Chapter 14
गोकुल लीला
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:
- दोनों पदों में से तुम्हें कौन सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?
उत्तर: दोनों पदों में से मुझे पहला पद अधिक अच्छा लगा। क्योंकि पहले पद में नन्हे कृष्ण के शिशु रूप को मनमोहक तरीके से दर्शाया गया है। जिस प्रकार नन्हा कान्हा अपने ही परछाई को पकड़ने के लिए आंगन में इधर उधर घूमता है, उसे देख कोई भी मोहित हो जाएगा।
- दूसरे पद को पढ़ कर बताओ कि तुम्हारे अनुसार उस समय कृष्ण की उम्र क्या रही होगी?
उत्तर: मेरे अनुसार बालक कृष्ण की उम्र 10 से 12 तक रही होगी।
- पहले पद में घुटनों के बल चलने वाले कृष्ण का जो वर्णन किया गया है- उसे अपनी हिंदी में प्रस्तुत करो।
उत्तर: श्री कृष्ण शिशु अवस्था में अपने पिताश्री नंद के आंगन में खेला करते हैं। अपनी ही परछाई को पकड़ने के लिए घुटनों के बल यहांँ वहांँ चला करता हैं और अपने दूध के दो दांँत निकाल जोर-जोर से हंँसता है। जिसकी किलकारी से सारा आंँगन गूंज उठता है। कृष्ण का यह रूप देख यशोदा मैया मोहित हो जाती है और उसे अपने गोदी में उठाकर आंँचल से ढककर दूध पिलाने लगती है।
4.मक्खन चुराकर भी कृष्ण अपनी चतुराई से कैसे मांँ का मन मोह लेता है।- उसका वर्णन अपने शब्दों में करो।
उत्तर: जब माखन चोरी पकड़े जाने पर यशोदा कृष्ण को दंड देने के लिए हाथ में छड़ी लेकर आती है, तब श्री कृष्ण अपने को निर्दोष साबित करने के लिए मांँ से कहता है कि उसने माखन नहीं चुराई। उसके मुंँह में जो माखन लगी है यह माखन उसके साथी ने लगाए हैं। और मांँ से कहता है कि उसके नन्हे-नन्हे हाथ लटकाकर रखे गए माखन के बर्तनों तक नहीं पहुंच पाते, चाहे तो वह खुद ही देख ले। तभी कृष्ण अपने मुंँह से दधि पोछकर माखन के दोना को पीछे छिपा लेता है। यशोदा को सच पता चलने पर भी कृष्ण के इस भोलेपन को देखकर हाथ से छड़ी फेंक देती है और मुस्कुरा कर उसे अपने गले से लगा लेती है। तथा इस तरह मक्खन चुराकर भी कृष्ण अपनी चतुराई से मांँ का मन मोह लेता है।
- सही उत्तर में सही निशान लगाओ:
(क) श्री कृष्ण घुटनों के बल चलते हुए-
उत्तर: किलकारी कर रहा था।
(ख) नंद का आंँगन
उत्तर: मणियों से जड़ा हुआ था।
(ग) कृष्ण के मुंँह पर मक्खन लगा हुआ था, क्योंकि-
उत्तर: वह माखन चुराकर खा रहा था।
- उत्तर दो:
(क) नंद के आंगन में कृष्ण किस का प्रतिबिंब पकड़ने के लिए दौड़ता था?
उत्तर: नंद के आंगन में कृष्ण खुद का प्रतिबिंब पकड़ने के लिए दौड़ता था।
(ख) कृष्ण के झूठ पकड़े जाने पर यशोदा ने क्या किया?
उत्तर: कृष्ण के झूठ पकड़े जाने पर यशोदा ने हाथ से छड़ी फेंक दी और मुस्कुरा कर उसे गले लगा लिया।
(ग) यशोदा बार-बार नंद को क्यों बुलाती है?
उत्तर: कृष्ण की बाल अवस्था को देख यशोदा को अत्यंत आनंद एवं सुख मिलता है और अपने नंद को गोदी में उठाने के लिए यशोदा बार-बार नंद को बुलाती है।
(घ) माता यशोदा बालक कृष्ण को किस तरह दूध पिलाती है?
उत्तर: माता यशोदा बालक कृष्ण को गोदी में उठाकर अपने आंँचल से ढककर दूध पिलाती है।
(ङ) किलकारी मारकर हंँसते हुए कृष्ण का मुंँह कैसा दिखता है?
उत्तर: जब किलकारी मारकर श्री कृष्ण हंँसते हैं, तब उनके छोटे-छोटे दूध के दो दांत निकल पड़ते हैं।
(च) ‘मैया मैं नहीं माखन खायौ’- इसके समर्थन में कृष्ण क्या सफाई देता है?
उत्तर: ‘मैया मैं नहीं माखन खायौ’ इसके समर्थन में कृष्ण सफाई देते हुए कहता है कि उसके मुंँह में जो माखन लगी हुई है यह माखन उसके साथी ने उसके मुंँह में लपेट दिया है।
(छ) बालक कृष्ण ने माखन-चोरी के आरोप से बचने के लिए क्या चालाकी की?
उत्तर: जब कृष्ण मांँ यशोदा के सामने पकड़ा गया, तब उसने माखन चोरी के आरोप से बचने के लिए अपने साथी पर इल्जाम लगाया की उन्होंने उसके मुंँह में माखन लपेट दिया है। और सफाई में कहा कि उसके छोटे-छोटे हाथ तो माखन की बर्तनों तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। चाहे तो वह खुद ही देख ले। यह कहते ही मुंँह में लगे दधि को पोंछ हाथ में पकड़े दोना को पीछे छुपा लेता है।
(ज) क्या बालक कृष्ण माखन-चोरी के आरोप से बच पाया? यदि नहीं तो माता यशोदा ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर: बालक कृष्ण माखन चोरी के आरोप से बच नहीं पाया। लेकिन जिस भोलेपन से कृष्ण ने अपने निर्दोष होने की बात रखी, उसे देख यशोदा का मन मोहित हो गया और अपने हाथ से छड़ी फेंक दी और मुस्कुरा कर उसे अपने गले से लगा लिया।
(झ) घुटनों के बल चलते हुए बालक कृष्ण के रूप-सौंदर्य का अपने शब्दों में वर्णन करो।
उत्तर: संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो शिशु कृष्ण की सौंदर्यता को देख मोहित न हुआ हो। सूरदास जी ने इस पद के जरिए यह कहा हैं कि जब नन्हा कृष्ण आंगन में खेलता है तब अपने घुटनों के बल तथा अपने कोमल हाथों के सहारे अपनी ही परछाई का पीछा करते यहांँ वहांँ घूमा करता है और अपने ही परछाई को देख हंसने लगता है। उसे देख यशोदा मोहित हो जाती है। क्योंकि हंसते समय उसके दूध के दो दांत निकल पड़ते हैं। जिससे कृष्ण के मुंँह का सौंदर्य और भी बढ़ जाता है। कृष्ण जितनी बार अपनी परछाई को हंसता हुआ देखता है वह उतनी बार हंसने लगता है। अर्थात इस अनुपम दृश्य को देख कौन कृष्ण के सौंदर्य पर मोहित नहीं होगा।