NCERT class 9 (स्पर्श) chapter 5। धर्म की आड़। Hindi Medium

Chapter:5

धर्म की आड़

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

1. आज धर्म के नाम पर क्या-क्या हो रहा है?

उत्तर: आज धर्म के नाम पर उत्पात किए जाते हैं,  जिद की जाति हैं, जान लेने और देने के लिए तैयार रहते हैं।

2. धर्म के व्यापार को रोकने के लिए क्या उद्योग होने चाहिए?

उत्तर: धर्म के व्यापार को रोकने के लिए दृढ़ विश्वास और विरोधियों के प्रति साहस से काम लेना चाहिए। कुछ लोग धूर्तता से काम लेते हैं, उनसे बचना चाहिए और बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए।

3. लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन का कौन सा दिन सबसे बुरा था?

उत्तर: लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन में  जिस दिन स्वाधीनता के क्षेत्र में खिलाफत, मुल्ला मौलवियों और धर्माचार्यों को स्थान दिया जाना आवश्यक समझा गया वह दिन सबसे बुरा था।

4. साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में क्या बात अच्छी तरह घर कर बैठी है?

उत्तर: साधारण से साधारण आदमी के दिल में यह बात अच्छी तरह घर कर बैठी है कि- धर्म और ईमान के लिए अपने जान भी कुर्वान करना अच्छी बात नही हैं।

5. धर्म के स्पष्ट चिह्न क्या हैं?

उत्तर: धर्म के स्पष्ट चिह्न आचरण और सदाचार।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में) लिखिए-

1. चलते -पुरजे़ लोग धर्म के नाम पर क्या करते हैं?

उत्तर: 

2. चालाक लोग साधारण आदमी की किस अवस्था का लाभ उठाते हैं?

उत्तर: चालाक लोग साधारण आदमी की धर्म की रक्षा के लिए जान लेने और देने वाले विचार और अज्ञानता का लाभ उठाते हैं। पहले वो अपना प्रभुत्व स्थापित करते हैं उसके बाद स्वार्थ सिद्धि के लिए जिधर चाहे मोड़ देते हैं।

3. आनेवाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने देगा?

उत्तर: आनेवाले समय में लोग पूजा नही कर सकेंगे, भलमनसाहत को अपने आचरण से वाख्या करनी पड़ेगी।

4. कौन-सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा?

उत्तर: धर्म के नाम पर एक दूसरे से लड़ाई करना, , दूसरेधर्म के लोगों की आजादी छीनना, देश भर में उत्पात करना, आदि कार्यों को देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा।

5. पाशचात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अंतर है?

उत्तर:  पाशचात्य देशों में धनी लोगों की ऊँची इमारतें गरीब लोगों का मजाक बनाती है। उसके अतिरिक्त उनके पास सभी सुख-सुविधाएँ हैं। गरीब लोगों का शोषण करके ये लोग धनी बने हैं। धन का मार्ग दिखाकर ये निर्धन लोगों को वश में करते हैं।

6. कौन-से लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे हैं?

उत्तर: नास्तिक लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे हैं।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. धर्म और ईंसान के नाम पर किए जाने वाले भीाषण व्यापार को कैसै रोका जा सकता है?

उत्तर: धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को रोकने के लिए दृढ़-निश्चय के साथ साहसपूर्ण कदम उठाना होगा। हमें साधारण और सीधे-साधे लोगों को उनकी असलियत बताना होगा जो धर्म के नाम पर दंगे-फसाद करवाते हैं। लोगों को धर्म के नाम पर उबल पड़ने के बजाए बुद्धि से काम लेने के लिए प्रेरित करना होगा।

2. ‘बुद्धि पर मार’  के संबंध में लेखक के क्या विचार हैं?

उत्तर: बुद्धि पर मार का अर्थ हैं कि- लोगों की बुद्धि पर अपने विचार थोपना जो, लोग आसानी से विशवास करें।

3. लेखक की दृष्टि में धर्म कि भावना कैसी होनी चाहिए?

उत्तर: धर्म की भावना ऐसा होनी चाहिए, कि- हर व्यक्ति को अपना धर्म के नीति- नियम आदि मानने या ना मानने का हक हों। धर्म के नाम पर मार-पित, न हो, कोई रुकावत नहीं आए।

4. महात्मा गांधी के धर्म-संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:महात्मा गांधी मानते थे कि धर्म वही हैं जिससे अपने मन में उदार भाव लाए। वह पूजा-पाठ नमाज पढ़ना आदि बेकार मानते थे।

5. सबके कल्याण हेतु अपने आचरण को सुधारना क्यों आवश्यक है?

उत्तर: सबके कल्याण हेतु ्पने आचरण को सुधारना आवश्यक हैं क्योंकि- आने वाले समय में हमें शुद्ध आचरण और सदाचार के बल पर ही जीवन जीना होगा।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

1. उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता, और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है।

उत्तर:  उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता, और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है।

    इस आशय का अर्थ हैं कि- साधारण आदमी धर्म के नीति- नियम के बारे में कुछ नहीं जानता। वह अधिक सोच- विचार नही कर सकता।

2. यहाँ है बुद्धि पर पहले परदा डालकर ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।

उत्तर: यहाँ है बुद्धि पर पहले परदा डालकर ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।

इस आशय का अर्थ यह रहैं कि- भारत में धार्मिक लोंगो के लीडर जो, भारत के लोगों को धर्म की झूठी कहानी लोगों को शोषण करते हैं। 

3. अब तो , आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा, आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी।

उत्तर:  अब तो , आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा, आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी।

इस आशय का अर्थ हैं कि- धर्म ही ईश्वर को प्राप्त करने का एकमात्र मार्ग हैं, इसके लिए हमें पूजा-पाठ की कई जरुरत नही हैं।

4. तुम्हारा मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके, मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो!

उत्तर: तुम्हारा मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके, मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो!

इस आशय का अर्थ यह है कि- अगर कोई नही माने क्या हमारा ईश्वरत्व कायम नही रहेगा, रहेगा क्योंकि- अगर किसीने ईश्वर को पुकारा क्या ईश्वर आएगा, नहीं आएगा। क्योंकि आराधना और पूजा किसीके कहने पर नही आता, नही जाता।