1. ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’ कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर: कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ने इस कविता में एक जलाशय को केंद्र बनाकर उसके चारों ओर हो रही प्राकृतिक गतिविधियों का सुंदर वर्णन किया है। कवि बताते हैं कि उस जलाशय के किनारे कुहेरा और कोहरा छाया हुआ था। चारों ओर हरे-नीले पत्तों से जलाशय घिरा हुआ था। जलाशय के पानी पर आम की डाल लटकी हुई थी और चारों ओर अंधकार छाया हुआ था। किनारे बिल्कुल सुनसान थे, तभी जुगनुओं का एक दल आकर यहाँ-वहाँ चमकने लगा।
इस समय पवन अपने साथ वन का सुगंधित परिमल लिए बहने लगा। पवन के झोंकों से नारियल के पेड़ एक-एक करके हिलने लगे, और ताड़ के पेड़ को देखकर ऐसा लगता था मानो वह सबको देख रहा है। पपीहा अपनी मीठी आवाज से छिपकर पुकार रहा था, जबकि सियार मुक्त मन से इधर-उधर घूम रहा था। जैसे ही धीरे-धीरे उजाला होने लगा, आसमान से तारे गायब होने लगे और सरोवर में हवा के झोंकों से तरंगें और लहरें उठने लगीं। यह सब देख कवि के अंतर्मन में तारे चमकने लगते हैं।
2. संक्षेप में उत्तर दो:
(क) जलाशय के किनारे घना अंधकार क्यों छाया हुआ था?
उत्तर: उस समय प्रातः काल का समय था ऊपर से चारों ओर कुहरी छाई हुई थी और चारों तरफ वनों से घिरे होने के कारण जलाशय के किनारे घना अंधकार छाया हुआ था।
(ख) सुबह प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?
उत्तर: सुबह होते ही अंधकार समाप्त हो जाता है। आसमान में नीले बादल छाने लगते हैं, फूल खिलने लगते हैं, और चिड़ियाँ चहकने लगती हैं। हरे-भरे खेत पवन के झोंकों से लहराने लगते हैं। इस समय प्रकृति एक नई ऊर्जा से भर जाती है, जो जीवन और उल्लास का अहसास कराती है।
(ग) कविता में वर्णित पशु-पक्षियों के नाम और उनके कार्यकलापों का उल्लेख करो।
उत्तर: कविता में जुगनूँ, पपीहा और सियार जैसे पशु-पक्षियों के नाम वर्णित हैं। जुगनुओं का दल जलाशय के किनारे आकर अपने शरीर से प्रकाश निकालता हुआ यहाँ-वहाँ चमक रहा था। पपीहा पेड़ की डाली पर बैठकर अपने साथी को मीठी आवाज से पुकार रहा था। वहीं, सियार आराम से जंगल में इधर-उधर घूम रहा था। इन सभी जीवों की गतिविधियाँ प्रकृति के सौंदर्य को और भी जीवंत बना रही थीं।
(घ) कविता में कुछ वृक्षों का उल्लेख है उनके नाम और उपयोगिता बताओ।
उत्तर: कविता में आम, नारियल और ताड़ जैसे वृक्षों का उल्लेख है। इन सभी पेड़ों से हमें विभिन्न फल मिलते हैं। आम के पेड़ से न केवल आम मिलता है, बल्कि इससे विभिन्न सामग्रियां, जैसे टेबल और कुर्सियाँ भी बनाई जाती हैं। इसके अलावा, आग जलाने के लिए लकड़ियों का भी इस्तेमाल होता है। नारियल के पत्तों से झाड़ू बनाई जाती है, और नारियल से लड्डू तैयार किए जाते हैं। वहीं, ताड़ के फल से रस बनाया जाता है। ये सभी वृक्ष हमें जीवन के अनेक साधन और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ प्रदान करते हैं।
3. नीचे दिए गए उत्तरों में से एक सही उत्तर चुनो:
(क) आम की डाल कहांँ आई हुई थी?
उत्तर: पानी पर।
(ख) किसके दल यहांँ-वहांँ चमक रहे थे?
उत्तर: जुगनूँ के।
(ग) लहरें कहांँ उठ रही थी?
उत्तर: सरोंवर में।
4. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:
(क) कुहासा कहांँ छाया हुआ था?
उत्तर: कुहासा जलाशय में छाया हुआ था।
(ख) हवा में किसकी सुगंध मिली हुई थी?
उत्तर: हवा में वन यानी जंगल की सुगंध मिली हुई थी।
(ग) पेड़ों की ओट में छिपकर कौन गा रहा था?
उत्तर: पेड़ों की ओट में छिपकर पपीहा गा रहा था।
(घ) तारे कब छिप गए?
उत्तर: सुबह होते ही तारे छिप गए।
(ङ) तारा कहांँ चमकने लगा?
उत्तर: तारा कवि के अंतर यानी हृदय में चमकने लगा।