सच्चा चेला
Lesson 4
- पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो।
(क) मथुरादास बूढा आता के गुरु कौन थे?
उत्तर: मथुरादास बुढा आता के गुरु थे हरिदेव मिश्र।
(ख) कितने भक्तों को साथ लेकर वे माधवदेव के पास पहुंँचे?
उत्तर: अठारह भक्तों को साथ लेकर वे माधवदेव के पास पहुंँचे।
(ग) माधवदेव के गुरु कौन थे?
उत्तर: श्रीमंता संकरदेव माधवदेव के गुरु थे।
(घ) उन दिनों माधवदेव कहाँ रहते थे?
उत्तर: उन दिनों माधवदेव सुन्दरीदिया नामक स्थान में रहते थे।
- मथुरादास बूढ़ा आता के बारे में कम से कम पांँच वाक्य लिखो।
उत्तर: निम्नलिखित प्रश्नों के आधार पर हम मथुरादास बूढ़ा आता के बारे में पांँच वाक्य लिखने जा रहे हैं-
(i) मथुरादास बुढ़ा आता कि सबसे बड़ी विशेषता थी कि वह गुरु का आदर एवं सम्मान करता था।
(ii) उसमें धैर्य शक्ति थी।
(iii) मथुरादास बुढ़ा आता ज्ञान का भूखा था।
(iv) कोई भी निर्णय लेने से पहले सूझबूझ से काम लेता था।
(v) वह एक जिज्ञासु शिष्य था, जो ज्ञान की प्राप्ति हेतु अपने गुरु से तरह-तरह के प्रश्न पूछता रहता।
- ‘सच्चा चेला उनको मिल गया।’ किसे, कैसे सच्चा चेला मिल गया था?
उत्तर: एक दिन माधवदेव के पास उन्नीस भक्त उनका शिष्य बनने के लिए आए थे। लेकिन माधवदेव इतनी आसानी से किसी को अपना शिष्य नहीं बनाते। इसलिए उन्होंने एक परीक्षा लेनी चाही। माधवदेव ने कहा कि अगर वे अपने पुराने गुरु का नाम जमीन पर लिखकर अपने पैरों से उस नाम को पूछ डालें, तो वे उन्हें शिष्य के रूप में स्वीकार कर लेंगे। लेकिन मथुरादास को छोड़कर बाकी अठारह भक्तों ने पुराने गुरु का नाम लिखकर पैरों से पूछ दिया। और मथुरादास ने हाथ जोड़कर माधवदेव से कहा कि वह अपने गुरु का तिरस्कार नहीं कर सकता। क्योंकि जिस गुरु ने उसे अपार ज्ञान दिया उस गुरु का अपमान वह नहीं कर सकता। तथा उसे इस तरह का कार्य करके कोई दीक्षा नहीं लेनी है। यह बात सुनकर माधवदेव प्रसन्न हुए। और इस प्रकार माधवदेव को उनका सच्चा चेला मिल गया।
- बाकी अठारह भक्त वापस चले गए थे। अगर माधवदेव की जगह तुम होते तो तुम क्या करते? क्या उन्हें जाने देते?
उत्तर: अगर माधवदेव की जगह हम होते तो हम भी उन्हें जाने देते। क्योंकि जो भक्त अपने गुरु का आदर एवं सम्मान नहीं कर सकता, वह कभी भी अच्छा शिष्य नहीं बन सकता। हमें कभी किसी गुरु का तिरस्कार नहीं करना चाहिए।
- सजा कर लिखो:
(i) मिश्र हरिदेव था नाम उनके गुरुदेव का।
उत्तर: उनके गुरु का नाम हरिदेव मिश्र था।
(ii) पाकर आज्ञा गुरु प्रणाम की किया।
उत्तर: गुरु की आज्ञा पाकर प्रणाम किया।
(iii) गुरु का तिरस्कार नहीं कर मैं अपने पाऊंँगा।
उत्तर: मैं अपने गुरु का तिरस्कार नहीं कर पाऊंँगा।
- दो या तीन वाक्यों में उत्तर लिखो।
(i) मथुरादास बुढ़ा आता ने अपने गुरुदेव से कौन सा सवाल किया था? गुरु से उनको क्या उत्तर मिला?
उत्तर: मथुरादास बूढ़ा आता ने अपने गुरुदेव से सवाल किया कि- “गुरुदेव, गुरु बनने के लायक गुणों के लक्षण बताइये।”
इस प्रश्न के उत्तर में गुरु ने कहा कि- “इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए तुम्हें सद्गुरु माधवदेव के पास जाना होगा। तथा उन्हीं से तुम्हें तत्वज्ञान मिलेगा और तुम्हारी आस भी पूरी होगी।”
(ii) मथुरादास ने माधवदेव से दीक्षा लेने से क्यों इनकार किया?
उत्तर: मथुरादास ने माधवदेव से दीक्षा लेने से इसलिए इनकार किया, क्योंकि माधवदेव ने उसके पुराने गुरु का नाम जमीन पर लिखकर अपने पैरों से उस नाम को पूछ डालने को कहा था। जोकि मथुरादास ऐसा करके अपने गुरु का तिरस्कार कभी नहीं कर सकते।
(iii) आगे चलकर मथुरादास क्या बने?
उत्तर: आगे चलकर मथुरादास प्रसिद्ध वैष्णव भक्त बने। साथ ही साथ बरपेटा सत्र के प्रधान बनकर जनता के बीच आदर्शवादी पुरुष सिद्ध हुए।
- खाली जगहों की पूर्ति करो:
(i) मथुरादास पहले…….. पंथी थे।
उत्तर: चैतन्य
(ii) उनके गुरुदेव का नाम था……..।
उत्तर: हरिदेव मिश्रा
(iii) सच्चा……… उनको मिल गया।
उत्तर: चेला
(iv) मथुरादास आगे चलकर प्रसिद्ध……… भक्त बने।
उत्तर: वैष्णव
(v) बहुत से शिष्य उन दिनों……. थे।
उत्तर: मौजूद
Reetesh Das
M.A in Hindi