1. किसने कहा, किससे कहा?
(क)”बाबूजी, बड़े मजेदार सेब आए हैं।”
उत्तर: दुकानदार ने लेखक से कहा।
(ख)”सेब चुन-चुनकर रखना।”
उत्तर: लेखक ने दुकानदार से कहा।
2. एक वाक्य में उत्तर लिखो:
(क) दुकान पर किस रंग के सेब सजे हुए थे?
उत्तर: दुकान पर गुलाबी रंग के सेब सजे हुए थे।
(ख) बनारस किस आम के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: बनारस लंगड़े आम के लिए प्रसिद्ध है।
(ग) लेखक ने दुकानदार से कितने सेब मांगे?
उत्तर: लेखक ने दुकानदार से आध सेर सेब मांगे।
(घ) लेखक ने दुकानदार को कितने पैसे दिए?
उत्तर: लेखक ने दुकानदार को चार आने पैसे दिए।
(ङ) फल खाने का उपयुक्त समय क्या है?
उत्तर: फल खाने का उपयुक्त समय प्रातः काल है।
3. संक्षेप में उत्तर लिखो:
(क) हमारे बदले हुए खाद्याभ्यास के बारे में लेखक का क्या विचार है?
उत्तर: लेखक का विचार है कि हमारे बदलते हुए खाद्य अभ्यास में आज लोग केवल उन्हीं खाद्य पदार्थों को खाना चाहते हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन और प्रोटीन पाया जाता है। पहले टमाटर को कोई खेत में भी नहीं पूछता था, लेकिन अब यह भोजन का आवश्यक अंग बन गया है। गाजर भी पहले गरीबों की पेट भरने की चीज मानी जाती थी, जबकि अमीर लोग केवल उसका हलवा ही खाते थे। लेकिन जब से यह पता चला है कि गाजर में प्रोटीन होता है, तब से इसे भी मेज पर स्थान मिलने लगा है।
(ख) सेब खाने के क्या-क्या लाभ है?
उत्तर: सेब में विटामिन-सी और विटामिन-बी पाया जाता है। कहा जाता है कि अगर हम रोज एक सेब खाए तो हमें डॉक्टर के पास जाना नहीं पड़ेगा। अर्थात सेब खाने से हमें शक्ति मिलती है और कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
(ग) लेखक ने प्रातः काल खाने के लिए जब सेब निकाले तो वे किस हालत में मिले?
उत्तर: लेखक ने प्रातःकाल खाने के लिए जब सेब निकाले, तो सभी सड़े हुए निकले। पहले सेब को निकालने पर देखा कि उसमें एक रुपए के आकार का चिल्का लग गया था। दूसरा सेब आधा सड़ा हुआ था। तीसरा सेब दबकर बिल्कुल पिचक गया था। चौथा सेब बेदाग था, लेकिन उसमें एक काला सुराग था, जैसा अक्सर कीड़ों में होता है।
(घ) दुकानदार को लेखक से बेईमानी करने का अवसर कैसे मिला?
उत्तर: दुकानदार को लेखक से बेईमानी करने का अवसर तब मिला जब लेखक ने अपना रुमाल निकालकर कहा, “चुन-चुन रखना।” दुकानदार समझ चुका था कि यह महाशय अपनी आंखों से काम लेने वाले व्यक्ति नहीं हैं और न ही इतने चौकस हैं कि घर से सेब लौटाने के लिए आएंगे।
(ङ) खोमचेवाले की ईमानदारी के बारे में लेखक ने क्या कहा है?
उत्तर: एक बार मैं मुहर्रम के मेले में गया था। वहां पर खोमचेवाले से मैंने एक पैसे की रेवड़ी ली थी, लेकिन उसने गलती से मुझे अठन्नी दे दी। जब मैं घर आया और अपनी भूल का पता चला, तो मुझे उम्मीद नहीं थी कि खोमचेवाला अठन्नी लौटाएगा। लेकिन जब मैं वहां गया, तो उसने मुस्कुराते हुए अठन्नी लौटाई और मुझसे अपनी भूल के लिए क्षमा मांगी।
(च) इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: कश्मीरी सेब कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी वस्तु दुकानदार से खरीदने से पहले अच्छे से सामग्रियों की जांँच करनी चाहिए। तथा दुकानदार की मीठी मीठी बातों मैं न आकर सतर्क रहना चाहिए। पैसे देते वक्त भी सावधानी बरतनी चाहिए।
4.”चार पैसों का इतना गम न हुआ, जितना समाज के इस चारित्रिक पतन का।”- लेखक ने किस परिस्थिति में ऐसा कहा है?
उत्तर: जब लेखक ने प्रातःकाल मुंह हाथ धोकर लिफाफे से सेब निकालकर खाना चाहा, तो देखा कि सभी सेब खराब और सड़े हुए थे। तब उन्हें ज्ञात हुआ कि दुकानदार ने जानबूझकर उन्हें ठगा है। उन्हें इस बात की चिंता नहीं थी कि उनका पैसा चला गया, बल्कि उन्हें इस बात की चिंता थी कि दुकानदार किस प्रकार ग्राहकों के भोलेपन का फायदा उठाकर उन्हें ठग लेते हैं।
5. सत्य कथन के सामने [√] और असत्य कथन के सामने [×] का निशान लगाओ:
(क) गाजर में अधिक विटामिन पाया जाता है।
= [√]
(ख) अल्फाँसो सेब की एक किस्म है।
= [×]
(ग) फल खाने का सही समय रात है।
= [×]
(घ) चौथे सेब में एक काला सुराग था।
= [√]
(ङ) दुकानदार ने लेखक को बढ़िया से दिए थे।
= [×]
(च) आदमी बेईमानी तभी करता है जब उसे अवसर मिलता है।
= [√]
(छ) लेखक ने दुकानदार को सेब की कीमत के रूप में चार आने पैसे दिए थे।
= [√]
(ज) एक सेब भी खाने लायक नहीं था।
= [√]
(झ) सभी दुकानदार बेईमानी करते हैं।
= [×]
( ) खोमचेवाले ने लेखक की अठन्नी नहीं लौटायी।
= [×]