहानुभूति महज़ सहानुभूति का दिखावा था।

 4.बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।

उत्तरःबिलवासी जी ने लाला झाऊलाल को उनकी पत्नी की डिक्की से पैसे चुराकर देने की व्यवस्था की, इसके लिए उन्होंने अपनी सोती हुई पत्नी के गले में पड़ी चेन से एक ताली निकाली और चुपचाप डिक्की से पैसे निकालकर बंद कर दिये। जब अंग्रेजों के माध्यम से लाला झाऊलाल के लिए धन की व्यवस्था हुई तो उन्होंने वह धन वैसे ही वापस रख लिया और उनकी पत्नी को पता नहीं चल सका।

5. आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।

उत्तरः भारत की सभ्यता, संस्कृति, कला और ऐतिहासिक वस्तुएं हमेशा से ही विदेशियों को आकर्षित करती रही हैं, इसके अलावा कुछ लोगों के अपने खास शौक भी होते हैं। अंग्रेज़ों को ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह करने का भी शौक था। इसके अलावा उनके पड़ोसी मेजर डगलस अपनी ऐतिहासिक वस्तुएं दिखाकर इस अंग्रेज का बखान किया करते थे। पिछले साल उन्होंने भारत से ‘जहांगीरी अंडा’ खरीदा था। अंग्रेज़ इससे बदला लेना चाहते थे। वह जाना चाहता था, इसलिए उसने 500 रुपये में लोटा खरीद लिया।

अनुमान और कल्पना

1. “ इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।”बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए। 

उत्तरः लाला झाऊलाल ने जानना चाहा कि उन्होंने उसके लिए धन की व्यवस्था कैसे की है, तब उन्होंने कहा कि यह अंतर तो मेरे अलावा भगवान ही जानता है, यह कहकर कि वह अपनी पत्नी से धन चुराकर उसकी संदूक से धन नहीं निकालना चाहते थे, इसके अलावा उन्होंने घर पहुंचने और उन पैसों को यथास्थान रखने की भी जल्दी थी। इसलिए मैंने ऐसा कहा।

2.’उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई। “समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।

उत्तरः बिलवासी मिश्रा ने अपने दोस्त की मदद के लिए अपनी पत्नी की डिक्की से 250 रुपये निकाले, वह पैसे देने के लिए लाला जी के घर गए, लेकिन अकबरी लोटे के माध्यम से 500 रुपये की व्यवस्था हुई। इस प्रकार लाला झूलालाल की समस्या तो हल हो गई, लेकिन असली समस्या बिलवासी मिश्र के सामने यह थी कि वह अपनी पत्नी की संदूक से चुराए गए 250 रुपए दोबारा उसी स्थान पर कैसे रखें। वह खुद जागकर अपनी पत्नी के सो जाने का इंतजार कर रहा था, ताकि जब वह सो जाए तो वह ताली बजाकर पैसे वहीं रख सके।

3. “लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए। “

‘अजी इसी सप्ताह में ले लेना । ” 

“सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”

झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए। 

उत्तरः लाला झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई बातचीत से पता चलता है कि लालाजी अतीत में अपनी पत्नी से किये गये वादे पूरे नहीं कर पाये होंगे।

1)उनकी पत्नी को लालाजी की बात पर विश्वास नहीं हुआ

2) वह उसके समय पर पैसे न देने के स्वभाव से वाकिफ थी

3) उनका स्वभाव झाऊलाल के स्वभाव से भी अधिक तीखा था

4) वह तर्क शक्ति से लालाजी को हतोत्साहित करती थी।

5) लाला झाऊलाल स्वभाव से कंजूस थे

क्या होता यदि

1.अंग्रेज लोटा न खरीदता ?

उत्तरःयदि अंग्रेज लोटा खरीदते तो बिलवासी जी अपनी पत्नी की संदूक से पैसे चुरा लेते, लाला झाऊलाल ये पैसे अपनी पत्नी को दे देते और बाद में पैसों का इंतजाम करके अपने दोस्त बिलवासी मिश्रा को दे देते, इसके अलावा वो कुछ नहीं करते। अचानक पाँच सौ रुपये भी नहीं मिल सके।

2.यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता ? 

उत्तरः अगर अंग्रेज पुलिस बुलाते तो पुलिस झाऊलाल और अंग्रेज को थाने ले जाती और दोनों को समझौता करने के लिए कहती और अंग्रेज लालाजी को मुआवजा देते, फिर भी अगर दोनों नहीं मानते तो अंग्रेज उन्हें थाने में बंद करने की धमकी देते। पुलिस स्टेशन। 

3. जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती ?

उत्तरः जब बिलवासी जी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे होते थे और वह जाग जाती थी तो पति-पत्नी के बीच झगड़ा हो जाता था, जिसमें उनकी पत्नी तरह-तरह के सवाल पूछती थी और सब कुछ उगल देती थी।

पता कीजिए

1. “ अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया। ” उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?

उत्तरः उल्का किसी तारे का एक टुकड़ा है जो चट्टानों से बना होता है। यह तारे के चारों ओर अपने पथ पर घूमता है लेकिन कभी-कभी यह टूट जाता है और पृथ्वी की ओर तेजी से गिरने लगता है। गिरते समय वायुमंडल में वायु के साथ घर्षण के कारण यह तेजी से जलता है और प्रकाश उत्पन्न करता है। इसे टूटा हुआ तारा भी कहा जाता है। ग्रह और उल्का के बीच समानताएं

1) दोनों का निर्माण चट्टान के कणों से हुआ है

2) दोनों असमानताओं वाले एक तारे के चारों ओर घूमते रहते हैं

3) ग्रहों का आकार काफी बड़ा होता है, जबकि उल्का का आकार छोटा होता है

4) ग्रह अपनी धुरी पर घूमते हैं, जबकि उल्काओं की कोई निश्चित धुरी नहीं होती

2. इस कहानी में आपने दो चीजों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ीं-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी । आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक ?

उत्तरः

3. अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए ।

उत्तरः

4. बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था यागलत ?

उत्तरः बिलवासी जी ने पैसों का इंतजाम दो तरह से किया।

1) उसने अपनी पत्नी के ट्रंक से पैसे चुराये। इसके लिए उसने सो रही पत्नी के गले की चेन से ताली खींची और चुपचाप पैसे निकाल लिए. उसका यह तरीका गलत था क्योंकि अगर इस बीच उसकी पत्नी जाग जाती तो घर में बवंडर मच जाता।

2) धन के प्रबंधन के लिए उन्होंने जो दूसरा तरीका अपनाया वह उचित नहीं कहा जा सकता क्योंकि उन्होंने एक अज्ञात अंग्रेज को मूर्ख बनाया था। इससे उसका स्वार्थ और महत्त्वाकांक्षा तो पूरी हो गई, लेकिन अगर बाद में इस अंग्रेज को ऐतिहासिक वस्तुओं के नाम पर उसके साथ की गई धोखाधड़ी का पता चला तो वह भारत की संस्कृति, जहां ‘अतिथि देवो भव’ मानी जाती है, के बारे में कितना सच मानेगा और उसकी भारतीयों पर से विश्वास हमेशा के लिए टूट जायेगा।