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RBSE Board Class 11 History Books Solution | RBSE Solutions for Class 11 History (इतिहास)

RBSE Class 11 History Solutions in Hindi Medium
Chapter 1 समय की शुरुआत से
Chapter 2 लेखन कला और शहरी जीवन
Chapter 3 तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य
Chapter 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई.
Chapter 5 यायावर साम्राज्य
Chapter 6 तीन वर्ग
Chapter 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ
Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव
Chapter 9 औद्योगिक क्रांति
Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन
Chapter 11 आधुनिकीकरण के रास्ते


RBSE Class 11 History Solutions in English Medium
Chapter 1 From the Beginning of Time
Chapter 2 Writing and City Life
Chapter 3 An Empire Across Three Continents
Chapter 4 The Central Islamic Lands
Chapter 5 Nomadic Empires
Chapter 6 The Three Orders
Chapter 7 Changing Cultural Traditions
Chapter 8 Confrontation of Cultures
Chapter 9 The Industrial Revolution
Chapter 10 Displacing Indigenous Peoples
Chapter 11 Paths to Modernisation

RBSE Board Class 11 Geography Solution | RBSE Solutions for Class 11 Geography (भूगोल)

RBSE Class 11 Geography Part 1 Fundamentals of Physical Geography (भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत भाग-1)

Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में
Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास
Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना
Chapter 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण
Chapter 5 खनिज एवं शैल
Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ
Chapter 7 भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास
Chapter 8 वायुमंडल का संघटन तथा संरचना
Chapter 9 सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान
Chapter 10 वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ
Chapter 11 वायुमंडल में जल
Chapter 12 विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन
Chapter 13 महासागरीय जल
Chapter 14 महासागरीय जल संचलन
Chapter 15 पृथ्वी पर जीवन
Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण
RBSE Class 11 Geography Part 2 India Physical Environment (भारत : भौतिक पर्यावरण भाग-2)

Chapter 1 भारत – स्थिति
Chapter 2 संरचना तथा भूआकृति विज्ञान
Chapter 3 अपवाह तंत्र
Chapter 4 जलवायु
Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति
Chapter 6 मृदा
Chapter 7 प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ
RBSE Class 11 Geography Part 3 Practical Work in Geography (भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य भाग-3)

Chapter 1 मानचित्र का परिचय
Chapter 2 मानचित्र मापनी
Chapter 3 अक्षांश, देशांतर और समय
Chapter 4 मानचित्र प्रक्षेप
Chapter 5 स्थलाकृतिक मानचित्र
Chapter 6 वायव फ़ोटो का परिचय
Chapter 7 सुदूर संवेदन का परिचय
Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट

RBSE Class 11 Sanskrit Books Solution | RBSE Solutions for Class 11 Sanskrit (संस्कृत)

RBSE Class 11 Sanskrit Solutions शाश्वती भाग 1
Chapter 1 वेदामृतम्
Chapter 2 ऋतुचित्रणम्
Chapter 3 परोपकाराय सतां विभूतयः
Chapter 4 मानो हि महतां धनम्
Chapter 5 सौवर्णशकटिका
Chapter 6 आहारविचारः
Chapter 7 सन्ततिप्रबोधनम्
Chapter 8 दयावीर-कथा
Chapter 9 विज्ञाननौका
Chapter 10 कन्थामाणिक्यम्
Chapter 11 ईशः कुत्रास्ति
Chapter 12 गान्धिनः संस्मरणम्
Chapter 13 सत्त्वमाहो रजस्तमः
Chapter 14 नवद्रव्याणि
RBSE Class 11 Sanskrit संस्कृतसाहित्यस्य इतिहासः

पाठ्यपुस्तके संकलितांशानां प्रमुखलेखकानां संक्षिप्त परिचयः
संस्कृतसाहित्यस्य प्रमखकाव्यानां परिचयः
नाट्यविषयक शब्दावली-परिचयः
RBSE Class 11 Sanskrit अनुप्रयुक्त-व्याकरणम्

वर्णानाम् उच्चारणस्थान-प्रयत्नानि
सन्धिः (सन्धिकरणम् सन्धिच्छेदः च)
शब्द-रूप (वाक्येषु शब्दप्रयोगः)
धातु-रूप (वाक्येषु क्रियाप्रयोगः)
प्रत्यय-ज्ञान
अव्यय प्रयोगाः
विभक्ति-प्रयोगाः
समास-ज्ञानम्
RBSE Class 11 Sanskrit अपठितावबोधनम्

अपठितावबोधनम्
RBSE Class 11 Sanskrit रचनात्मक कार्यम्

संकेताधारितम् पत्र-लेखनम्
संकेताधारितम् अनुच्छेदलेखनम्

RBSE Class 11 Hindi Books Solution | RBSE Solutions for Class 11 Hindi (हिंदी) |

RBSE Class 11 Hindi Aroh गद्य-खण्ड

Chapter 1 नमक का दारोगा
Chapter 2 मियाँ नसीरुद्दीन
Chapter 3 अपू के साथ ढाई साल
Chapter 4 विदाई-संभाषण
Chapter 5 गलता लोहा
Chapter 6 स्पीति में बारिश
Chapter 7 रजनी
Chapter 8 जामुन का पेड़
Chapter 9 भारत माता
Chapter 10 आत्मा का ताप
RBSE Class 11 Hindi Aroh काव्य-खण्ड

Chapter 11 हम तौ एक एक करि जांनां, संतों देखत जग बौराना
Chapter 12 मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई, पग घुँघरू बाधि मीरां नाची
Chapter 13 पथिक
Chapter 14 वे आँखें
Chapter 15 घर की याद
Chapter 16 चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
Chapter 17 गजल
Chapter 18 हे भूख! मत मचल, हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
Chapter 19 सबसे खतरनाक
Chapter 20 आओ, मिलकर बचाएँ
RBSE Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान
Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ : लता मंगेशकर
Chapter 2 राजस्थान की रजत बूँदें
Chapter 3 आलो-आँधारि
Chapter 4 भारतीय कलाएँ
RBSE Class 11 Hindi Anivarya अपठित बोध

अपठित पद्यांश
अपठित गद्यांश
RBSE Class 11 Hindi Anivarya रचनात्मक लेखन

निबंध लेखन
पत्र लेखन
प्रिन्ट माध्यम के फीचर (समाचार और सम्पादकीय)
प्रतिवेदन (रिपोर्ट) लेखन

WBBSE Class Chapter 3 History Solution | Bengali Medium

ভারতের সমাজ, অর্থনীতি ও সংস্কৃতির কয়েকটি ধারা 

MCQs Question Answer

ক) বারাণসী

খ) কনৌজ

গ পাটলিপুত্র

(ঘ) গৌড়

উত্তর: খ) কনৌজ।

১.২ উচ্চ রাজকর্মচারীদের নগদ বেতন না দিয়ে অনেক সময় পারিশ্রমিক হিসেবে দেওয়া হত-

(ক) সোনা

(খ) ফসল

(গ) জমি

(ঘ) রুপো

উত্তর: গ) জমি।

১.৩ ভারতীয় সামন্ততান্ত্রিক কাঠামোয় সবথেকে উপরে থাকতেন-

ক) সামন্ত

খ) মহাসামন্ত

(গ) জনগণ

ঘ) রাজা

উত্তর: (ঘ) রাজা।

১.৪ চোল রাজ্যে বিখ্যাত ছিল-

(ক) ব্রোঞ্জ হস্তশিল্প

খ) মৃৎশিল্প

গ) কাষ্ঠশিল্প

(ঘ) তাঁত শিল্প

উত্তর: (ক) ব্রোঞ্জ হস্তশিল্প।

১.৫ তাঞ্জোরের মন্দির তৈরি করেন-

(ক) বল্লাল সেন

খ) লক্ষ্মণ সেন

গ) রাজরাজ চোল

(ঘ) রাজেন্দ্র চোল

উত্তর: (গ) রাজরাজ চোল।

১.৬ চোল শাসনে রাজ্যকে ভাগ করা হয়েছে কয়েকটি-

(ক) মন্ডলমে

খ) উরে

গ) নাড়ুতে

ঘ) নগরমে

উত্তর: (ক) মন্ডলমে।

১.৭ নগরম গঠিত হয়েছিল-

ক) যুদ্ধের জন্য

খ) ব্যবসায়ীদের স্বার্থরক্ষার জন্য

 গ) কৃষির জন্য

ঘ) রাজাকে সাহায্য করার জন্য

উত্তর: (খ) ব্যবসায়ীদের স্বার্থরক্ষার জন্য।

মম

উত্তর: (ঘ) বণিকদের।

১.৯ দক্ষিণ ভারতে ব্রাহ্মণদের জমি দানের ব্যবস্থাকে বলা হত-

(ক) অগ্রহার

খ) ভুক্তি

(গ) মণ্ডলম

(ঘ) ব্রহ্মদেয়

উত্তর: (ঘ) ব্রহ্মদেয়।

১.১০ পাল ও সেন যুগে জিনিস কেনা বেচার প্রধান মাধ্যম ছিল-

(ক) স্বর্ণমুদ্রা

(খ) কড়ি

গ) রৌপ্যমুদ্রা

ঘ) তাম্রমুদ্রা

উত্তর: খ) কড়ি।

১.১১ পাল ও সেন যুগে জমিতে মূল অধিকার ছিল-

ক) রাজার

(গ) সামন্তের

(খ) জমিদারের

ঘ কৃষকের

উত্তর: (ক) রাজার।

১.১২ পাল ও সেন যুগে রাজারা কৃষকদের কাছ থেকে উৎপন্ন

ফসলের যতটা পরিমাণ কর নিতেন, তা হল-

ক) ১২ ভাগ

খ) ১৬ ভাগ

গ) ভাগ

ঘ) ভাগ

উত্তর:  খ) ভাগ

১.১৩ পাল ও সেন যুগে বাংলার প্রধান ফসল ছিল-

ক) গম

গ) ধান

খ) যব

ঘ) ডাল

উত্তর: (গ) ধান।

১.১৪ ডাল খাওয়ার শিক্ষা বাঙালিরা পেয়েছিল সম্ভবত-

(ক) উত্তর ভারতীয়দের কাছ থেকে

(খ) দক্ষিণ ভারতীয়দের কাছ থেকে

(গ) পূর্ব ভারতীয়দের কাছ থেকে

(ঘ) পশ্চিম ভারতীয়দের কাছ থেকে

উত্তর: (ক) উত্তর ভারতীয়দের কাছ থেকে।

১.১৫ বাংলার বাইরে থেকে এসেছিল-

(ক) হাতি, ঘোড়া

(খ) বাঘ, হরিণ

গ) ঘোড়া, উট

ঘ) মোষ, বানর

উত্তর: (গ) ঘোড়া, উট।

১.১৬ পাল আমলে শিল্পীদের সঙ্ঘবদ্ধ গোষ্ঠীকে বলা হত-

ক) মণ্ডলম

খ) পট্টনময়ী

গ) নগরম

ঘ) নিগম

উত্তর: (ঘ) নিগম।

১.১৭ চিকিৎসা সংগ্রহ গ্রন্থের রচয়িতা ছিলেন-

ক) চরক

(খ) চক্রপাণি দত্ত

গ সুশ্রুত

ঘ শূলপাণি

উত্তর: (খ) চক্রপাণি দত্ত।

১.১৮ বাংলাভাষার উদ্ভবের সময়কাল-

(ক) মৌর্যযুগ

খ) কুষাণযুগ

(গ) পালযুগ

ঘ) সেনযুগ

উত্তর: গ) পালযুগ।

১.১৯ পাল-সেন যুগে সাহিত্য, ব্যাকরণ, ধর্ম, দর্শন, চিকিৎসা শাস্ত্র লেখা হত-

ক) হিন্দি ভাষায়

খ) সংস্কৃত ভাষায়

গ) বাংলা ভাষায়

(ঘ) পালি ভাষায়

উত্তর: খ) সংস্কৃত ভাষায়।

১.২০ ‘রামচরিত’ কাব্যের রচয়িতা হলেন-

(ক) সন্ধ্যাকর নন্দী

খ) তুলসিদাস

(গ) রামপাল

(ঘ) কালিদাস

উত্তর: ক) সন্ধ্যাকর নন্দী।

১.২১ ‘রামচরিত’ কাব্যে যে পাল রাজার কথা বলা হয়েছে, তিনি হলেন-

(ক) গোপাল

খ) দেবপাল

(গ) দ্বিতীয় মহীপাল

(ঘ) রামপাল

উত্তর: ঘ) রামপাল।

১.২২ পাল রাজারা ছিলেন-

(ক) ব্রাহ্মণ

খ ক্ষত্রিয়

গ) বৈশ্য

ঘ) শূদ্র

উত্তর: খ) ক্ষত্রিয়।

১.২৩ আচার্য হরপ্রসাদ শাস্ত্রী ‘চর্যাপদ’-এর পুঁথি উদ্ধার করেন-

ক)ভুটান থেকে

খ) সিকিম থেকে

(গ) নেপাল থেকে

(ঘ) তিব্বত থেকে

উত্তর: গ) নেপাল থেকে।

১.২৪ বৌদ্ধ দার্শনিকদের জ্ঞানচর্চার কেন্দ্র ছিল-

ক) বৌদ্ধবিহারগুলি

খ) বিভিন্ন মঠ

গ বিশ্ববিদ্যালয়গুলি

ঘ) টোলগুলি

উত্তর: (ক) বৌদ্ধবিহারগুলি।

১.২৫ নালন্দা বৌদ্ধবিহার তৈরি হয়েছিল খ্রিস্টীয়-

ক) চতুর্থ শতকে

খ) পঞ্চম শতকে

(গ) ষষ্ঠ শতকে

ঘ) সপ্তম শতকে

উত্তর: (খ) পঞ্চম শতকে।

১.২৬ নালন্দা বৌদ্ধবিহার অবস্থিত ছিল-

ক) ভাগলপুরের কাছে

(খ) রাজশাহীর কাছে

(গ) বিহার রাজ্যে

ঘ) ঢাকা জেলায়

উত্তর: (গ) বিহার রাজ্যে।

১.২৭ বিক্রমশীল মহাবিহার প্রতিষ্ঠা করেন-

(ক) বিক্রমাদিত্য

খ) অতীশ দীপঙ্কর

(গ) শীলভদ্র

(ঘ) ধর্মপাল

উত্তর: (ঘ) ধর্মপাল।

১.২৮ বিক্রমশীল মহাবিহার যে বৌদ্ধ মতচর্চার জন্য বিখ্যাত ছিল, সেটি হল-

(ক) বজ্রযান

খ) হীনযান

(গ) সহজযান

(ঘ) কালচক্রযান

উত্তর: (ক) বজ্রযান।

১.২৯ পালযুগের শিল্পরীতিকে বলা হয়-

(ক) পাশ্চাত্য শিল্পরীতি

(খ) প্রাচ্য শিল্পরীতি

(গ) বৌদ্ধ শিল্পরীতি

(ঘ) গান্ধার শিল্পরীতি

উত্তর: (খ) প্রাচ্য শিল্পরীতি।

১.৩০ পাল আমলের উল্লেখযোগ্য বৌদ্ধবিহারটি হল-

(ক) নালন্দা

খ) বিক্রমশীল

গ) সোমপুরী

ঘ ওদন্তপুরী

উত্তর: গ) সোমপুরী।

১.৩১ সেনযুগে ‘সমাজপতি’ হিসেবে সুবিধা ভোগ করত-

(ক) জমিদাররা

খ) ক্ষত্রিয়রা

গ) ব্রাহ্মণরা

(ঘ) বণিকরা

উত্তর: গ) ব্রাহ্মণরা।

১.৩২ সেনযুগে অব্রাহ্মণদের সবাইকে ধরা হত-

ক) শূদ্র

(খ) আদিবাসী

(গ) উপজাতি

(ঘ) নিষাদ

উত্তর: (ক) শূদ্র।

১.৩৩ লক্ষ্মণ সেনের সভাকবির নাম-

(ক) বাণভট্ট

খ) জয়দেব

(গ) অশ্বঘোষ

(ঘ) হলায়ুধ

উত্তর: খ)  জয়দেব।

১.৩৪ ‘গীতগোবিন্দম্’ কাব্যের রচয়িতা ছিলেন-

(ক) ধোয়ী

(খ) গোবর্ধন

গ) শরণ

ঘ) জয়দেব

উত্তর: (ঘ) জয়দেব।

১.৩৫ ‘পবনদূত’ কাব্য লিখেছিলেন-

ক) ধোয়ী

(খ) গোবর্ধন

(গ) উমাপতিধর

(ঘ) শরণ

উত্তর: ক) ধোয়ী।

১.৩৬ ‘সমুক্তি কর্ণামৃত’ গ্রন্থটি সংকলন করেন-

(ক) জয়দেব

(খ) গোবর্ধন

(গ) শ্রীধর দাস

ঘ) উমাপতি ধর

উত্তর: (গ) শ্রীধর দাস।

১.৩৭ ‘ব্রাহ্মণসর্বস্ব’ নামে বইটি লিখেছিলেন-

(ক) বল্লাল সেন

খ) লক্ষ্মণ সেন

গ) শরণ

(ঘ) হলায়ুধ

উত্তর: ঘ) হলায়ুধ।

১.৩৮ লক্ষ্মণ সেনের আমলে একজন অভিধান প্রণেতা ছিলেন-

(ক) গোবর্ধন

(খ) সর্বানন্দ

গ) ধোয়ী

ঘ) শরণ

উত্তর: (খ) সর্বনিন্দ।

১.৩৯ বাঙালি বৌদ্ধ আচার্যদের মধ্যে সবচেয়ে বিখ্যাত এবং শ্রেষ্ঠ পণ্ডিত ছিলেন-

(ক) শীলরক্ষিত

(খ) শীলভদ্র

(গ) দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান

(ঘ) কাহ্নপাদ

উত্তর: গ) দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান।

১.৪০ তিব্বতে ‘বুদ্ধের অবতার’ হিসেবে পূজিত হন-

(ক) অতীশ দীপঙ্কর

খ) শীলভদ্র

(গ) জ্ঞানপ্রভ

(ঘ) শীলরক্ষিত

উত্তর : (ক) অতীশ দীপঙ্কর।

১.৪১ দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান অনেক সংস্কৃত গ্রন্থ অনুবাদ করেন-

(ক) চিনা ভাষায়

খ) নেপালি ভাষায়

গ) বাংলা ভাষায়

(ঘ) ভোট ভাষায়

উত্তর:(ঘ) ভোট ভাষায়।

১.৪২ খ্রিস্টীয় অষ্টম শতাব্দীতে পৃথিবীর বৃহত্তম বৌদ্ধকেন্দ্র ছিল-

(ক) নালন্দার বৌদ্ধমন্দির

খ) সাঁচির বৌদ্ধস্তূপ

গ) বোরোবোদুরের বৌদ্ধমন্দির

ঘ) সোমপুরী বিহারের মন্দির

উত্তর : গ) বোরোবোদুরের বৌদ্ধমন্দির।

১.৪৩ বোরোবোদুরের বৌদ্ধমন্দির-

ক) শিব

খ) বিষু

গ) বুদ্ধ

ঘ) রাধা-কৃষ্ণ

উত্তর: খ) বিষু।

১.৪৪ বোরোদুরের বৌদ্ধমন্দিরটি অবস্থিত ছিল-

(ক) কম্বোডিয়ায়

খ) তিব্বতে

গ) ইন্দোনেশিয়ায়

(ঘ) থাইল্যান্ডে

উত্তর : (গ) ইন্দোনেশিয়ায়।

১.৪৫ কম্বোডিয়ার আঙ্কোরভাটের বিখ্যাত বিষ্ণুমন্দিরটি তৈরি হয়-

ক) নবম শতকের প্রথম ভাগে

(খ) দশম শতকের প্রথম ভাগে

(গ) একাদশ শতকের প্রথম ভাগে

ঘ) দ্বাদশ শতকের প্রথম ভাগে

উত্তর: (ঘ) দ্বাদশ শতকের প্রথম ভাগে।

১.৪৬ আঙ্কোরভাটের বিষ্ণুমন্দিরের গায়ে খোদিত আছে-

(ক) হর-পার্বতীর গল্প গাথা

খ) রামায়ণ ও মহাভারতের গল্প গাথা

(গ) রাধা-কৃষ্ণের গল্প গাথা

(ঘ) জাতকের কাহিনি

উত্তর : খ) রামায়ণ ও মহাভারতের গল্প গাথা।

Very Short Question Answer

১। নীচের নামগুলির মধ্যে কোন্টি বাকিগুলির সঙ্গে মিলছে না তার তলায় দাগ দাও:

(ক) নাড়ু, চোল, উর, নগরম

উত্তরের ব্যাখ্যা: চোল একটি রাজবংশ, কিন্তু বাকি তিনটি চোল আমলে স্বায়ত্ব শাসিত পরিষদ।

(খ) ওদন্তপুরী, বিক্রমশীল, নালন্দা, জগদ্দল, লখনৌতি

উত্তরের ব্যাখ্যা: লখনৌতি ছিল লক্ষ্মণ সেনের রাজধানী। বাকিগুলি ছিল বৌদ্ধ মহাবিহার।

(গ) জয়দেব, ধীমান, বীটপাল, সন্ধ্যাকর নন্দী, চক্রপাণি দত্ত

উত্তরের ব্যাখ্যা: জয়দেব সেনযুগের কবি। বাকিরা পালযুগের শিল্পী, সাহিত্যিক ও চিকিৎসা বিজ্ঞানী।

(ঘ) লুইপাদ, অশ্বঘোষ, সরহপাদ, কাহ্নপাদ

উত্তরের ব্যাখ্যা: অশ্বঘোষ ছিলেন ‘বুদ্ধচরিত’ গ্রন্থের রচয়িতা। বাকি তিনজন চর্যাপদের রচয়িতা।

২.১ খ্রিস্টীয় সপ্তম শতকে সুয়ান জাং কোন্ কোন্ ব্যবসায়িক কেন্দ্রের নাম উল্লেখ করেছেন।

উত্তর:: খ্রিস্টীয় সপ্তম শতকে সুয়ান জাং থানেশ্বর, কনৌজ ও বারাণসী এই তিনটি ব্যবসায়িক কেন্দ্রের নাম উল্লেখ করেছেন।

২.২ খ্রিস্টীয় সপ্তম শতকের দুটি গুরুত্বপূর্ণ প্রশাসনিক কেন্দ্রের নাম লেখো।

উত্তর: খ্রিস্টীয় সপ্তম শতকের দুটি প্রশাসনিক কেন্দ্রের নাম ছিল থানেশ্বর ও কনৌজ।

২.৩ খ্রিস্টীয়, সপ্তম থেকে দ্বাদশ শতকের মধ্যবর্তী সময়ে সমাজের কয়েকটি গোষ্ঠীর নাম লেখো।

উত্তর: খ্রিস্টীয় সপ্তম থেকে দ্বাদশ শতকের মধ্যবর্তী সময়ে সমাজের কয়েকটি গোষ্ঠীর নাম ছিল সামন্ত, রাজা, রৌণক প্রভৃতি।

২.৪ চোল রাজ্যে কোন্ হস্তশিল্প খুব বিখ্যাত ছিল?

উত্তর: চোল রাজ্যে ব্রোঞ্জ হস্তশিল্প খুব বিখ্যাত ছিল।

২.৫ চোল রাজ্যের রাজারা কোন কোন উপাধিতে নিজেদেরকে ভূষিত করতেন?

উত্তর: চোল রাজ্যের রাজারা নিজেদেরকে ‘মহারাজা-অধিরাজ’, ‘ত্রিভুবন-চক্রবর্তীন’ প্রভৃতি উপাধিতে ভূষিত করতেন।

২.৬ চোল রাজ্যে ব্রাহ্মণদের যে জমি দান করা হত সেই জমিকে

উত্তর: চোল রাজ্যে ব্রাহ্মণদের যে জমি দান করা হত, সেই জমিকে ব্রহ্মদেয় জমি বলা হত।

২.৭ কাবেরী উপত্যকায় নতুন নতুন গ্রামের পত্তন হয়েছিল কেন?

উত্তর: চোল শাসনকালে দক্ষিণ ভারতে ব্রাহ্মণদের ব্রহ্মদেয় জমি দেওয়ার ফলে কাবেরী উপত্যকার ব্রাহ্মণ সম্প্রদায়ের নেতৃত্বে নতুন নতুন গ্রামের পত্তন হয়েছিল।

২.৮ পাল ও সেন যুগে বাংলার রাজারা উৎপন্ন ফসলের কত অংশ কৃষকদের কাছ থেকে কর 

উত্তর।  পাল ও সেন যুগে বাংলার রাজারা উৎপন্ন ফসলের এক-ষষ্ঠাংশ (১/৬ ভাগ) কৃষকদের কাছ থেকে কর নিতেন।

২.৯ পাল-সেন যুগে বাংলার অর্থনীতির মূল ভিত্তি কী ছিল?

উত্তর পাল-সেন যুগে বাংলার অর্থনীতির মূল ভিত্তি ছিল কৃষি-শিল্প এবং বাণিজ্য।

২.১০ বাংলার লোকেরা কোন যুগে আলু খেতে শিখেছে?

উত্তর। বাংলার লোকেরা মধ্যযুগে আলু খেতে শিখেছে।

২.১১ বাংলার লোকেরা কাদের কাছ থেকে আলু খেতে শিখেছে?

উত্তর: বাংলার লোকেরা পোর্তুগিজদের কাছ থেকে আলু খেতে শিখেছে।

২.১২ বাঙালি সমাজে কী ধরনের পানীয় চালু ছিল?

উত্তর: মহুয়া এবং আখ থেকে তৈরি পানীয় বাঙালি সমাজে চালু ছিল।

২.১৩ বাংলার শিল্পদ্রব্যের মধ্যে কোন্ শিল্প প্রধান ছিল?

উত্তর। বাংলার শিল্পদ্রব্যের মধ্যে কার্পাস বস্ত্র ছিল প্রধান।

২.১৪ কোন যুগ বাংলা ভাষার উৎপত্তির সময়কাল হিসেবে পরিচিত?

 উত্তর: পালযুগ বাংলা ভাষার উৎপত্তির সময়কাল হিসেবে পরিচিত।

২.১৫ প্রাচীন বাংলা ভাষার জন্ম হয় কত খ্রিস্টাব্দে?

উত্তর: আনুমানিক ৮০০-১১০০ খ্রিস্টাব্দের মধ্যে প্রাচীন বাংলা ভাষার জন্ম হয়।

২.১৬ প্রাচীন বাংলা ভাষার জন্ম হয় কীভাবে?

উত্তর: মাগধী অপভ্রংশ ভাষার গৌড়-বঙ্গীয় রূপ থেকে ধীরে ধীরে প্রাচীন বাংলা ভাষার জন্ম হয়।

২.১৭ চক্রপাণি দত্ত কোন্ যুগের চিকিৎসা বিজ্ঞানী ছিলেন?

 উত্তর: পালযুগের চিকিৎসা বিজ্ঞানী ছিলেন চক্রপাণি দত্ত।

২.১৮ ‘চিকিৎসা সংগ্রহ’ গ্রন্থটি কে রচনা করেন?

উত্তর: চক্রপাণি দত্ত ‘চিকিৎসা সংগ্রহ’ গ্রন্থটি রচনা করেন।

২.১৯ ‘রামচরিত’ কাব্য কার লেখা?

উত্তর: ‘রামচরিত’ কাব্য সন্ধ্যাকর নন্দীর লেখা।

২.২০ পালযুগে কীভাবে ‘বজ্রযান’ বা ‘তন্ত্রযান’ বা ‘তান্ত্রিক’ বৌদ্ধমতের জন্ম হয়েছিল?

উত্তর: পালযুগে মহাযান বৌদ্ধধর্মের সঙ্গে অন্যান্য দার্শনিক চিন্তাধারা মিলে গিয়ে ‘বজ্রযান’ বা ‘তন্ত্রযান’ বা ‘তান্ত্রিক’ বৌদ্ধমতের জন্ম হয়েছিল।

২.২১ সিদ্ধাচার্য কাদের বলা হত?

উত্তর: ‘বজ্রযান’ বা ‘তন্ত্রযান’ বৌদ্ধমতের নেতাদের বলা হতো সিদ্ধাচার্য।

২.২২ পালযুগের কয়েকজন সিদ্ধাচার্যের নাম লেখো।

উত্তর: পালযুগের কয়েকজন সিদ্ধাচার্য হলেন লুইপাদ, সরহপাদ, কাহুপাদ, ভুসুকুপাদ প্রমুখ।

২.২৩ কাহুপাদ কে ছিলেন?

উত্তর: কাহ্নপাদ ছিলেন পালযুগের একজন বৌদ্ধ সিদ্ধাচার্য।

২.২৪ চর্যাপদের মধ্য দিয়ে কোন্ কোন্ ছবি ফুটে ওঠে?

উত্তর: চর্যাপদের মধ্য দিয়ে পালযুগের বাংলার পরিবেশ এবং সাধারণ মানুষের জীবনযাত্রার ছবি ফুটে ওঠে।

২.২৫ কাদের হাত ধরে আদি বাংলাভাষার বিকাশ ঘটেছিল?

উত্তর: বৌদ্ধ সিদ্ধাচার্যদের হাত ধরে আদি বাংলাভাষার বিকাশ ঘটেছিল।

২.২৬ চর্যাপদ কী?

উত্তর: চর্যাপদ হল খ্রিস্টীয় অষ্টম থেকে দ্বাদশ শতকে লেখা বৌদ্ধ সিদ্ধাচার্যদের কবিতা ও গানের সংকলন।

২.২৭ কে, কোথা থেকে চর্যাপদ’-এর পুঁথি উদ্ধার করেন?

উত্তর: আচার্য হরপ্রসাদ শাস্ত্রী নেপাল থেকে ‘চর্যাপদ’-এর পুঁথি উদ্ধার করেন।

২.২৮ ‘সহজিয়া’ কী?

উত্তর: পালযুগে সহজযান বৌদ্ধ মতকে সহজিয়া বলা হয়।

২.২৯ বাইরের কোন্ কোন্ দেশ থেকে ছাত্ররা পড়াশোনার জন্য নালন্দা বৌদ্ধবিহারে আসত?

উত্তর: তিব্বত, চিন, কোরিয়া এবং মোঙ্গলিয়া থেকে ছাত্ররা পড়াশোনার জন্য নালন্দা বৌদ্ধবিহারে আসত।

২.৩০ নালন্দা বৌদ্ধবিহার তৈরি হয়েছিল কোন্ সম্রাটদের আমলে?

উত্তর: গুপ্ত সম্রাটদের আমলে নালন্দা বৌদ্ধবিহার তৈরি হয়েছিল।

২.৩১ নালন্দা বৌদ্ধবিহারে কতজন শিক্ষক এবং কতজন ছাত্র ছিল?

উত্তর: নালন্দা বৌদ্ধবিহারে ১৫০০ জন শিক্ষক এবং ৮৫০০ জন ছাত্র ছিল।

২.৩২ নালন্দা বৌদ্ধবিহারটি বর্তমান ভারতের কোন্ রাজ্যে অবস্থিত? (বর্ধমান মিউনিসিপ্যাল হাইস্কুল)

উত্তর: নালন্দা বৌদ্ধবিহারটি বর্তমান ভারতের বিহার রাজ্যে অবস্থিত।

 ২.৩৩ জগদ্দল বৌদ্ধবিহারটি কোথায় অবস্থিত ছিল?

উত্তর: জগদ্দল বৌদ্ধবিহারটি উত্তরবঙ্গে অবস্থিত ছিল।

২.৩৪ পাল আমলে কেন বেশি স্তূপ বানানো হয়েছিল?

উত্তর: পাল রাজারা বৌদ্ধধর্মের অনুরাগী ছিলেন এবং সেই জন্যই পাল শাসকদের পৃষ্ঠপোষকতায় বেশি স্তূপ বানানো হয়েছিল।

২.৩৫ বিক্রমশীল মহাবিহার কোথায় অবস্থিত ছিল?

উত্তর: মগধের উত্তরভাগে গঙ্গার তীরে আধুনিক ভাগলপুর শহরের কাছে বিক্রমশীল মহাবিহার অবস্থিত ছিল।

২.৩৬ বিক্রমশীল মহাবিহার কে, কবে প্রতিষ্ঠা করেছিলেন?

■ উত্তর। পাল সম্রাট ধর্মপাল খ্রিস্টীয় অষ্টম শতকে বিক্রমশীল মহাবিজ প্রতিষ্ঠা করেছিলেন।

২.৩৭ বিক্রমশীল মহাবিহারের মহাচার্য কে ছিলেন?

উত্তর 1 দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান ছিলেন বিক্রমশীল মহাবিহারের অন্যজ একজন মহাচার্য।

২.৩৮ পালযুগের শিল্পরীতিকে কী বলা হয়?

উত্তর: পালযুগের শিল্পরীতিকে প্রাচ্য শিল্পরীতি বলা হয়।

২.৩৯ বিক্রমশীল মহাবিহার কত বছর টিকেছিল?

  • উত্তর: বিক্রমশীল মহাবিহার পাঁচশো বছর টিকেছিল।

২.৪০ বিক্রমশীল মহাবিহারে কতজন আচার্য ছিলেন এবং সর্বোচ্চ কতজন ছাত্র পড়াশোনা করত?

উত্তর: বিক্রমশীল মহাবিহারে একশোর বেশি আচার্য ছিলেন এক সর্বোচ্চ তিন হাজার ছাত্র পড়াশোনা করত।

২.৪১ কোন্ কোন্ অঞ্চলে পালযুগের বৌদ্ধস্তূপ পাওয়া গেছে?

উত্তর: বর্তমানে বাংলাদেশের ঢাকা জেলার আসরফপুর গ্রাম। রাজশাহীর পাহাড়পুরে, চট্টগ্রামে, পশ্চিমবঙ্গের বর্ধমান জেলায় ভরতপুর গ্রামে বৌদ্ধস্তূপ পাওয়া গেছে।

২.৪২ পালযুগের দুজন বিখ্যাত শিল্পীর নাম লেখো।

উত্তর: পালযুগের দুজন বিখ্যাত শিল্পী হলেন ধীমান ও বীটপাল।

২.৪৩ সেনযুগে কোন্ কোন্ দেবদেবীর পুজো করা হত?

উত্তর: সেনযুগে ইন্দ্র, অগ্নি, কুবের, সূর্য, বৃহস্পতি, গঙ্গা, যমুনা মাতৃকা, শিব, বিষুর পুজো করা হত।

২.৪৪ সেনযুগের রাজারা কোন্ ধর্মাবলম্বী ছিলেন?

উত্তর: সেন রাজাদের মধ্যে লক্ষ্মণসেন ছিলেন বৈষ্ণব এবং তাঁর পূর্ববর্তী রাজারা ছিলেন শৈব।

২.৪৫ লক্ষ্মণ সেনের রাজসভার সবচেয়ে বিখ্যাত সাহিত্যিক কে ছিলেন এবং তাঁর লিখিত গ্রন্থের নাম কী?

উত্তর: লক্ষ্মণ সেনের রাজসভার সবচেয়ে বিখ্যাত সাহিত্যিক ছিলেন। কবি জয়দেব এবং তাঁর লিখিত গ্রন্থের নাম ‘গীতগোবিন্দম্’।

২.৪৬ পবনদূত কাব্যের রচয়িতা কে? (বাঁকুড়া জেলা স্কুল)

উত্তর: পবনদূত কাব্যের রচয়িতা হলেন ধোয়ী।

২.৪৭ শ্রীনিবাস কে ছিলেন?

উত্তর: সেনযুগের গণিতজ্ঞ ও জ্যোতির্বিদ ছিলেন শ্রীনিবাস।

২.৪৮ বল্লাল সেনের লিখিত দুটি গ্রন্থের নাম কী?

উত্তর: বল্লাল সেনের লিখিত গ্রন্থ দুটির নাম হল ‘দানসাগর’ ও ‘অদ্ভুতসাগর’।

২.৪৯ সেন বংশের কোন্ রাজাকে কৃষ্ণের সঙ্গে তুলনা করা হয়েছে?

উত্তর: সেন বংশের রাজা লক্ষ্মণ সেনকে কৃষ্ণের সঙ্গে তুলনা করা হয়েছে।

২.৫০ খ্রিস্টীয় সপ্তম থেকে দ্বাদশ শতাব্দীর মধ্যের ভারতীয় সংস্কৃতির নমুনা ভারতের বাইরে কোন্ কোন্ অঞ্চলে পাওয়া গেছে?

 উত্তর: খ্রিস্টীয় সপ্তম থেকে দ্বাদশ শতাব্দীর মধ্যের ভারতীয় সংস্কৃতির

নমুনা দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়া, তিব্বত এবং চিন প্রভৃতি অঞ্চলে পাওয়া গেছে।

২.৫১ দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান কোন্ কোন্ মহাবিহারের আচার্য ও অধ্যক্ষ ছিলেন?

উত্তর: দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান বিক্রমশীল ওদন্তপুরী এবং সোমপুরী মহাবিহারের আচার্য ও অধ্যক্ষ ছিলেন।

২.৫২ অতীশ দীপঙ্কর কীভাবে ‘দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান’ নামে পরিচিত হন?

উত্তর: অতীশ দীপঙ্কর ও দন্তপুরী বিহারের আচার্য শীলারক্ষিতের কাছে দীক্ষা নিয়ে ‘দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান’ নামে পরিচিত হন।

২.৫৩ কার বাড়ি ‘নাস্তিক পণ্ডিতের ভিটা’ নামে পরিচিত?

উত্তর: অতীশ দীপঙ্কর শ্রীজ্ঞানের বাড়ি ‘নাস্তিক পণ্ডিতের ভিটা’ নামে পরিচিত।

২.৫৪ অতীশ দীপঙ্কর কোথায় জন্মগ্রহণ করেছিলেন?

উত্তর: অতীশ-দীপঙ্কর বঙ্গাল অঞ্চলের বিক্রমণিপুরের বজ্রযোগিনী গ্রামে জন্মগ্রহণ করেছিলেন।

২.৫৫ অতীশ দীপঙ্করের সমাধিস্থল কোথায় অবস্থিত?

উত্তর: তিব্বতের রাজধানী লাসার কাছে অতীশ দীপঙ্করের সমাধিস্থল অবস্থিত।

২.৫৬ অতীশ দীপঙ্কর তিব্বতে কোন্ ধর্ম প্রচার করেন?

উত্তর: অতীশ দীপঙ্কর তিব্বতে মহাযান বৌদ্ধধর্ম প্রচার করেন।

২.৫৭ খ্রিস্টীয় অষ্টম শতকে পৃথিবীর বৃহত্তম বৌদ্ধকেন্দ্র কোথায় ছিল? 

উত্তর: খ্রিস্টীয় অষ্টম শতকে পৃথিবীর বৃহত্তম বৌদ্ধকেন্দ্র ছিল ইন্দোনেশিয়ার বোরোবোদুরের বৌদ্ধমন্দির।

২.৫৮ আঙ্কোরভাটের বিষুমন্দির কবে, কোথায় তৈরি হয়?

উত্তর: দ্বাদশ শতকের প্রথম ভাগে কম্বোডিয়ায় আঙ্কোরভাটের বিষুমন্দির তৈরি হয়।

২.৫৯ রামায়ণ ও মহাভারতের বিভিন্ন গল্প কোন্ মন্দিরের গায়ে খোদাই করা আছে?

উত্তর: রামায়ণ ও মহাভারতের বিভিন্ন গল্পগাথা আঙ্কোরভাটের বিষু মন্দিরের গায়ে খোদাই করা আছে।

২.৬০ পানপাতা কিভাবে ফলাতে হয়, তা ভারত কাদের কাছ থেকে শিখেছিল?

উত্তর: পানপাতা কিভাবে ফলাতে হয়, তা ভারত দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার দেশগুলির কাছ থেকে শিখেছিল।

Short Question Answer

৫.১ চোল শাসনব্যবস্থার সংক্ষিপ্ত পরিচয় দাও।

উত্তর: ভূমিকা: খ্রিস্টীয় নবম শতাব্দীতে দক্ষিণ ভারতে চোল শক্তির অভ্যুত্থান ঘটে। প্রায় তিন শত বছর ধরে চোলরা দক্ষিণ ভারতে নিজেদের আধিপত্য বজায় রেখেছিল। চোল শাসনব্যবস্থাও ছিল বিশেষ বৈশিষ্ট্যপূর্ণ।

৩.১ সামন্ততন্ত্র বলতে কী বোঝায়?

উত্তর: মধ্যযুগের ভারতীয় সমাজে এক বিশেষ গোষ্ঠীর রাজকর্মচারীদের ক্ষমতা বৃদ্ধি পায়। অনেক সময় তাদের নগদ বেতন না দিয়ে জমি দেওয়া হত। সেই জমির রাজস্বই ছিল ওই কর্মচারীদের আয়। এছাড়া তারা গ্রামের শাসন এবং বিচারকার্যের দেখাশোনাও করত। রাজা, গোষ্ঠীর শাসক এবং জনগণকে নিয়ে এর ফলে একটি স্তরভেদ তৈরি হয়েছিল সমাজে। এই ধরনের গড়ে ওঠা ব্যবস্থাই ‘সামন্ততন্ত্র’ নামে পরিচিত।

৩.২ ইউরোপের সামন্ততন্ত্রের দুটি বৈশিষ্ট্য উল্লেখ করো।

উত্তর : ইউরোপের সামন্ততন্ত্রের দুটি গুরুত্বপূর্ণ বৈশিষ্ট্য হল- 1. সামন্তসমাজের কাঠামো ছিল ত্রিভুজের মতো। তার নানা স্তরে ছিলেন রাজা, বিভিন্ন সামন্ত এবং উপসামন্ত। সর্বনিম্নস্তরে থাকত কৃষকদের মতো সাধারণ মানুষ। 2. সামন্তপ্রভুদের ম্যানর বা খামারে ভূমিদাস বা সার্ফদের খাটিয়ে উৎপাদন করা হতো।

৩.৩ ‘নগরম’ পরিষদ গঠনের উদ্দেশ্য কী ছিল?

উত্তর : চোল শাসনকালে ‘নগরম’ নামে একটি পরিষদ গঠন করা হয়েছিল। এর উদ্দেশ্য ছিল-

1. ব্যবসায়ীদের স্বার্থরক্ষা করা।

2. বাণিজ্যিক ক্ষেত্রে বিভিন্ন সমস্যার মোকাবিলা করা।

৩.৪ ব্রহ্মদেয় ব্যবস্থা বলতে কী বোঝায়?

উত্তর: দক্ষিণ ভারতে, মূলত চোল শাসনকালে কৃষিজমির পরিমাণ বাড়ানোর জন্য ব্রাহ্মণদের অনেক সময় জমি দান করা হত। তারা অনাবাদী জমি এবং জঙ্গল পরিষ্কার করে বসতি তৈরি করতেন। ব্রাহ্মণদের কিছু জমি দেওয়া হত, যার কর নেওয়া হত না। এই জমি দানের ব্যবস্থাকে ব্রহ্মদেয় ব্যবস্থা বলা হতো।

৩.৫০ পাল-সেন যুগে বাংলার গৃহপালিত ও বন্যপ্রাণীর নাম উল্লেখ করো।

উত্তর: পাল-সেন যুগে বাংলার গৃহপালিত ও বন্যপ্রাণীর মধ্যে ছিল গোরু, বলদ, ছাগল, হাঁস, মুরগি, পায়রা, কাক, কোকিল, নানা জলচর পাখি, ঘোড়া, উট, হাতি, বাঘ, বুনো মোষ, বানর, হরিণ, শূকর, সাপ ইত্যাদি। ঘোড়া এবং উট বাংলার বাইরে থেকে এসেছিল।

৩.৬ পাল-সেন যুগে বাংলায় কী কী শিল্প গড়ে উঠেছিল?

উত্তর: পাল-সেনযুগে বাংলায় যে যে শিল্প গড়ে উঠেছিল, তার মধ্যে উল্লেখযোগ্য হল-

1. কার্পাস বস্ত্র শিল্প: শিল্পদ্রব্যের মধ্যে কার্পাস বস্ত্র ছিল প্রধান সামগ্রী। বাংলার সূক্ষ্ম সুতির কাপড়ের খ্যাতি দেশে-বিদেশে ছড়িয়ে পড়েছিল।

2. হস্তশিল্প : হস্তশিল্পের মধ্যে উল্লেখযোগ্য ছিল কাঠ এবং ধাতুর তৈরি দৈনন্দিন ব্যবহারের জিনিস ও বিভিন্ন ধরনের গয়না। ঘর-বাড়ি মন্দির, পালকি, গোরুর গাড়ি, নৌকা ইত্যাদি তৈরিতে কাঠের ব্যাপক ব্যবহার ছিল। যা থেকে বোঝা যায় এই যুগে কাষ্ঠশিল্পীরাও সমাজে বিশেষ গুরুত্ব পেতেন।

৩.৭ নির্বাণ কী?

উত্তর: ‘নির্বাণ’ হল মুক্তিলাভ। বৌদ্ধ ধর্মমতে নির্বাণ বা মুক্তিলাভ করলে মানুষকে বারবার জন্মাতে হবে না।

• হীনযান পন্থী অশ্বঘোষের মতে, প্রদীপের তেল ফুরিয়ে গেলে যেমন তার শিখা নিভে যায়, তেমনি জীবনে ক্লেশ বা দুঃখের অবসান হলে চিরতরে মুক্তি বা নির্বাণ লাভ হয়।

• মহাযানপন্থীরা মনে করেন যে, নির্বাণ হল এমন একটা অবস্থা যেখানে কোনো কিছুই নেই।

৩.৮ চর্যাপদ কেন পাল আমলের বাংলার সামাজিক ইতিহাসের উপাদান হিসেবে ব্যবহার করা হয়? (পর্ষদ নমুনা প্রশ্ন)

উত্তর: চর্যাপদ হল খ্রিস্টীয় অষ্টম শতক থেকে দ্বাদশ শতকে লেখা বৌদ্ধ সিদ্ধাচার্যদের কবিতা ও গানের সংকলন। এই চর্যাপদগুলি স্থানীয় ভাষায় লেখা হত।

• চর্যাপদের মধ্য দিয়ে পাল আমলের বাংলার পরিবেশ এবং সাধারণ মানুষের জীবনযাত্রার ছবি ফুটে ওঠে। তাই চর্যাপদগুলিকে পাল আমলের বাংলার সামাজিক ইতিহাসের উপাদান হিসেবে ব্যবহার করা হয়।

৩.৯ পাল রাজাদের বৌদ্ধধর্মের প্রতি অনুরাগের প্রভাব বাংলার সংস্কৃতিতে কীভাবে পড়েছিল বলে তোমার মনে হয়, তা বিশ্লেষণ করো। (পর্ষদ নমুনা প্রশ্ন)

উত্তর: পাল রাজারা বৌদ্ধধর্মের প্রতি অনুরাগী ছিলেন। বাংলার শিক্ষা, সাহিত্য, সংস্কৃতিতে তার বিশেষ প্রভাব পড়েছিল।

• এই যুগে স্থানীয় ভাষায় সিদ্ধাচার্যরা চর্যাপদ লিখতে শুরু করেছিলেন।

• বৌদ্ধ দার্শনিকদের জ্ঞানচর্চার কেন্দ্র হিসেবে গড়ে উঠেছিল একাধিক বৌদ্ধবিহার যার মধ্যে উল্লেখযোগ্য ছিল নালন্দা, বিক্রমশীল, সোমপুরী ইত্যাদি। পালরাজাদের সমর্থনে ও বৌদ্ধ

আচার্য এবং ছাত্রদের উৎসাহে এই বিহারগুলি সেকালের শিক্ষা-দীক্ষায় বড়ো ভূমিকা নিয়েছিল।

• এই যুগের শিল্প-সংস্কৃতির ক্ষেত্রেও বৌদ্ধ প্রভাব লক্ষ করা যায়। পাল রাজত্বকালে বহু বৌদ্ধ স্তূপ নির্মিত হয়েছিল।

৩.১০ পালযুগের প্রধান শিক্ষাকেন্দ্র কোনগুলি? এখানে কারা শিক্ষা প্রদান করতেন? (বাঁকুড়া জেলা স্কুল)

উত্তর: পালযুগের প্রধান শিক্ষাকেন্দ্রগুলি ছিল আজকের বিহার, পশ্চিমবঙ্গ এবং বাংলাদেশে ছড়িয়ে থাকা বৌদ্ধবিহারগুলি। নালন্দা, ওদন্তপুরী (নালন্দার কাছে), বিক্রমশীল (ভাগলপুরের কাছে), সোমপুরী (রাজশাহী জেলায় পাহাড়পুরে), জগদ্দল (উত্তরবঙ্গে), বিক্রমপুরী (ঢাকা জেলা) প্রভৃতি বিহারগুলি ছিল উল্লেখযোগ্য।

• খ্রিস্টীয় অষ্টম-নবম শতকে শান্তরক্ষিত, শান্তিদেব, কম্বলপাদ ও শবরীপাদ এবং দশম থেকে দ্বাদশ শতকের মধ্যে দীপঙ্কর শ্রীজ্ঞান (অতীশ), গোরক্ষনাথ ও কাহ্নপাদ প্রমুখ আচার্যরা এখানে শিক্ষাদান করতেন।

৩.১১ দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার ভারতীয় সংস্কৃতি বিস্তারের কী কী নিদর্শন দেখতে পাওয়া যায়?

উত্তর: দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার কম্বোডিয়া, ইন্দোনেশিয়া প্রভৃতি দেশে ভারতীয় সংস্কৃতি বিস্তারের নিদর্শন দেখতে পাওয়া যায়।

কম্বোডিয়া :

• কম্বোডিয়ায় ভারতের রামায়ণের ঘটনাবলি নিয়ে নৃত্য-গীত খুবই জনপ্রিয় ছিল।

• কম্বোডিয়ার অঙ্কোরাভাটে দ্বাদশ শতকে বিখ্যাত বিষুমন্দির তৈরি হয়।

• মন্দিরের গায়ে রামায়ণ ও মহাভারতের বিভিন্ন গল্প গাথা খোদাই করা হয়েছে।

ইন্দোনেশিয়া:

• ইন্দোনেশিয়ার বোরোবোদুরের বৌদ্ধমন্দির খ্রিস্টীয় অষ্টম শতাব্দীতে নির্মিত হয়েছিল। এটি ছিল পৃথিবীর সর্ববৃহৎ বৌদ্ধকেন্দ্র।

Long Question Answer

২। নিম্নলিখিত বিবৃতিগুলির সঙ্গে তার নীচের কোন্ ব্যাখ্যাটি তোমার সবচাইতে মানানসই বলে মনে হয়?

(ক) বিবৃতি: বাংলার অর্থনীতি পাল-সেন যুগে কৃষিনির্ভর হয়ে পড়েছিল।

ব্যাখ্যা-১: পাল ও সেন যুগে বাংলার মাটি আগের থেকে বেশি উর্বর হয়ে গিয়েছিল।

ব্যাখ্যা-২: পাল ও সেন যুগে ভারতের পশ্চিম দিকের সাগরে আরব বণিকদের দাপট বেড়ে গিয়েছিল।

ব্যাখ্যা-৩: পাল সেন যুগে রাজারা কৃষকদের উৎপন্ন ফসলের উপর কর নিতেন।।

উত্তর ব্যাখ্যা-২: পাল ও সেন যুগে ভারতের পশ্চিম দিকের সাগরে আরব বণিকদের দাপট বেড়ে গিয়েছিল।

(খ) বিবৃতি: দক্ষিণ ভারতে মন্দির ঘিরে লোকালয় ও বসবাস তৈরি হয়েছিল।

ব্যাখ্যা-১: রাজা ও অভিজাতরা মন্দিরকে নিষ্কর জমি দান করতেন।

ব্যাখ্যা-২: নদী থেকে খাল কেটে সেচব্যবস্থার উন্নতি করা হয়েছিল।

ব্যাখ্যা-৩: দক্ষিণ ভারতে রাজারা অনেক মন্দির তৈরি করেছিলেন।

উত্তর: ব্যাখ্যা ১: রাজা ও অভিজাতরা মন্দিরকে নিষ্কর জমি দান করতেন।

(গ) বিবৃতি: সেন যুগে বৌদ্ধ ধর্মের প্রচার ও প্রসার কমে গিয়েছিল

ব্যাখ্যা-১: সেন রাজারা বৌদ্ধ ছিলেন

ব্যাখ্যা-২: সেন রাজারা ব্রাহ্মণ্য ধর্মকেই প্রাধান্য দিতেন

ব্যাখ্যা-৩: সমাজে শূদ্রদের সংখ্যা বেড়ে গিয়েছিল

উত্তর: ব্যাখ্যা ২: সেন রাজারা ব্রাহ্মণ্য ধর্মকেই প্রাধান্য দিতেন।

৩। সংক্ষেপে (৩০-৫০টি শব্দের মধ্যে) উত্তর দাওত্ত্ব

(ক) দক্ষিণ ভারতে খ্রিস্টীয় নবম থেকে একাদশ শতকের মধ্যে বাণিজ্যের উন্নতি কেন ঘটেছিল?

উত্তর ভূমিকা: খ্রিস্টীয় নবম থেকে একাদশ শতকের মধ্যে দক্ষিণ ভারতে বাণিজ্যের উন্নতি ঘটেছিল। এই সময়ে দক্ষিণ ভারতে বাণিজ্যের উন্নতির কারণগুলি ছিল-

1. চেট্টি বা বণিকদের ভূমিকা: এই সময় চেট্টি বা বণিকরা পণ্য সাজিয়ে এক জায়গা থেকে অন্য জায়গায় যাতায়াত করতেন। যার ফলে ব্যাবসাবাণিজ্যের সম্প্রসারণ ঘটে।

2. বণিক ও কারিগর সংঘ ব্যবসায়ীদের স্বার্থ এবং বিভিন্ন সমস্যার মোকাবিলার জন্য ‘নগরম’ নামে একটি পরিষদ তৈরি হয়েছিল। এছাড়াও বিভিন্ন বণিক সংগঠন ও সময়বায়ও গড়ে উঠেছিল। ব্যাবসাবাণিজ্যের উন্নতির ক্ষেত্রে যাদের বিশেষ ভূমিকা ছিল।

3. বর্হিবাণিজ্য: দক্ষিণ ভারতের চোল রাজারা দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার বিভিন্ন দেশে নিজেদের আধিপত্য প্রতিষ্ঠা করেছিলেন। ফলে সেইসব দেশের বাণিজ্যকে কেন্দ্র করে ভারতীয় বণিকদের ব্যাবসাবাণিজ্য বেড়েছিল।

4. মন্দিরের অংশগ্রহণ: এই সময় দক্ষিণ ভারতের বিভিন্ন মন্দিরগুলিও ব্যবসায়িক কাজে অংশগ্রহণ করত। যার ফলে ব্যাবসাবাণিজ্যের প্রসার ঘটে।

(খ) পাল ও সেন যুগে বাংলায় কী কী ফসল উৎপন্ন হত? সেই ফসলগুলির কোন্ কোল্টিন্ট এখনও চাষ করা হয়?

উত্তর ভূমিকা: পাল ও সেন যুগে বাংলার অর্থনীতির অন্যতম মূল ভিত্তি ছিল কৃষিকার্য। এই যুগে বিভিন্ন ধরনের ফসল, সবজি চাষ হত। যেমন-

1. এ যুগে বাংলার প্রধান ফসল ছিল ধান, তাই ভাতই ছিল মানুষের প্রধান খাদ্য।

2. এ যুগের আর একটি প্রধান ফসল ছিল সরষে, যা প্রচুর পরিমাণে চাষ হত।

3. বেগুন, লাউ, কুমড়ো, ঝিঙে, কাঁকরোল, ডুমুর, কচু ইত্যাদি বিভিন্ন ধরনের শাকসবজি এযুগে উৎপন্ন হত।

4. নানারকম ফল, যেমন-আম, কাঁঠাল, কলা, ডালিম, খেজুর, নারিকেল ইত্যাদি প্রচুর পরিমাণে সেই সময় বাংলায় উৎপন্ন হত।

5. এছাড়া উৎপন্ন হত কার্পাস বা তুলো, পান, সুপুরি, এলাচ, মহুয়া ইত্যাদি।

• পাল-সেন যুগে যেসব ফসল বাংলায় চাষ হত সেই সব ফসল এখনও চাষ করা হয়। বর্তমান প্রধান প্রধান ফসলগুলি হলা- ধান, সরষে, পাট, বেগুন, লাউ, কুমড়ো, ঝিঙে, কচু, কাঁকরোল প্রভৃতি।

(গ) রাজা লক্ষ্মণ সেনের রাজসভার সাহিত্য চর্চার পরিচয় দাও। 

উত্তর ভূমিকা: বাংলার সেন বংশের রাজা লক্ষ্মণ সেন ছিলেন সাহিত্যানুরাগী। অনেক কবি ও সাহিত্যিক তাঁর রাজসভা অলংকৃত করতেন। তাঁদের মধ্যে উল্লেখযোগ্য ছিলেন-

1. কবি জয়দেব: লক্ষ্মণ সেনের সভাকবি জয়দেব ছিলেন বিখ্যাত সাহিত্যিক। তাঁর রচিত কাব্যের নাম হলো ‘গীতগোবিন্দ’। এই কাব্যের বিষয় ছিল রাধাকৃষ্ণের প্রেমের কাহিনি।

2. ধোয়ী: তাঁর রাজসভার আর এক কবি ধোয়ী লিখেছিলেন ‘পবনদূত’ কাব্য।

3. পঞ্চরত্ন: জয়দেব ও ধোয়ী সহ আরও তিনজন কবি গোবর্ধন, উমাপতি ধর এবং শরণ লক্ষ্মণ সেনের সভা অলংকৃত করেছিলেন। এই পাঁচজন কবিকে একত্রে ‘পঞ্চরত্ন’ বলা হয়।

4. এছাড়াও লক্ষ্মণ সেনের মন্ত্রী হলায়ুধ বৈদিক নিয়ম বিষয়ে ‘ব্রাহ্মণ সর্বস্ব’ নামে একটি বই লিখেছিলেন। লক্ষ্মণ সেন নিজেও পিতার অসমাপ্ত ‘অদ্ভুতসাগর’ বইটি সমাপ্ত করেন।

(ঘ) পাল শাসনের তুলনায় সেন শাসন কেন বাংলায় কম দিন স্থায়ী হয়েছিল?

উত্তর: ভূমিকা: বাংলায় পাল শাসন চারশো বছরেরও বেশি স্থায়ী হয়েছিল। অপরদিকে সেন বংশের শাসন মাত্র একশো বছরের কিছু বেশি সময় স্থায়ী হয়েছিল। তার কারণগুলি হল-

1. জনসমর্থন: বিভিন্ন সামন্তরাজাদের দ্বারা নির্বাচিত হয়ে গোপাল বাংলার সিংহাসনে বসেছিলেন। তাই পাল রাজাদের রাজা হওয়ার পিছনে জনসমর্থন ছিল। কিন্তু সেন বংশের রাজা বিজয়সেন এমন কোনো জনসমর্থন নিয়ে ক্ষমতায় আসেননি।

2. গ্রহণযোগ্যতা: পাল শাসকরা যেভাবে বাংলার সমাজে

নিজেদের শাসনকে গ্রহণযোগ্য করে তুলতে পেরেছিলেন, সেন শাসকরা

জনগণের কাছে সেভাবে নিজেদের গ্রহণযোগ্য করে তুলতে পারেননি। 3. অন্যান্য বিষয়: শিক্ষাদীক্ষায়, ধর্মচর্চায়, শিল্পকলায় পাল রাজারা সেন রাজাদের থেকে অনেক এগিয়েছিল।

৪। বিশদে (১০০-১২০টি শব্দের মধ্যে) উত্তর দাও:

(ক) ভারতের সামন্ত ব্যবস্থার ছবি আঁকতে গেলে কেন তা একখানা ত্রিভুজের মতো দেখায়? এই ব্যবস্থায় সামন্তরা কীভাবে জীবিকানির্বাহ করত।

উত্তরঃ ভূমিকা: মধ্যযুগে ভারতে সামন্তব্যবস্থা গড়ে উঠেছিল। এই সামন্তব্যবস্থা ছিল অনেকটা ত্রিভুজের মতো।

• ত্রিভুজের সঙ্গে তুলনা ত্রিভুজের নীচের দিকে অংশটি চওড়া হয়। নীচের চওড়া অংশটি ওপরের দিকে সরু হয়ে উঠে একটি বিন্দুতে মিলিত হয়। একই রকমভাবে ভারতের সামন্ততান্ত্রিক ব্যবস্থায় সবার উপরে থাকেন রাজা। তার নীচে থাকতেন রাজার অনুগ্রহভাজন কয়েকজন ‘মহাসামন্ত’। মহাসামন্তরা আবার তাঁদের জমি কয়েকজন সামন্তের মধ্যে ভাগ করে দিতেন। তাঁরা ছিলেন ‘উপসামন্ত’। এইভাবে ধাপে ধাপে নীচের দিকে নামলে একেবারে শেষ স্তরে থাকত সবথেকে শোষিত শ্রেণি ছিল এই কৃষক সম্প্রদায়।

• সামন্ততান্ত্রিক ব্যবস্থায় কোনো সামন্ত পরিশ্রম করে ফসল উৎপাদন করতেন না। প্রকৃতপক্ষে, সামন্ততান্ত্রিক ব্যবস্থায় রাজা ছিলেন রাষ্টের সমস্ত জমির মালিক। তিনি তাঁর রাজকর্মচারীদের নগদ বেতনের পরিবর্তে অনেক সময় জমি দান করতেন। এই সমস্ত জমিতে অন্যের শ্রমে উৎপাদিত দ্রব্য বা রাজস্ব থেকে সামন্তপ্রভুরা নিজেদের জীবিকা নির্বাহ করতেন। কৃষকদের কাছ থেকে ছোটো সামন্ত কত রাজস্ব আদায় করতেন তিনি তার কিছু অংশ নি মাঝারি সামন্তরা বাকি অংশ উ সমস্তকে দিতেন। তার ওপরের মাঝারি সামন্তরাও তাদের নিজেদের অংশ রেখে বাকি অংশ রাজাকে দিতেন।

গ)  পাল আমলে বাংলার শিল্প ও স্থাপত্যের কী পরিচয় পাওয়া যায় তা লেখো।

উত্তর: ভূমিকা: শিল্পের ইতিহাসে বাংলার পাল আমল বিশেষভাবে স্মরণীয় হয়ে আছে। স্থাপত্য, ভাস্কর্য ও চিত্রকলা সবক্ষেত্রেই পাল আমলের অনেক নিদর্শন পাওয়া যায়।

1. প্রাচ্য শিল্পরীতি: পালযুগের শিল্পরীতিকে প্রাচ্য শিল্পরীতি বলা হয়। এই রীতির পূর্বসূরি ছিল গুপ্তযুগের শিল্পকলা। পাল আমলের স্থাপত্যের মধ্যে ছিল স্তূপ, বিহার এবং মন্দির।

2. স্তূপ : প্রাচীন ভারতে বৌদ্ধ এবং জৈনদের মধ্যে স্তূপ নির্মাণের রীতি ছিল। পাল আমলেও স্তূপ নির্মাণের রীতি লক্ষ করা যায়। এই সময়ের স্তূপগুলি দেখতে ছিল শিখরের মতো। তবে স্তূপ নির্মাণে বাংলায় কোনো মৌলিক ভাবনার বিকাশ লক্ষ করা যায়নি।

এযুগে নির্মিত স্তূপগুলির মধ্যে উল্লেখযোগ্য হল-

(i) বাংলাদেশের ঢাকা জেলার আসরফপুর, (ii) রাজশাহীর

পাহাড়পুর, (iii) চট্টগ্রাম এবং (iv) পশ্চিমবঙ্গের বর্ধমান জেলার ভরতপুর গ্রামের বৌদ্ধস্তূপ।

3. বৌদ্ধবিহার: পাল আমলে নির্মিত বৌদ্ধবিহারগুলি ছিল বাংলার স্থাপত্যশিল্পের উল্লেখযোগ্য নিদর্শন। এই বিহারগুলি ছিল

বৌদ্ধ ভিক্ষুদের বাসস্থান এবং বৌদ্ধ জ্ঞানচর্চার কেন্দ্র। পাল আমলে উল্লেখযোগ্য বিহারগুলি হল পাহাড়পুরের সোমপুরী, ওদন্তপুরী, এবং বিক্রমশীল মহাবিহার।

4. মন্দির: পাল আমলে মন্দির নির্মাণে স্থানীয় পোড়ামাটির ইট এবং কাদার গাঁথুনি ব্যবহার করা হত। মন্দিরের মধ্যে পাহাড়পুরের সোমপুরী বিহারের মন্দির ছিল উল্লেখযোগ্য। চারকোণা এই মন্দিরে গর্ভগৃহ, প্রদক্ষিণ পথ, মণ্ডপ, সুউচ্চ স্তম্ভ ইত্যাদি ছিল। প্রাপ্ত মূল মন্দিরের গায়ে, পাথরের ফলকের মধ্যে স্থানীয় রীতির প্রভাব স্পষ্ট। ফলকগুলিতে রাধাকৃষ্ণ, যমুনা, বলরাম, শিব, বুদ্ধ, অবলোকিতেশ্বরের মূর্তি আছে।

উপসংহার: পাল আমলের এই সমস্ত স্থাপত্য, ভাস্কর্যগুলি প্রকৃতির কোপে এবং মানুষের রোষে অধিকাংশ ধ্বংস হয়ে গেছে।

(ঘ) পাল ও সেন যুগে সমাজ ও ধর্মের পরিচয় দাও।

উত্তর: ভূমিকা: পাল ও সেন যুগের বাংলার সমাজ ছিল সহজ, সরল ও অনাড়ম্বর। সমাজে সাধারণ মানুষের জীবন ছিল মোটামুটি স্বচ্ছল। তবে ভূমিহীন ব্যক্তি ও শ্রমিকের আর্থিক অবস্থা ভালো ছিল। না।

• পালযুগে বাংলার সমাজ পালযুগের সময় সমাজে বর্ণব্যবস্থা থাকলেও তার কঠোরতা ছিল না।

• সেনযুগে বাংলার সমাজ সেনযুগের ব্রাহ্মণরাই সমাজপতি হিসাবে সুবিধা ভোগ করত। আবার ব্রাহ্মণদের মধ্যে একাধিক উপবিভাগ ছিল। অ-ব্রাহ্মণদের সবাইকে ‘সংকর’ বা ‘শূদ্র’ হিসেব ধরা হত। ব্রাহ্মণরা অ-ব্রাহ্মণদের কাজ করতে পারত। কিন্তু অ-ব্রাহ্মণরা ব্রাহ্মণদের কাজগুলি করতে পারত না। এই যুগে আদিবাসী-উপজাতি মানুষদের কথাও জানা যায়। এইসময় সমাজে বর্ণব্যবস্থা কঠোর ও অনমনীয় হয়ে পড়েছিল।

• পালযুগের ধর্ম পাল রাজারা ছিলেন বৌদ্ধধর্মের অনুরাগী। পালযুগে মহাযান বৌদ্ধধর্মের সঙ্গে অন্যান্য দার্শনিক চিন্তাধারা মিলে গিয়ে বজ্রযান, তন্ত্রযান ও তান্ত্রিক বৌদ্ধমতের জন্ম হয়েছিল। এই মতের নেতাদের বলা হত সিদ্ধাচার্য। এছাড়া সহজযান ও কালচক্র যান নামে আরো দু-রকমের বৌদ্ধ ধর্মমতের জন্ম হয় এই সময়ে।

• সেনযুগের ধর্ম: সেন রাজারা ব্রাহ্মণ্য ধর্মকেই প্রাধান্য দিতেন। ব্রাহ্মণ্যধর্মের মধ্যে বৈদিক ধর্ম ও পৌরাণিক ধর্ম এই দুইয়ের মিশ্রণ ঘটেছিল। ইন্দ্র, অগ্নি, কুবের, সূর্য, বৃহস্পতি, গঙ্গা, যমুনা, মাতৃকা, শিব, বিছুর পুজো করা হত। সেন রাজাদের মধ্যে লক্ষ্মণ সেন ছিলেন বৈয়ব এবং তার পূর্বসূরিরা ছিলেন শৈব।

কল্পনা করে লেখো (১০০-১৫০টি শব্দের মধ্যে)

(ক) যদি তুমি খ্রিস্টীয় দশক শতকের বাংলার একজন কৃষক হও, তাহলে তোমার সারাদিন কেমন কাটবে তা লেখো।

উত্তর: খ্রিস্টীয় দশম শতকের আমি একজন সাধারণ কৃষক।

আমার সারাদিন:

• সকালবেলা: সকালবেলা ঘুম থেকে উঠে প্রথমে যাব ধানের খেতে কাজ করতে। ধানের বীজ থেকে সবে চারা বেরিয়েছে। সেগুলোতে জল দিয়ে পাশের খেতে যাব, সেখানে বেগুন, লাউ, কুমড়ো, ঝিঙে প্রভৃতি কিছু প্রয়োজনীয় সবজির চাষ করেছি। সেই জমির আগাছাগুলো পরিষ্কার করে, জল দিয়ে কিছু সবজি বাড়ির জন্য তুলে বাড়ি ফিরব।

• দুপুরবেলা: দুপুরবেলা স্নান করে জমি থেকে তুলে আনা সবজির তরকারি দিয়ে গরম গরম ভাত খেয়ে একটু বিশ্রাম নেবো। গ্রামে রাজার লোক কর নিতে আসবে, তার জন্য যা ফসল ফলেছে তার অংশ (এক-ষষ্ঠাংশ) আলাদা করে রাখব। আমাদের নিরাপত্তা দেওয়ার জন্য রাজাকে আলাদা কর দিতে হবে। সব হিসাব করে রাখব।

• বিকেল বেলা: বিকেলবেলা হাটে যাব। ওখান থেকে কড়ি দিয়ে আখের গুড়, দুধ, লবণ ইত্যাদি প্রয়োজনীয় জিনিস কিনে আনব।

বাড়িতে ফিরে বাড়ির গোরু, ছাগল, হাঁস, মুরগিগুলো বাড়িতে ফিরেছে কিনা একবার দেখে নেব।

• রাত্রিবেলা: রাত্রিবেলা সবাই একসাথে খেয়ে ঘুমিয়ে পড়ব।

৪.১ খ্রিস্টীয় সপ্তম থেকে দ্বাদশ শতকে দক্ষিণ ভারতের মন্দিরগুলি সমাজ ও অর্থনীতিতে কী ভূমিকা রেখেছিল?

উত্তর: ভূমিকা: দক্ষিণ ভারতের রাজশক্তিগুলি বহু মন্দির তৈরি করেছিল। দক্ষিণ ভারতের সামাজিক এবং অর্থনৈতিক ক্ষেত্রে এই মন্দিরগুলির ভূমিকা ছিল বিশেষভাবে উল্লেখযোগ্য।

1. লোকালয় প্রতিষ্ঠা: মন্দির ঘিরে লোকালয় এবং শিল্পীদের

বসবাস গড়ে উঠত। পুরোহিত, মালাকার, রাঁধুনি, গায়ক, নর্তক-নর্তকী প্রমুখ মন্দির চত্বরে বসবাস করতেন।

2. নিষ্কর জমি প্রদান: মন্দির কর্তৃপক্ষকে রাজা, ব্যবসায়ী ও অভিজাতরা নিষ্কর জমি দান করতেন। সেই জমির ফসল মন্দিরের সঙ্গে যুক্ত মানুষজনের জীবনযাপনের জন্য লেগে যেত।

৪.২  চোল শাসনব্যবস্থায় ‘উর’ ও ‘নাড়ু’ কী? এদের কাজ কী ছিল?

উত্তর: ভূমিকা: দক্ষিণভারতে চোলদের শাসনব্যবস্থায় দুটি স্থানীয় স্বায়ত্তশাসনমূলক সংস্থা হল ‘উর’ ও ‘নাড়ু’।

• উর: চোল শাসনকালে কৃষকদের বসতিকে ঘিরে গড়ে ওঠা গ্রামকে শাসন করত গ্রাম-পরিষদ বা উর।

• নাড়ু: গ্রাম পরিষদ বা উর শাসিত কয়েকটি গ্রামকে নিয়ে গঠিত হত নাড়ু।

• ‘উর’ ও ‘নাড়ু’র কাজ: উর ও নাড়ুর কাজ ছিল-1. স্থানীয় অঞ্চলে স্বায়ত্তশাসন পরিচালনা করা। 2. বিচার করা। 3. রাজস্ব বা কর সংগ্রহ করা।

৪.৩ খ্রিস্টীয় সপ্তম-দ্বাদশ শতকে দক্ষিণ ভারতে করব্যবস্থা কীরকম ছিল? কীভাবে রাজস্ব আদায় করা হত?

উত্তর: ভূমিকা: খ্রিস্টীয় সপ্তম-দ্বাদশ শতাব্দীতে রাজারা বিভিন্ন জায়গা থেকে রাজস্ব বা কর আদায় করতেন। সেগুলি হল-

1. উৎপাদনভিত্তিক রাজস্ব কৃষকদের কাছ থেকে ভূমিরাজস্ব আদায় করা হত। এছাড়া পশুপালক ও কারিগরদের কাছ থেকেও রাজস্ব আদায় করা হত।

2. বাণিজ্য কর: ব্যবসায়ীদের কাছ থেকেও নির্দিষ্ট পরিমাণ অর্থ কর হিসেবে আদায় করা হত।

3. অন্যান্য কর: অনেক সময় রাজারা, যুদ্ধ, বাঁধ নির্মাণ, মন্দির নির্মাণ ও অন্যান্য সংস্কারমূলক কাজের জন্য অতিরিক্ত কর আদায় করতেন।

• রাজস্ব আদায়: রাজা স্থানীয় গুরুত্বপূর্ণ পরিবারগুলোর হাতে খাজনা সংগ্রহের দায়িত্ব দিতেন। খাজনার একাংশ ওই পরিবারগুলি

নিজেদের জন্য রেখে, বাকি অংশ রাজকোশাগারে জমা দিত।

৪.৪ পাল ও সেন যুগের করব্যবস্থা কেমন ছিল?

উত্তর: ভূমিকা: পাল ও সেন যুগে রাজারা বিভিন্ন ধরনের কর সংগ্রহ করতেন।

1. কৃষি কর: রাজারা উৎপন্ন ফসলের এক-ষষ্ঠাংশ (১/৬ ভাগ) কৃষকদের কাছ থেকে কর নিতেন। তাঁরা নিজেদের ভোগের জন্য ও প্রজাদের কাছ থেকে কর হিসাবে আদায় করতেন।

ফুল, ফল, কাঠ 2. বাণিজ্য কর: বণিকরা তাদের ব্যাবসাবাণিজ্য করার জন্য রাজাকে কর দিত।

3. অন্যান্য কর: এছাড়াও প্রজারা নিজেদের নিরাপত্তা নিশ্চিত করার জন্য রাজাকে কর দিত। সমগ্র গ্রামের উপরেও কর দিতে হত গ্রামবাসীদের। হাট ও খেয়াঘাটের উপরে কর চাপানো হত।

৪.৫ পাল ও সেন যুগে কী কী ফসল বাংলায় উৎপন্ন হত? সেই ফসলগুলির কোন্ কোল্টি এখনও চাষ করা হয়?

উত্তর: ভূমিকা: পাল ও সেন যুগে বাংলার অর্থনীতির অন্যতম মূল ভিত্তি ছিল কৃষিকার্য। এই যুগে বিভিন্ন ধরনের ফসল, সবজি চাষ

হত। যেমন-

1. এ যুগে বাংলার প্রধান ফসল ছিল ধান, তাই ভাতই ছিল মানুষের প্রধান খাদ্য।

2. এ যুগের আর একটি প্রধান ফসল ছিল সরষে, যা প্রচুর পরিমাণে চাষ হত।

3. বেগুন, লাউ, কুমড়ো, ঝিঙে, কাঁকরোল, ডুমুর, কচু ইত্যাদি বিভিন্ন ধরনের শাকসবজি এযুগে উৎপন্ন হতো।

4. নানারকম ফল, যেমন-আম, কাঁঠাল, কলা, ডালিম, খেজুর, নারিকেল ইত্যাদি প্রচুর পরিমাণে সেই সময় বাংলায় উৎপন্ন হত।

5. এছাড়া উৎপন্ন হত কার্পাস বা তুলো, পান, সুপুরি, এলাচ, মহুয়া ইত্যাদি।

• পাল-সেন যুগে যে সব ফসল বাংলায় চাষ হত সেই সব ফসল এখনও চাষ করা হয়। বর্তমান প্রধান প্রধান ফসলগুলি হল- ধান, সরষে, পাট, বেগুন, লাউ, কুমড়ো, ঝিঙে, কচু, কাঁকরোল প্রভৃতি।

৪.৬ পাল-সেন যুগে বাঙালির খাদ্যাভ্যাস কীরূপ ছিল?

উত্তর: ভূমিকা: সমকালীন প্রাচীন কাব্য থেকে বাঙালির খাদ্যাভ্যাস সম্পর্কে জানা যায়।

1. প্রধান খাদ্য: পাল ও সেন যুগে বাঙালির প্রধান খাদ্য ছিল ভাত।

2. প্রাচীন কাব্যে বর্ণনা: প্রাচীন কাব্যে খাবারের যে বর্ণনা আছে তা হল গরম ভাতে গাওয়া ঘি, তার সঙ্গে মৌরলা মাছ, নালতে (পাট) শাক, সর-পড়া দুধ আর পাকা কলা।

3. গরিবদের খাবার: গরিব লোকদের খাদ্য তালিকায় নানা ধরনের শাক-সবজি থাকত।

4. বিভিন্ন ধরনের সবজি: প্রাচীনকাল থেকেই বিভিন্ন ধরনের সবজি বাঙালিদের খাদ্যতালিকায় থাকত, যেমন-বেগুন, লাউ, কুমড়ো, ঝিঙে, কাঁকরোল, ডুমুর, কচু ইত্যাদি।

5. বিভিন্ন ধরনের মাছ: বুই, পুঁটি, মৌরলা, শুকনো মাছ, শোল, ইলিশ ইত্যাদি বিভিন্ন ধরনের মাছ খাওয়ার অভ্যেস বাঙালিদের ছিল।

6. বিভিন্ন রকম মাংস সেই সময় অনেক বাঙালি হরিণ, ছাগল, নানা রকমের পাখি ও কচ্ছপের মাংস, কাঁকড়া, শামুক ইত্যাদি খেত।

7. আলু ও ডাল: বাঙালিদের খাদ্য তালিকায় আলু ও ডাল এসেছে অনেক পরে। বাঙালিরা পোর্তুগিজদের কাছ থেকে আলু এবং উত্তর ভারতের মানুষদের কাছ থেকে ডাল খেতে শিখেছে।

৪. প্রতিদিনের খাদ্যবস্তু: বাঙালিদের প্রতিদিনের খাদ্যবস্তুর তালিকায় ছিল আখের গুড়, দুধ এবং তার থেকে তৈরি দই, পায়েস, ক্ষীর প্রভৃতি।

9. পানীয়: মহুয়া এবং আখ থেকে তৈরি পানীয় সেই সময়ে বাঙালি সমাজে চালু ছিল।

৪.৭ দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার দেশগুলির সঙ্গে ভারতের সম্পর্ক কি একমুখী ছিল? তোমার উত্তরের সপক্ষে যুক্তি দেখাও।

উত্তর: ভূমিকা: দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার দেশগুলির সাথে ভারতবর্ষের সম্পর্ক একমুখী ছিল না। দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার দেশগুলি ভারত থেকে যেমন অনেক কিছু গ্রহণ করেছিল, তেমনি দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার দেশগুলি থেকে ভারতও অনেক কিছু শিখেছিল।

• ভারত থেকে দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়া ভারতীয় শিল্প, ভাষা এবং সাহিত্যের চর্চা ছড়িয়ে পড়েছিল দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ায়। এছাড়া ভারত থেকে রামায়ণ-মহাভারতের ঘটনাবলি, নৃত্য-সংগীত, হিন্দুধর্ম, বৌদ্ধধর্ম প্রভৃতি বিষয়ে দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়া শিক্ষালাভ করেছিল।

• দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়া থেকে ভারত: ভারত দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার দেশ থেকে শিখেছিল পান পাতা ও অন্যান্য বেশ কিছু ফসল কীভাবে ফলাতে হয় তার কৌশল।

Fil In The Blanks

২.১ সামন্ত সমাজের কাঠামো ছিল,——এর মতো। (ত্রিভুজ/চতুর্ভুজ/পঞ্চভুজ)

উত্তর: ত্রিভুজ।

২.২—  (ষষ্ঠ/সপ্তম/অষ্টম) শতক থেকে উত্তর ভারতের বেশ কিছু জায়গায় ব্যবসাবাণিজ্যের মন্দা দেখা দিয়েছিল। 

উত্তর: সপ্তম।

 ২.৩ —-(ফা হিয়েন/ইৎ সিং/সুয়ান জাং) সপ্তম শতকে থানেশ্বর, কনৌজ ও বারাণসীতে ব্যাবসায়িক কাজকর্মের রমরমার কথা উল্লেখ করেছেন।

উত্তর: সুয়ান জাং।

২.৪ গঙ্গাইকোল্ডচোল পুরমে চোল শাসক — (বিজয়ালয়/ রাজারাজ/রাজেন্দ্র) একটি সুন্দর মন্দির নির্মাণ করেন।

উত্তর: রাজেন্দ্র।

২.৫ তামিলনাড়ুর — (কৃষ্ণা/কাবেরী/গোদাবরী) নদী থেকে খাল কেটে সেচব্যবস্থার উন্নতি করা হয়।

উত্তর: কাবেরী।

২.৬ চোল রাজ্যের প্রধান ছিলেন—- (রাজা/মন্ত্রী/গ্রামণী)

উত্তর: রাজা।

২.৭ চোলদের গ্রাম পরিষদকে বলা হত — (উর/নাড়ু মণ্ডলম)।

উত্তর: উর।

২.৮ ‘নাড়ু’ গঠিত হতো কয়েকটি নিয়ে/পরিবারকে নিয়ে)। (শহরকে নিয়ে/গ্রামকে

উত্তর: গ্রামকে নিয়ে।

২.৯ কাবেরী উপত্যকায় (ব্রাহ্মণ/ক্ষত্রিয়/বণিক) সম্প্রদায়ের নেতৃত্বে বহু নতুন নতুন গ্রামের পত্তন হয়েছিল।

উত্তর: ব্রাহ্মণ।

২.১০ বণিক সংগঠনগুলি বিভিন্ন মন্দিরকে জমি দান করতেন। তার বর্ণনা দক্ষিণ ভারতে (শিলালেখগুলিতে/তাম্রলেখ গুলিতে/বিভিন্ন গ্রন্থে) পাওয়া যায়।

উত্তর: তাম্রলেখগুলিতে।

২.১১ বাঙালিরা আলু খেতে শিখেছে।— (ইংরেজ/ফরাসি/ পোর্তুগিজদের) কাছ থেকে।

উত্তর: পোর্তুগিজদের।

২.১২ রামচরিতের কাহিনি,—– গল্প অনুসারে লেখা। (রামায়ণের/মহাভারতের/পুরাণের)

উত্তর: রামায়ণের।

২.১৩ রামচরিতের ভাষা ছিল,—– (বাংলা/পালি/সংস্কৃত)।

উত্তর: সংস্কৃত।

২.১৪ পাল রাজারা ছিলেন,—–(জৈন/বৌদ্ধ/হিন্দু) ধর্মের অনুরাগী।

উত্তর: বৌদ্ধ।

২.১৫ বজ্রযান মতের নেতাদের বলা হত — (সিদ্ধাচার্য/ তীর্থঙ্কর/খলিফা)।

উত্তর: সিদ্ধাচার্য।

২.১৬ বৌদ্ধ সিদ্ধাচার্যরা চর্যাপদ লিখতেন — (সংস্কৃত ভাষায়/স্থানীয় ভাষায়/বাংলা ভাষায়)।

উত্তর: স্থানীয় ভাষায়।

২.১৭ বৌদ্ধ ধর্মমতে ‘নির্বাণ’ শব্দের অর্থ হল — (ভক্তি/মুক্তি/ শক্তি)।

উত্তর: মুক্তি।

২.১৮ — (মৌর্য/পাল/গুপ্ত) তৈরি হয়েছিল। রাজাদের আমলে নালন্দা বৌদ্ধবিহার

উত্তর: গুপ্ত।

২.১৯ সুদূর সুমাত্রা দ্বীপের শাসক — (নালন্দা/বিক্রমশীল/ সোমপুরী) মহাবিহারের জন্য সম্পদ দান করেছিলেন।

উত্তর: নালন্দা।

২.২০ — (তিব্বত/চিন/কোরিয়া) দেশের ছাত্রদের শিক্ষাদানের জন্য নালন্দা বৌদ্ধবিহারে বিশেষ তহবিলের বন্দোবস্ত করাছিল।

উত্তর: চিন।

২.২১ বিক্রমশীল মহাবিহারের একজন অন্যতম মহাচার্য ছিলেন —(শীলরক্ষিত/শান্তরক্ষিত/দীপঙ্কর-শ্রীজ্ঞান)।

উত্তর: দীপঙ্কর শ্রীজ্ঞান।

২.২২ পাল রাজত্বে তৈরি স্তূপগুলি দেখতে ছিল — (শিখরের মতো/গোলকের মতো/চতুর্ভুজের মতো) 

উত্তর: শিখরের মতো।

২.২৩ পাল যুগের বিখ্যাত শিল্পীরা হলেন — (চরক ও সুশ্রুত/ধীমান ও বীটপাল/জয়দেব ও ধোয়ী)।

উত্তর: ধীমান ও বীটপাল।

২.২৪ সেন যুগের রাজারা — (ব্রাহ্মণ্য/বৌদ্ধ/জৈন) ধর্মকেই প্রাধান দিতেন।

উত্তর: ব্রাহ্মণ্য।

২.২৫ ‘দানসাগর’ ও ‘অদ্ভুতসাগর’ বই দুটি লেখেন — (বল্লাল সেন/লক্ষ্মণ সেন/হলায়ুধ)।

উত্তর: বল্লাল সেন।

২.২৬ — (শীলরক্ষিত/শান্তরক্ষিত/অতীশ দীপঙ্কর)-এর বাড়ি ‘নাস্তিক পন্ডিতের ভিটা’ নামে পরিচিত।

উত্তর: অতীশ দীপঙ্কর।

২.২৭ অতীশ দীপঙ্কর তিব্বতে — বৌদ্ধধর্ম প্রচার করেন। (হীনযান/মহাযান/বজ্রযান)

উত্তর: মহাযান।

২.২৮ — (ভারত মহাসাগরকে/বঙ্গোপসাগরকে/আরব সাগরকে) কেন্দ্র করে বাণিজ্য ও ধর্মপ্রচারের মাধ্যমে ভারত ও দক্ষিণ-পূর্ব এশিয়ার সাংস্কৃতিক যোগাযোগ তৈরি হয়েছিল।

উত্তর: ভারত মহাসাগরকে।

Ture And False

২.১ খ্রিস্টীয় সপ্তম থেকে দ্বাদশ শতকে উত্তর ভারতে ভালো মানের সোনা বা রুপোর মুদ্রার অভাব ছিল।

উত্তর: ঠিক।

২.২ অষ্টম-নবম শতকে যুদ্ধপটু উপজাতি নেতারা কোনো কোনো অঞ্চলে কর্তৃত্ব করত।

উত্তর: ঠিক।

২.৩ দক্ষিণ ভারতের মন্দিরগুলি শুধুমাত্র পুজোর জন্যই ব্যবহৃত হত।

উত্তর: ভুল।

সঠিক উত্তর: দক্ষিণ ভারতের মন্দিরগুলি শুধুমাত্র পুজোর জন্যই ব্যবহৃত হত না।

২.৪ দক্ষিণ ভারতে বৃষ্টির জল ধরে রাখার জন্য পুকুর, বিল কাটা হতো।

উত্তর: ঠিক।

২.৫ দক্ষিণ ভারতে স্থানীয় গুরুত্বপূর্ণ পরিবারগুলোর হাতে খাজনা- সংগ্রহের দায়িত্ব দেওয়া হত।

উত্তর: ঠিক।

২.৬ পাল-সেন যুগে কৃষি, শিল্প এবং বাণিজ্যই ছিল বাংলার অর্থনীতির মূল ভিত্তি।

উত্তর: ঠিক।

২.৭ পাল-সেন যুগে বাংলার সূক্ষ্ম সুতির কাপড়ের খ্যাতি দেশে-বিদেশে ছড়িয়ে পড়েছিল।

উত্তর: ঠিক।

২.৮ চক্রপাণিদত্তের চিকিৎসা-বিজ্ঞানের বইগুলো বাংলা ভাষায় লেখো।

উত্তর: ভুল।

সঠিক উত্তর: চক্রপাণি দত্তের চিকিৎসা-বিজ্ঞানের বইগুলো সংস্কৃত ভাষায় লেখা।

২.৯ সন্ধ্যাকর নন্দীর লেখা ‘রামচরিত’ কাব্যটি শুধুই বাল্মীকি-রামায়ণের পুনরাবৃত্তি।

উত্তর: ভুল।

সঠিক উত্তর: সন্ধ্যাকর নন্দীর লেখা ‘রামচরিত’ কাব্যটি শুধুই বাল্মীকি-রামায়ণের পুনরাবৃত্তি নয়।

২.১০ তান্ত্রিক বৌদ্ধমতে বিশ্বাসীরা গুরু এবং শিষ্যের মধ্যে গভীর যোগাযোগে বিশ্বাস করত।

উত্তর: ঠিক।

২.১১ পাল শাসকদের পৃষ্ঠপোষকতায় বাংলা এবং বিহারে শিক্ষা এবং সংস্কৃতির ক্ষেত্রে অবনতি ঘটেছিল।

উত্তর: ভুল।

সঠিক উত্তর: পাল শাসকদের পৃষ্ঠপোষকতায় বাংলা এবং বিহারে শিক্ষা এবং সংস্কৃতির ক্ষেত্রে উন্নতি ঘটেছিল।

২.১২ পাল রাজাদের সমর্থনে ও বৌদ্ধ আচার্য এবং ছাত্রদের উৎসাহে বৌদ্ধবিহারগুলি শিক্ষাদীক্ষায় বড়ো ভূমিকা নিয়েছিল।

উত্তর: ঠিক।

২.১৩ মুঘলদের আক্রমণে নালন্দা মহাবিহারের ব্যাপক ক্ষতি হয়েছিল।

উত্তর: ভুল।

সঠিক উত্তর: তুর্কি অভিযানকারীদের আক্রমণে নালন্দা মহাবিহারের ব্যাপক ক্ষতি হয়েছিল।

২.১৪ পাল আমলে নির্মিত পোড়ামাটির শিল্প সামগ্রীগুলি ছিল স্থানীয় লোকায়ত শিল্পের প্রতীক।

উত্তর: ঠিক।

২.১৫ সেন রাজাদের আমলে স্থানীয় গ্রাম শাসনব্যবস্থার উন্নতি হয়েছিল।

উত্তর: ভুল।

সঠিক উত্তর: সেন রাজাদের আমলে স্থানীয় গ্রাম শাসনব্যবস্থার অবনতি হয়েছিল।

২.১৬ সেন আমলে রাজপরিবারে মহিলাদের গুরুত্ব বেড়েছিল।

উত্তর: ঠিক।

২.১৭ চারশো বছরেরও বেশি বাংলায় পাল শাসন স্থায়ী হয়েছিল।

উত্তর: ঠিক।

২.১৮ ইসলামীয় সংস্কৃতি ভারতবর্ষে আসার ফলে ভারতে জ্ঞানচর্চার লাভ হয়েছিল বেশি।

উত্তর: ঠিক।

২.১৯ তিব্বতের রাজা জ্ঞানপ্রভের অনুরোধে অতীশ দীপঙ্কর দুর্গম হিমালয় অতিক্রম করে তিব্বতে যান।

উত্তর: ঠিক।

২.২০ কম্বোডিয়ায় মহাভারতের ঘটনাবলি নিয়ে নৃত্য-সংগীত খুবই জনপ্রিয় ছিল।

উত্তর: ভুল।

সঠিক উত্তর: কম্বোডিয়ায় রামায়ণের ঘটনাবলি নিয়ে নৃত্য-সংগীত

২(গ) ‘ক’ স্তম্ভের সঙ্গে ‘খ’ স্তম্ভ মিলিয়ে লেখ

উত্তর: (A)-(3); (B)—(1); (C)——(4); (D)—(5); (E)—(2);

 

WBBSE Class 5 Bangla Chapter 13 মধু আনতে বাঘের মুখে শিবশঙ্কর মিত্র Solution | Bengali Medium

Class 5 Bangla Chapter 13

মধু আনতে বাঘের মুখে শিবশঙ্কর মিত্র

1. Very Short Question Answer

1. সুন্দরবনের যে অংশ পশ্চিমবঙ্গে রয়েছে, তা কোন্দুটি জেলায়, মানচিত্র থেকে খুঁজে বের করো। 

উত্তর: পশ্চিমবঙ্গের উত্তর ও দক্ষিণ ২৪ পরগনা জেলায় সুন্দরবন আছে।

 2. পৃথিবীর বৃহত্তম বদ্বীপ অঞ্চলটি কোন্ সমুদ্র উপকূলে অবস্থিত তা মানচিত্র থেকে খুঁজে বের করো।

উত্তরঃ পৃথিবীর বৃহত্তম বদ্বীপ অঞ্চলটি বঙ্গোপসাগর উপকূলে অবস্থিত।

 3. পৃথিবীর বৃহত্তম ম্যানগ্রোভ বনাঞ্চল কোথায় রয়েছে? 

উত্তর : পৃথিবীর বৃহত্তম ম্যানগ্রোভ বনাঞ্চল সুন্দরবনে রয়েছে।

4. সুন্দরবনের খ্যাতি ও সমাদরের দুটি কারণ লেখো।

উত্তর: সুন্দরবনের খ্যাতি ও সমাদরের দুটি কারণ হল- এখানে সুন্দরী গাছের প্রাচুর্য এবং রয়াল বেঙ্গল টাইগারের উপস্থিতি।

5. কোন্ কোন্ গাছে সাধারণত মৌচাক দেখা যায়? 
উত্তরঃ সুন্দরবনে খলসি, গেওয়া, কেওড়া, গরান ইত্যাদি গাছে সাধারণত মৌচাক দেখা যায়।

6. ‘বাংলার বাঘ’ নামে কে পরিচিত?

উত্তরঃ ‘বাংলার বাঘ’ নামে পরিচিত স্যার আশুতোষ মুখোপাধ্যায়।

7. ‘বাঘা যতীন’ নামে কে পরিচিত?

উত্তর: ‘বাঘা যতীন’ নামে পরিচিত যতীন্দ্রনাথ মুখোপাধ্যায়।

8. ধনাই কীসের মন্ত্র জানে?

উত্তরঃ মন্ত্র জানা থাকলে তবেই মৌচাক কাটতে পারে। আর ধনাই সেই মৌচাক কাটার মন্ত্র জানে।

9. গরান গাছের ফুল দেখতে কেমন? (হেয়ার স্কুল)

উত্তরঃ গরান গাছের ফুল ছোটো ছোটো, হলুদ রংয়ের, গন্ধবিশিষ্ট।

10. ডিঙি করে মধু সংগ্রহ করতে কে কে গিয়েছিল?

উত্তরঃ ডিঙি করে মধু সংগ্রহ করতে গিয়েছিল ধনাই – আর্জান -কফিল।

11. ধনাই-এর হাতে কী ছিল?

উত্তর: ধনাই-এর বাঁ হাতে কাস্তে আর চট ছিল।

12. ট্যাকের সামনে কী গাছ ছিল?

উত্তর: ট্যাকের সামনেই ছিল একটা গরান গাছ।

13. আর্জান কাদা ছুঁড়েছিল কেন?

উত্তর: গরান গাছের চাকে মধু আছে কি না তা জানার জন্য আর্জান কাদা ছুড়েছিল। 

14. শিষে কাকে বলে?

উত্তর: সুন্দরবনে ছোটো সরু খাদকে শিষে বলে।

15. “তাই তার সমস্যা”। হয়েছে? কার সমস্যার কথা বলা

উত্তর: এখানে মাথায় মধুর কলস নিয়ে ধনাই-এর শিষে পার হবার সমস্যার বলা বলা হয়েছে।

16. “তাদের কথা বলার শক্তি নেই”। বলার শক্তি নেই? কাদের কথা

উত্তর: আর্জান ও কফিল-এর কথা বলার শক্তি নেই।

17. ধনাই-এর মাথার কলস পড়ে গিয়েছিল কেন?

উত্তর: বাঘের লেজের বাড়ির আঘাতে ধনাই-এর মাথা থেকে মধুর কলস পড়ে গিয়েছিল।

18. “কলস ভেঙে পড়ল তার মাথার উপর”। মাথার উপর কলস ভেঙে পড়েছিল? কার

উত্তর: বাঘের মাথার উপর কলস ভেঙে পড়েছিল।

19. সুন্দরবনের মাঝ দিয়ে বয়ে চলা একটি নদীর নাম লেখো।

উত্তর: সুন্দরবনের মাঝ দিয়ে বয়ে চলা একটি নদীর নাম গোসাবা।

20. ‘লোকে তা বিশ্বাস করে না’-কার কথা লোকে বিশ্বাস করে না? (পর্ষদ নমুনা)

উত্তর: ধনাইয়ের কথা লোকে বিশ্বাস করে না।

2. Short Question Answer

1. ম্যানগ্রোভ বনাঞ্চলের বৈশিষ্ট্য শিক্ষকের থেকে জেনে নিয়ে লেখো।

উত্তরঃ ম্যানগ্রোভ বনাঞ্চলের বৈশিষ্ট্য-(ⅰ) যেখানে সাগরের নোনা জল প্রবেশ করে সে সব স্থানে এই বনভূমি জন্মায়। (ii) কাণ্ডকে ধরে রাখার জন্য এইসব গাছে ঠেসমূল থাকে। (iii) এই বনের কাঠ সাধারণত নৌকা গৃহনির্মাণের প্রধান কাঁচামাল। (iv) এই বনভূমিতে মধু মোম পাওয়া যায়। (v) সাধারণ উদ্ভিদ এই মাটিতে জন্মাতে পারে না। (vi) এই অঞ্চলের উদ্ভিদদেহে শ্বাসমূল দেখ যায়।

2. টীকা লেখো: ট্যাক্, শিষে। অনুরূপ প্রশ্ন: ট্যাক্ কী? (শ্রীরামকৃষ্ণ আশ্রম ইনস্টিটিউট)

উত্তর: ট্যাক্ —  দুটো ছোটো নদী মিশবার ফলে একটা ত্রিভুজখণ্ড তৈরি হয়।  এই ধরনের ত্রিভুজ আকারের জমির মাথা ‘ট্যাক্’ নামে পরিচিত। 

শিষে —  ছোটো সরু খাদকে বলে শিষে। সাধারণত তিন-চার হাত চওড়া হয় শিষে।

3. মধুর চাক খুঁজে পাওয়ার পন্থাটি কী?

উত্তর: মধুর চাক খুঁজে পাওয়ার পন্থা হল মৌমাছি ফুল থেকে মধু নিয়ে কোন্দিকে ছুটে চলেছে, তা লক্ষ করা এবং তার পিছু পিছু সেদিকে যাওয়া।

4. কফিল ও আর্জানকে পেছনে ফিরে ডাকার সময় ধনাই কী দেখেছিল?

উত্তরঃ কফিল ও আর্জানকে পেছনে ফিরে ডাকার সময় ধনাই দেখেছিল একটা বাঘ গর্জন করে ঝাঁপিয়ে পড়ল তার উপর। আর কফিল আর্জান দুজনেই ঝোপের আড়ালে হতভম্ব।

5. বাঘটা শিষের ভিতর পড়ে গেল কীভাবে?

উত্তরঃ বাঘটা ধনাইকে লক্ষ করে ঝাঁপ দিলেও তল্লা গাছের উপর গিয়ে পড়ে যে গাছটা ধরে ধনাই শিষে পার হতে চেয়েছিল। ধনাইকে ডিঙিয়ে বাঘের মাথা ওই গাছটাতে ঠোক্কর খেল দুর্দান্ত বেগে। মাথায় আঘাত লেগে বাঘ উলটে গিয়ে পড়ে গেল ‘শিষে’-তে।

6. ধনাই কীভাবে বাঘের হাত থেকে বেঁচে গেল?

উত্তর: বাঘের লেজের বাড়িতে ধনাই-এর মাথার মধুর কলস পড়ে গেল। বাঘ-ও পড়ল শিষের ভিতর। তবলা গাছটা বাঘের থাবা থেকে ধনাইকে বাঁচাল।

“মধু কাটতে তিনজন লোক তিনজন লোকের দরকার কেন? মধু কাটতে তিনজন লোকের দরকার কেন ? 

উত্তর: মধু কাটতে তিনজন লোকের মধ্যে একজন চট মুড়ি দিয়ে গাছে উঠে কাস্তে দিয়ে চাক কাটে। আর-একজন লম্বা কাঁচা বাঁশের মাথায় মশাল জ্বেলে ধোঁয়া দিয়ে মৌমাছি তাড়ায় আর তৃতীয়জন একটা বড়ো ধামা হাতে নিয়ে চাকের তলায় দাঁড়ায়। যাতে সেগুলি মাটিতে না পড়ে ধামাতেই পড়ে।

7. “মন্ত্র জানা চাই”।- কোন্ মন্ত্রের কথা বলা হয়েছে? কেন জানা দরকার?

উত্তর: এখানে মৌচাক কাটার মন্ত্রের কথা বলা হয়েছে। মন্ত্র দিয়ে মৌমাছিকে ভুল পথে পরিচালিত করতে হয়। তা না হলে, একবার শত্রুর খোঁজ পেলে লক্ষ লক্ষ মৌমাছি ছেঁকে ধরে তাকে কামড়ে শেষ করে দেবে। এইজন্য মৌচাক কাটতে গেলে মন্ত্র জানা দরকার।

8. “সে নিজে তাই বলে, কিন্তু লোকে তা বিশ্বাস করে না”। – ‘সে’ কে, সে নিজে কী বলে? লোকে কী বিশ্বাস করে ?

উত্তর: এখানে ‘সে’ হল ‘মধু আনতে মুখে’ রচনাংশের ধনাই ধনাই মধু কাটার মন্ত্র জানার কথা বলে । লোকে বিশ্বাস করে ধনাই গোঁয়াব , সে গোঁয়ার্তুমি করে মধু কাটে ।

9. “তাদের কথা বলার শক্তি নেই”। – ‘তারা’ কারা? তাদের কথা বলার শক্তি নেই কেন?

উত্তর: এখানে ‘তারা’ বলতে আর্জান ও কফিলের কথা বলা হয়েছে। সুন্দরবনে আর্জান, কফিল, ধনাই মধু আনতে গিয়েছিল। একা শিষের কাছে ধনাই, আর্জান ও কফিলের চেয়ে কিছুটা এগিয়ে যায়। সে সময় একটা বাঘ তাকে লক্ষ করে বিকট হুংকার দিয়ে ঝাঁপ দেয়। আর্জান ও কফিল তা দেখে হতভম্ব হয়ে গিয়েছিল। তাদের কথা বলার কোনো শক্তি ছিল না।

10. ধনাই কীভাবে শিষে পার হওয়ার চেষ্টা করেছিল? (হুগলি কলেজিয়েট স্কুল)

উত্তরঃ ধনাইয়ের হাতে একটা লম্বা লাঠি ছিল। সে সেই | লাঠিটিকে সাঁকোর মতো করে শিষের ওপর দিয়ে এপার ওপার করে দিল। তারপর তল্লা গাছ ধরে শিষে পার হওয়া শুরু করছিল।

3. Fill In The Blanks

 1. বনে যাওয়ার কথায়——————- এক পা।

উত্তর: বনে যাওয়ার কথায় আর্জান এক পা।

2. ————— জানে মন্ত্র।

উত্তর: ধনাই জানে মন্ত্র।

3. ——————–শেষে সুন্দরবনে নানা গাছে———————— ধরেছে।

উত্তর: শীতের শেষে সুন্দরবনে নানা গাছে ফুল ধরেছে।

4. ——————– সবার আগে।

উত্তর: ধনাই সবার আগে।

5. এই ধরনের——————- আকারের জমির মাথা——————– বলেই পরিচিত।

উত্তর: এই ধরনের ত্রিভুজ আকারের জমির মাথা ট্যাক্ বলেই পরিচিত।

6. ———————–আছে মধু চাক——————- দেখেই ওদের চিৎকার করে বলল। 

উত্তর: গরান আছে মধু চাক দেখেই ধনাই ওদের চিৎকার করে বলল।

7. ——————— গাছটা ধরে শিষে পার হবার জন্য তৈরি হয়েছে।

উত্তরঃ তবলা গাছটা ধরে শিষে পার হবার জন্য তৈরি হয়েছে।

8. আজান ও কফিল ঝোপের আড়ালে——————–।

উত্তর: আর্জান ও কফি, ঝোপের আড়ালে হতভম্ব

9. বাঘও পড়ল ———————— গর্তের ভিতর।

উত্তর: বাঘও পড়ল শিষের গর্তের ভিতর।

10. ————————- ভেঙে পড়ল তার মাথার উপর।

উত্তরঃ কলস ভেঙে পড়ল তার মাথার উপর।

WBBSE Class 6 History Chapter 4 Solution | Bengali Medium

Class 6 Chapter 4 Solution

ভারতীয় উপমহাদেশের প্রাচীন ইতিহাসের ধারা

MCQ

1. ঋগ্বেদের যুগে গুরুত্বপূর্ণ নদী হল-

(i) গঙ্গা

(ii)যমুনা

(iii)  সিধু

উত্তর:  (iii)  সিধু

2. বিশপতি বলতে বোঝায়-

(i) পরিবারের প্রধানকে   

(ii) সমাজের প্রধানকে

(iii) গোষ্ঠীর প্রধানকে

উত্তর:   (ii) সমাজের প্রধানকে

3. বৈদিক যুগে বিশ বলতে বোঝানো হয়েছে-

(i) কুড়ি

(ii) গোষ্ঠী

(iii) সম্প্রদায়

উত্তর: (iii) সম্প্রদায়

4. বৈদিক সমাজ ছিল-

(i) ধনতান্ত্রিক

(ii) মাতৃতান্ত্রিক

(iii) পিতৃতান্ত্রিক

উত্তর: (iii) পিতৃতান্ত্রিক

5. একলব্যের পিতা ছিলেন-

(i) আয়োদধৌম্য

(ii) উদ্দালক

(iii) হিরণ্যধনু

উত্তর:  (iii) হিরণ্যধনু

6. বৈদিক সমাজে সবচাইতে নীচে ছিল-

(i)হ্মণ

(ii) শূদ্র

(iii)ক্ষত্রিয়

উত্তর: (ii) শূদ্র

7. চতুরাশ্রমের প্রথম আশ্রম হল-

(i) ব্রহ্মচর্য

(ii) গার্হস্থ্য

(iii) সন্ন্যাস

উত্তর: (i) ব্রহ্মচর্য

৪. বৈদিক যুগে যে-খেলা জনপ্রিয় ছিল, তা হল-

(i) জুয়াখেলা

(ii) পাশাখেলা

উত্তর: (ii) পাশাখেলা

9. বৈদিক যুগে শিক্ষার মূলবিষয় ছিল

(i) পুরাণ পাঠ

(ii) বেদ পাঠ

(ii) পাশাখেল

উত্তর: বেদ পাঠ

10. বৈদিক যুগে প্রজারা নিরাপদে থাকার জন্য রাজাকে স্বেচ্ছায় যে কর দিত-

 (i) ভাগ

 (ii) বলি

 (iii) মনা

উত্তর: বলি

11. বৈদিক সমাজে পরিবারের প্রধান ছিলেন-

 (i) মাতা

 (ii) বয়স্ক ব্যক্তি

 (iii) পিতা

উত্তর: পিতা

12. বৈদিক সাহিত্যগুলিকে ঠিকমতো বোঝার জন্য রচিত হয়েছিল-

(i) বেদাঙ্গ

 (ii)উপনিষদ

 (iii) গীতা

উত্তর:  বেদাঙ্গ

13. অবেস্তার শ্রেষ্ঠ দেবতার নাম-

 (i) অহুর

 (ii) রা

(iii) দয়ের

উত্তর: অহুর

14. আর্য শব্দটি হল-

 (i) জাতি

 (ii) ভাষা

 (iii) সাহিত্য

উত্তর:  ভাষা

15. বৈদিক সাহিত্যে ছন্দে বাঁধা কবিতাকে বলে-

(i) সংহিতা

 (ii)ব্রাহ্মণ

 (iii)আরণ্যক

উত্তর: সংহিতা

16. বৈদিক সাহিত্য থেকে জানা যায় পুজো, যজ্ঞ, বেদ পাঠ ইত্যাদি করতেন-

 (i) ব্রাহ্মণরা

 (ii) বৈশ্যরা

 (iii) ক্ষত্রিয়রা

উত্তর:  ব্রাহ্মণরা

17. পরবর্তী বৈদিক যুগের মানুষদের জীবনযাপনের চারটি পর্যায়ের শেষ পর্যায়টি ছিল-

(i) গার্হস্থ্যাশ্রম

 (ii) বাণপ্রস্থাশ্রম

(iii)সন্ন্যাস আশ্রম

উত্তর: সন্ন্যাস আশ্রম                                                               

শূন্যস্থান পূরণ করো:

1. Roaming শব্দটির মানে হল——————–।

(i) দাঁড়িয়ে থাকা

(ii) ঘোরা

(iii) বেরিয়ে আসা

উত্তর: ঘোরা

2. মহীপতি হলেন————- রাজা।

(i) পৃথিবীর

(ii) রাজ্যের

(iii) দেশের

উত্তর: পৃথিবীর

3. ঋগ্বেদের যুগে সম্পদ হিসেবে -ৃ——————র চাহিদাও ছিল।

(i)  ঘোড়া

(ii) গোরু

(iii) হাতি

উত্তর: ঘোড়া

4. ঋগ্বেদের স্বেচ্ছাকর —————-নামে পরিচিত।

(i) দান

(ii) বলি

(iii) উপরিকর

উত্তর: বলি

5. যুদ্ধবন্দি দাসরাই মূলত ————– ছিল।

(i) শূদ্র

(ii) ব্রাহ্মণ

(iii) বৈশ্য

উত্তর: শূদ্র

6. প্রত্নতাত্ত্বিকরা বৈদিক যুগের কোনো ————–র খোঁজ পাননি।

(i) লিপি

(ii) ধ্বংসাবশেষ

(iii) হাড়গোড়

উত্তর:  লিপি

7. বৈদিক যুগে —————– অনুষ্ঠানের মধ্যদিয়ে ছাত্র- জীবনের সূত্রপাত হত।

(i) সমাবর্তন

(ii) জন্মদিন

(iii) উপনয়ন

উত্তর: উপনয়ন

৪. ছাত্রজীবনের পরিসমাপ্তি ঘটত ————— মধ্য দিয়ে। অনুষ্ঠানের

(i) উপনয়ন

(ii) গোদান

(iii) সমাবর্তন

উত্তর:  গোদান

9. ঋগ্‌বৈদিক যুগের প্রধান দেবতা ছিলেন —————।

(i) বরুণ

(ii) ইন্দ্র

(iii) ব্রহ্মা

উত্তর: ইন্দ্র

10. ————– বেদ আসলে, জাদুমন্ত্রের সংকলন। 

(i) ঋগ্‌

(ii) অর্থব

(iii) সাম

উত্তর:  সাম

11. ঋগ্বেদে ————- বলতে গায়ের রংকেই বোঝায়।

(i) বর্ণ

(ii) ভাষা

(iii)জাতি
উত্তর: বর্ণ

1. বিবৃতি: রামায়ণের রাবণের দশটি মাথা ছিল।

(i)  রাবণ একজন দস্যু ছিলেন।

(ii)  রাবণ রাক্ষসদের রাজা ছিলেন।

 (iii) রাবণের মাথা দশদিকে খাটত।

উত্তর:  রাবণের মাথা দশদিকে খাটত।

2. বিবৃতি : সংস্কৃত, বাংলা, ইংরেজি ও পালি ভাষায় ‘মা’ শব্দের উচ্চারণগত মিল রয়েছে।

(i)   এই ভাষাগুলি একটি পরিবারের অন্তর্ভুক্ত।

(ii)  এই ভাষাগুলি দ্রাবিড় ভাষা থেকে উৎপত্তি হয়েছে।

(iii) এই ভাষা ব্যবহারকারীরা একই অঞ্চলের বাসিন্দা ছিলেন।

উত্তর:   এই ভাষাগুলি একটি পরিবারের অন্তর্ভুক্ত।

3. বিবৃতি: আর্যরা সপ্তসিন্ধু অঞ্চলে তাদের বসতি স্থাপন করেছিল।

(i)  ঋগ্বেদে সিন্ধু ও তার পূর্বদিকের উপনদী ঘেরা অঞ্চলের উল্লেখ পাওয়া যায়।

(ii) ঋগ্বেদে সবরমতী নদীর উল্লেখ পাওয়া যায়।

(iii) ঋগ্বেদে হিমালয় পর্বতের উল্লেখ পাওয়া যায়।

উত্তর:  ঋগ্বেদে সিন্ধু ও তার পূর্বদিকের উপনদী ঘেরা অঞ্চলের উল্লেখ পাওয়া যায়।

4. বিবৃতি : মেগালিথ হল বড়ো পাথর দিয়ে তৈরি সমাধিক্ষেত্র।

(i) মৃত ব্যক্তিকে সমাধি করে তার ওপর পাথর দিয়ে সমাধি চিহ্নিত করা হত।

(ii) সমাধি দেখে বোঝা যায় সমাজে ধনী- দরিদ্রের ভাগ ছিল।

(iii) কোথাও কোথাও একসঙ্গে পরিবারের সকলকে সমাধিস্থ করা হত।
উত্তর: মৃত ব্যক্তিকে সমাধি করে তার ওপর পাথর দিয়ে সমাধি চিহ্নিত করা হত।

1. ঋগ্‌, সংহিতা, যজু, অথর্ব

উত্তর:   সংহিতা

2. সংহিতা, বেদ, আরণ্যক, উপনিষদ

উত্তর:   বেদ

3. সভা, জন, গণ, বিশ

উত্তর:    সভা

4. অশ্বমেধ, নরমেধ, বাজপেয়, রাজসূয়

উত্তর:  নরমেধ 

5. ব্রাহ্মণ, বৈশ্য, শূদ্র, চণ্ডাল

উত্তর:   চণ্ডাল

G সঠিক জোড়াটি খুঁজে লেখো :

1. রাম Roaming

(i) রাবণ — মহাভারত

(ii) কুরুক্ষেত্র — রামায়ণ

(iii) বালি — মুদ্রা

উত্তর:  রাবণ — মহাভারত

2. ভাষা ইন্দো  — ইউরোপীয়

(i)  ভাষা পরিবার ইন্দো — ইউরোপীয়

(ii)  উপভাষা ইন্দো — ইউরোপীয়

(iii)  অপভাষা ইন্দো —- ইউরোপীয়

উত্তর:  উপভাষা ইন্দো — ইউরোপীয়

3. বেদ রামায়ণ

(i) বেদ — মহাভারত

(ii) বেদ — ৪টি

(iii) বেদ – পুরাণ

উত্তর:  বেদ – পুরাণ

4.  নৃপতি — মানুষের রক্ষাকারী

(i)  বিশ্বপতি – ভূমির মালিক

(ii) ভূপতি —  গবাদি পশুর প্রভু

(iii)  গোপতি — গোষ্ঠীর প্রধান

উত্তর:  বিশ্বপতি – ভূমির মালিক

5. যুদ্ধের দেবতা বরুণ

(i) বৃষ্টির দেবতা — অগ্নি

(ii) প্রধান দেবতা — ইন্দ্র

(iii) সূর্যের দেবতা — সোম

উত্তর:   সূর্যের দেবতা — সোম

H ফাঁকা ঘরে সঠিক অক্ষর-বর্ণ বসিয়ে শব্দ গঠন করো:

1. রা —- , —— 

2. সং —- —–

3. অ — , —– বেদ

4. হি —– ব —- 

5. সপ্ত — , —-

Short Question Answer

Very Short Question Answer

1. কোন শব্দের সঙ্গে Roaming শব্দের মিল খুঁজে পাওয়া যায়?

উত্তর:  রাম শব্দের সঙ্গে Roaming শব্দের মিল খুঁজে পাওয়া যায়।

2. রামায়ণে রাবণকে দস্যু বলা হয়েছে কেন?

উত্তর:  অনার্য রাবণ যুদ্ধে হেরে গিয়েছিল, সেই কারণে রামায়ণে রাবণকে দস্যু বা রাক্ষস বলা হয়েছে।

3. ইন্দো-আর্য ভাষার প্রাচীনতম সাহিত্যগ্রন্থ কোন্টি?

উত্তর:  ইন্দো-আর্য ভাষার প্রাচীনতম সাহিত্যগ্রন্থ ঋগ্বেদ।

4. ঋগ্বেদ ও জেন্দ অবেস্তায় কোন ভাষার প্রভাব দেখা যায়?

উত্তর:  ঋগ্বেদ ও জেন্দ অবেস্তায় ইন্দো-ইরানীয় ভাষার প্রভাব দেখা যায়।

5. ঋগ্‌বৈদিক যুগে সমাজের মূলভিত্তি কী ছিল?

উত্তর:  ঋবৈদিক যুগে সমাজের মূলভিত্তি ছিল পরিবার।

6. সমগ্র বৈদিক সাহিত্য ক-টি ভাগে বিভক্ত?

উত্তর:  সমগ্র বৈদিক সাহিত্য চার ভাগে বিভক্ত।

7. ভারতের দুটি মহাকাব্যের নাম কী?

উত্তর:  ভারতের দুটি মহাকাব্যের নাম হল রামায়ণ ও মহাভারত।

৪. দেবতারা কাকে প্রথম রাজা নির্বাচন করেন?

উত্তর:  দেবতারা ইন্দ্রকে প্রথম রাজা নির্বাচন করেন।

9. ঋগবেদে কোন্ ধাতুর উল্লেখ নেই?

উত্তর:  ঋগবেদে লোহার উল্লেখ নেই।

10. বেদের মন্ত্রোচ্চারণ করতেন এমন দুজন নারীর নাম উল্লেখ করো।

উত্তর:  বেদের মন্ত্রোচ্চারণ করতেন এমন দুজন নারীর নাম হল অপালা ও লোপামুদ্রা।

11. কারা ইনামগাঁও অধিকার করেছিল?

উত্তর:  আর্যরা ইনামগাঁও অধিকার করেছিল।

12. ইনামগাঁও কোন রাজ্যে অবস্থিত?

উত্তর:   ইনামগাঁও মহারাষ্ট্রে অবস্থিত।

13. যজ্ঞে কোন্ কোন্ পশু বলি দেওয়া হত?

উত্তর:  যজ্ঞে গোরু ও ঘোড়া বলি দেওয়া হত।

15. মহর্ষি আয়োদধৌম্য কে ছিলেন?

উত্তর:  মহর্ষি আয়োদধৌম্য ছিলেন একজন আদর্শ গুরু।

16.  দ্রোণাচার্যের কথা কোন গ্রন্থ থেকে জানা যায়?

উত্তর:  মহাভারত থেকে দ্রোণাচার্যের কথা জানা যায়।

17.  ঋগ্বেদের বর্ণাশ্রম আর কী নামে পরিচিত ছিল?

উত্তর:   ঋগ্বেদের বর্ণাশ্রম চতুর্বর্ণ প্রথা নামে পরিচিত ছিল।

18. আদি বৈদিক মানুষের বাসস্থান কোথায় ছিল?

উত্তর:   আদি বৈদিক মানুষের বাসস্থান ছিল নদীর কাছাকাছি এলাকাগুলিতে।

19. সমাবর্তন অনুষ্ঠান কী?

উত্তর:  বারো বছর ধরে গুরুর গৃহে পড়াশোনা শেষ হলে যে অনুষ্ঠানের মধ্যদিয়ে ছাত্রদের স্নাতক বলে ঘোষণা করা হত। তাকে সমাবর্তন অনুষ্ঠান বলে।

20.  বেদের আর-এক নাম কী?
উত্তর: বেদের আর-এক নাম শ্রুতি।

21. বেদ-কে ‘শ্রুতি’ বলা হয় কেন?

উত্তর:  বৈদিক সাহিত্য মূলত শুনে শুনে মনে রাখতে হত। তাই বেদের আর-এক নাম ‘শ্রুতি’।

22. বৈদিক সাহিত্যের ক-টি ভাগ? কী কী?

উত্তর:  বৈদিক সাহিত্যের চারটি ভাগ-সংহিতা, ব্রাহ্মণ, আরণ্যক ও উপনিষদ।

23. প্রাচীনকালে রাজারা কী কী যজ্ঞ করতেন?

উত্তর:  প্রাচীনকালে রাজারা অশ্বমেধ যজ্ঞ, বাজপেয় যজ্ঞ, রাজসূয় যজ্ঞ করতেন।

Short Question Answer

1. ঋগ্বেদের ভূগোল থেকে আদি বৈদিক সভ্যতার বিস্তৃতি সম্পর্কে কী তথ্য পাওয়া যায়?

উত্তর:   বৈদিক সাহিত্যে বিশেষ করে ঋগ্বেদে ভূগোল বিষয়ে আলোচনা হয়েছে। ঋগ্বেদের ভূগোল থেকে জানা যায়-

(i) বর্তমান আফগানিস্তান ও পাকিস্তানের উত্তর-পশ্চিম সীমান্তে আদি বৈদিক সভ্যতা ছড়িয়ে পড়েছিল।

(ii) সিধুনদ ও তার পূর্বদিকের উপনদী অঞ্চলই ছিল আদি বৈদিক যুগের মানুষের বাসস্থান। ইতিহাসে এই অঞ্চলই ‘সপ্তসিধু’ অঞ্চল নামে পরিচিত।

2. রামায়ণের বিষয়বস্তু কী?

উত্তর:  ধর্মীয় দৃষ্টিকোণ অনুযায়ী রামায়ণ হল প্রজাবৎসল রাম, দস্যু রাবণের সঙ্গে যুদ্ধ করে কীভাবে স্ত্রী সীতাকে উদ্ধার করেছিলেন তার কাহিনি। ইতিহাসের দিক থেকে দক্ষিণ ভারতে আর্য সভ্যতার বিস্তৃতি এবং আর্য ও অনার্যদের সংঘাত রামায়ণে বর্ণিত হয়েছে।

3. আর্য কারা?

উত্তর:  আর্য কারা এ নিয়ে পণ্ডিতদের মধ্যে নানা মত আছে। একটি মত অনুযায়ী যারা আর্য ভাষায় কথা বলত তারা আর্য। অন্যমত অনুযায়ী, খ্রিস্টপূর্ব ১৫০০ অব্দে ভারতের উত্তর- পশ্চিম সীমান্ত দিয়ে যে-জাতি ভারতে প্রবেশ করেছিল, তারা আর্য।

4.  বিদথ কী?

উত্তর:  ঋবৈদিক যুগে একটি সমিতি বা প্রতিষ্ঠান ছিল বিদথ। এখানে রাজা ও বিশের সদস্যরা যুদ্ধ করা ও যুদ্ধে প্রাপ্ত সম্পদের ভাগ-বাঁটোয়ারা নিয়ে আলোচনা করত।

5. পরবর্তী বৈদিক যুগে রাজা কী কী নামে পরিচিত হন?

উত্তর:  পরবর্তী বৈদিক যুগে রাজা ভূপতি অর্থাৎ জমির মালিক, মহীপতি অর্থাৎ পৃথিবীর রাজা, নৃপতি অর্থাৎ মানুষের রক্ষাকারী নামে পরিচিত হয়।

6.  বৈদিক যুগে কীসের মাধ্যমে ব্যাবসাবাণিজ্য চলত?

উত্তর:  বৈদিক যুগে জিনিসপত্র বিনিময় করা হত। এ যুগে মুদ্রার ব্যবহার ছিল বলে মনে হয় না। যদিও ‘নিষ্ক’ বা ‘শতমান’ মুদ্রার মতোই ব্যবহার করা হত।

7.  বৈদিক যুগে ব্রাহ্মণ ও ক্ষত্রিয়দের কাজ কী ছিল?

উত্তর:  বৈদিক যুগে ব্রাহ্মণরা পুজো, যজ্ঞ, বেদ পাঠ করতেন। আর ক্ষত্রিয়দের কাজ ছিল যুদ্ধ করা ও সম্পদ লুঠ করা। এরা রাজা ও শাসকের দায়িত্বও পালন করতেন।

8.  সভা ও সমিতি কী?

উত্তর:  পরবর্তী বৈদিক যুগে সমাজের ‘বয়স্ক ও অভিজ্ঞ ব্যক্তিদের নিয়ে গঠিত পরামর্শ পরিষদ ছিল সভা। আর সাধারণ মানুষদের নিয়ে তৈরি হত সমিতি।

9. বৈদিক যুগে শিক্ষার ক্ষেত্রে কোন্ কোন্ বিষয়ের ওপর গুরুত্ব দেওয়া হত?

উত্তর:  বৈদিক যুগে বেদ পাঠ, গণিত, ব্যাকরণ ও ভাষা শিক্ষার ওপর জোর দেওয়া হত। তা ছাড়া হাতেকলমে অনেক কিছু সে-যুগের ছাত্রদের শিখতে হত। মেয়েরা অন্যান্য বিষয়েও সঙ্গে সঙ্গে নাচ ও গানের চর্চাও করত।

11.  কীনাশ ও শ্রেষ্ঠী কারা?
উত্তর: পরবর্তী বৈদিক যুগে কৃষক বা হলকর্ষকেরা কীনাশ এবং ধনী বনিকগোষ্ঠী শ্রেষ্ঠী নামে পরিচিত ছিল।

Long Question Answer

1.  আর্য কারা?

উত্তর:  আর্য কারা এই নিয়ে পণ্ডিতদের মধ্যে নানা মতপার্থক্য আছে। যেমন-

(i) আর্য একটি ভাষার নাম। সংস্কৃত, হিন্দি, বাংলা, গুজরাটি, জার্মান ইত্যাদি ইন্দো-ইউরোপীয়ান ভাষাগুলির মধ্যে যে-কোনো একটিতে যারা কথা বলত তারা ‘আর্য’ নামে পরিচিত ছিল।

(ii) আর্য শব্দটি এসেছে ‘অরি’ শব্দ থেকে এর অর্থ ‘নবাগত’ বা ‘নবাগতের প্রতি পক্ষপাতীত্ব’।

(iii) খ্রিস্টপূর্ব ১৫০০ অব্দে ভারতের উত্তর-পশ্চিম সীমান্ত দিয়ে যে-দীর্ঘকায়, টিকালো নাক, গৌরবর্ণ বিদেশিরা ভারতে প্রবেশ করেছিল তারাই আর্য।

3.1. বেদ শুনে শুনে মনে রাখতে হত। এর কারণ কী বলে তোমার মনে হয়?

উত্তর:  বৈদিক যুগে বেদ শুনে শুনে মনে রাখতে হত, কারণ-

(i) বৈদিক যুগের শুরুতে বেদ-এর কোনো লিখিত রূপ ছিল না।

(ii) সে-সময় লিখন রীতির প্রচলনও ছিল না। ফলে পুথিপত্রের অভাব ছিল।

(iii) তা ছাড়া এটা মনে করা হত যে, বেদ হল ঈশ্বরের বাণী। তাই ঈশ্বরের বাণী যাতে সঠিকভাবে উচ্চারিত হয় সেদিকে নজর রাখা হত। বেদ যেহেতু শুনে শুনে মুখস্থ করা হত সে কারণে বেদ-এর অপর নাম ‘শ্রুতি’।

3.2. বৈদিক সমাজ চারটি ভাগে কেন ভাগ হয়েছিল বলে তোমার মনে হয়?

উত্তর:  বৈদিক সাহিত্য সে-যুগের সমাজের কথা তুলে ধরে। বৈদিক সমাজের সবথেকে ছোটো অংশ ছিল পরিবার। পরিবারের সবথেকে বয়স্ক ব্যক্তিই ছিলেন পরিবারের প্রধান। একই পরিবারের সদস্যরা নানান কাজের সঙ্গে যুক্ত থাকতেন। অন্যদিকে, বৈদিক সমাজে কৃষি ও ব্যাবসাবাণিজ্যের যথেষ্ট উন্নতি হয়। শিক্ষারও বেশ প্রসার ঘটে। এ ছাড়া অনেক জনপদ ও শাসক গোষ্ঠীরও উদ্ভব হয়। ফলে মানুষের কাছে নানা ধরনের কাজের সুযোগ আসে। এই কাজগুলি করার জন্যই বৈদিক সমাজকে (পেশাভিত্তিক) চারটি ভাগে ভাগ করা হয়, যথা-ব্রাহ্মণ, ক্ষত্রিয়, বৈশ্য ও শূদ্র।

            ব্রাহ্মণরা পুজো, যাগযজ্ঞ ও বেদ পাঠ করতেন। ক্ষত্রিয়দের কাজ ছিল দেশের জন্য যুদ্ধ করা ও যুদ্ধে পরাজিত ব্যক্তির সম্পদ লুঠ করা। বৈশ্যরা কৃষি, পশুপালন ও ব্যাবসাবাণিজ্য করত। আর ব্রাহ্মণ, ক্ষত্রিয় ও বৈশ্যদের সেবা করত শূদ্ররা।

3.3. বৈদিক যুগের পড়াশোনায় গুরু ও শিষ্যের সম্পর্ক কেমন ছিল বলে তোমার মনে হয়?

উত্তর:   বৈদিক যুগে শিক্ষা ব্যবস্থার প্রধান ছিলেন গুরু। সেযুগে মূলত মৌখিকভাবেই শিক্ষা চর্চা হত। গুরু কোনো একটি অংশ পড়ে তার অর্থ বুঝিয়ে দিতেন। অন্যদিকে ছাত্ররা গুরুর শেখানো অংশটি পুরোটা শোনার পর আবৃত্তি করত এবং মনে রাখত। মুখস্থ করার ক্ষেত্রে সঠিক উচ্চারণের ওপর গুরুত্ব দেওয়া হত। বাল্যকালে ব্রাহ্মণ সন্তানরা (উপনয়নের পর) গুরুগৃহে থেকে ব্রহ্মচর্য পালন করত। গুরুগৃহে থাকা, খাওয়ার সঙ্গে সঙ্গে ছাত্ররা গুরুর কাছে শিক্ষালাভ করত। গুরু ছাত্রদের নিজের সন্তানের মতো পালন করতেন। অন্যদিকে ছাত্ররা গুরুদক্ষিণা স্বরূপ গুরুর বাড়ির নানা কাজ করত এবং গুরুর আদেশ মেনে চলত। এর ফলে গুরু ও শিষ্যের মধ্যে একটি সুসম্পর্ক গড়ে উঠত।

3.4. আদি বৈদিক ও পরবর্তী বৈদিক যুগে নারীর অবস্থার কি কোনো বদল হয়েছিল? বদল হয়ে থাকলে কেন তা হয়েছিল বলে মনে হয়?

উত্তর: আদি বৈদিক ও পরবর্তী বৈদিক যুগে নারীর অবস্থার অনেক বদল ঘটেছিল।

            কর্মের ভিত্তিতে বৈদিক সমাজ চারটি ভাগে বিভক্ত হওয়ায় নারীদের সামাজিক মর্যাদার ক্ষেত্রে পরিবর্তন ঘটে। আদি বৈদিক যুগে সমাজে নারীদের যথেষ্ট মর্যাদা ছিল। গৃহে নারীরাই ছিল সর্বময়ী কর্ত্রী। তারা উপযুক্ত শিক্ষাগ্রহণ করার সুযোগ পেত। সমাজের নানা কাজে তারা যোগ দিত। নাচ- গান থেকে শুরু করে যুদ্ধবিদ্যাতেও তারা সমান পারদর্শী হয়ে উঠত। সে-সময় নারীরা নিজেদের স্বামী মনোনয়ন করতে পারত।

কিন্তু পরবর্তী বৈদিক যুগে সমাজে নারীর মর্যাদা হ্রাস পায়। এসময় কন্যাসন্তানের জন্মকে অকাম্য ধরা হত। সমাজে বাল্যবিবাহ ও সতীদাহপ্রথার প্রচলন ঘটে। ধর্মীয় ক্রিয়াকলাপ পরিচালনার দায়িত্ব নারীদের হাত থেকে পুরুষদের হাতে চলে যায়। এ ছাড়া পুরুষের বহুবিবাহ, পণপ্রথা প্রভৃতি কারণে নারীদের জীবন দুর্বিসহ হয়ে ওঠে।

True and False

1. ইন্দো-ইউরোপীয় ভাষা গোষ্ঠীর এক সদস্য হল ইন্দো- ইরানীয় ভাষা।

উত্তর:  ঠিক

2. ‘সংহিতা’ কথার অর্থ গান।

উত্তর:  ভুল

3. বৈদিক সাহিত্য মূলত ধর্মীয় সাহিত্য।

উত্তর: ঠিক

4. আদি বৈদিক সমাজে লোহার ব্যবহার ছিল না।

উত্তর:  ঠিক

5. বৈদিক যুগে জিনিসের পরিবর্তে জিনিস কেনাবেচা করা হত।

উত্তর:  ঠিক

6. বৈদিক যুগে শূদ্ররাও চতুরাশ্রম প্রথা পালন করত।

উত্তর:   ভুল

7. পুরো ভারতীয় উপমহাদেশ জুড়ে বৈদিক সভ্যতা ছড়িয়ে পড়েছিল।

উত্তর:  ভুল

৪. বৈদিক সাহিত্য ১৫০০ খ্রিস্টাব্দ থেকে ৬০০ খ্রিস্টপূর্বাব্দের মধ্যে রচিত হয়েছিল।

উত্তর:   ভুল

9. গ্রামের থেকে বড়ো জনসমষ্টিকে বলা হত বিশ।

উত্তর:  ঠিক

10. আদি বৈদিক যুগের ইতিহাস জানার প্রধান উপাদান ঋগ্বেদ।
উত্তর: ঠিক

RBSE Board Class 11 English Books Solution | RBSE Solutions for Class 11 English (अंग्रेज़ी) |

RBSE Class 11 English Hornbill Prose
Chapter 1 The Portrait of a Lady
Chapter 2 We’re Not Afraid to Die… If We Can All Be Together
Chapter 3 Discovering Tut: The Saga Continues
Chapter 4 Landscape of the Soul
Chapter 5 The Ailing Planet: the Green Movement’s Role
Chapter 6 The Browning Version
Chapter 7 The Adventure
Chapter 8 Silk Road


RBSE Class 11 English Hornbill Poetry
Poem 1 A Photograph
Poem 2 The Laburnum Top
Poem 3 The Voice of the Rain
Poem 4 Childhood
Poem 5 Father to Son


RBSE Class 11 English Supplementary Reader Snapshots
Chapter 1 The Summer of the Beautiful White Horse
Chapter 2 The Address
Chapter 3 Ranga’s Marriage
Chapter 4 Albert Einstein at School
Chapter 5 Mother’s Day
Chapter 6 The Ghat of the Only World
Chapter 7 Birth
Chapter 8 The Tale of Melon City

RBSE Class 11 Biology | RBSE Solutions for Class 11 Biology (जीव विज्ञान)

RBSE Class 11 Biology Solutions in English Medium
Chapter 1 The Living World
Chapter 2 Biological Classification
Chapter 3 Plant Kingdom
Chapter 4 Animal Kingdom
Chapter 5 Morphology of Flowering Plants
Chapter 6 Anatomy of Flowering Plants
Chapter 7 Structural Organisation in Animals
Chapter 8 Cell: The Unit of Life
Chapter 9 Biomolecules
Chapter 10 Cell Cycle and Cell Division
Chapter 11 Transport in Plants
Chapter 12 Mineral Nutrition
Chapter 13 Photosynthesis in Higher Plants
Chapter 14 Respiration in Plants
Chapter 15 Plant Growth and Development
Chapter 16 Digestion and Absorption
Chapter 17 Breathing and Exchange of Gases
Chapter 18 Body Fluids and Circulation
Chapter 19 Excretory Products and their Elimination
Chapter 20 Locomotion and Movement
Chapter 21 Neural Control and Coordination
Chapter 22 Chemical Coordination and Integration


RBSE Class 11 Biology Solutions in Hindi Medium
Chapter 1 जीव जगत
Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण
Chapter 3 वनस्पति जगत
Chapter 4 प्राणि जगत
Chapter 5 पुष्पी पादपों की आकारिकी
Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर
Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन
Chapter 8 कोशिका : जीवन की इकाई
Chapter 9 जैव अणु
Chapter 10 कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन
Chapter 11 पौधों में परिवहन
Chapter 12 खनिज पोषण
Chapter 13 उच्च पादपों में प्रकाश-संश्लेषण
Chapter 14 पादप में श्वसन
Chapter 15 पादप वृद्धि एवं परिवर्धन
Chapter 16 पाचन एवं अवशोषण
Chapter 17 श्वसन और गैसों का विनिमय
Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण
Chapter 19 उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन
Chapter 20 गमन एवं संचलन
Chapter 21 तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय
Chapter 22 रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण

RBSE Class 11 Chemistry | RBSE Solutions for Class 11 Chemistry (रसायन विज्ञान) |

RBSE Class 11 Chemistry Solutions in English Medium
Chapter 1 Some Basic Concepts of Chemistry
Chapter 2 Structure of Atom
Chapter 3 Classification of Elements and Periodicity in Properties
Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure
Chapter 5 States of Matter
Chapter 6 Thermodynamics
Chapter 7 Equilibrium
Chapter 8 Redox Reactions
Chapter 9 Hydrogen
Chapter 10 The s-Block Elements
Chapter 11 The p-Block Elements
Chapter 12 Organic Chemistry – Some Basic Principles and Techniques
Chapter 13 Hydrocarbons
Chapter 14 Environmental Chemistry
RBSE Class 11 Chemistry Solutions in Hindi Medium
Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ
Chapter 2 परमाणु की संरचना
Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता
Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना
Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ
Chapter 6 ऊष्मागतिकी
Chapter 7 साम्यावस्था
Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ
Chapter 9 हाइड्रोजन
Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व
Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व
Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें
Chapter 13 हाइड्रोकार्बन
Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन